विलक्ष्ण प्रतिभाशाली लौह पुरुष सरदार पटेल के जीवन की कुछ प्रेरणादायक अनसुनी घटनायें Part 3

सरदार पटेल के जीवन की कुछ प्रेरणादायक अनसुनी घटनायें

dr. j k garg
बालक पटेल अपने किसान पिता के साथ खेत पर जाया करते थे | एक दिन पटेल के पिताजी खेत में हल चला रहे थे वहीं अपने पिता के साथ चलते चलते बालक वल्लभ पहाड़े याद करते जा रहे थे जिसमें वो पूरी तरह से मग्न हो गये और हल के पीछे चलते चलते एक एक उनके पांव में कांटा चुब गया परन्तु बालक पटेल पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और वो तो पहाड़े याद करने में तल्लीन थे | अचानक उनके पिताजी की नजर अपने बेटे के पांव पर पड़ी तो उसके पांव में बड़ा सा कांटा देखकर वो एक दम से चौक गये और दयालु पिता ने फोरन अपने बैलों को रोककर वल्लभ के पैर से कांटा निकाला और घाव पर पत्ते लगा कर खून को बहने से रोका | अपने नन्हें पुत्र की अध्ययन के प्रति एकाग्रता देखकर वो बहुत खुश हुए और उन्हें जीवन में कुछ बहुत बड़ा काम करने का आशीर्वाद दिया | सरदार ने यह बात मां ली कि जीवन में इस तरह के बहुत से कांटे और मुसीबते आती रहेगीं किन्तु उनके दर्द की परवाह नहीं करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिस करने से सफलता जरुर मिलती है |

कर्तव्यपरायणता को सर्वोच्च मानते थे हमारे सरदार

सन् 1909 में वकील सरदार एक केस में कोर्ट के अंदर पैरवी कर रहे तभी सरदार पटेल को अपनी पत्नी की मृत्यु का तार मिला। पढ़कर उन्होंने पत्र को अपनी जेब में रख लिया मानो जैसे कुछ हुआ ही नहीं। दो घंटे तक लगातार बहस कर उन्होंने केस जीत लिया | बहस खत्म हो जाने के बाद जज साहिब वह अन्य लोगों को जब यह खबर मिली कि सरदार पटेल की पत्नी का निधन हो चूका है तब जज साहब ने सरदार पटेल से इस बारे में पूछा तो सरदार ने कहा कि “उस समय मैं अपना फर्ज निभा रहा था, जिसके वास्ते मुझे फीस मेरे मुवक्किल ने फीस दी थी | सरदार बोले मैं अपने मुवक्किल के साथ अन्याय कैसे कर सकता था |

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