मकर सक्रांति —- सूर्य संवत्सर का सबसे महत्वपूर्ण बड़ा दिन part 4

j k garg
मकर संक्रांति के दिन भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों यथा प्रयाग,हरिद्वार,वाराणसी,कुरुक्षेत्र,गंगासागर आदि में पवित्र नदियों गंगा,यमुना आदि में करोडों लोग डुबकी लगा कर स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि वरुण देवता इन दिनों में यहां आते हैं | यह भी माना जाता है कि उत्तरायण में देवता मनुष्य द्वारा किए गए हवन,यज्ञ आदि को शीघ्रता से ग्रहण करते हैं। अथर्ववेद में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि दीर्घायु और स्वस्थ रहने के लिए सूर्योदय से पूर्व ही स्नान शुभ होता है। ऋग्वेद में ऐसा लिखा है कि हे सूर्योदय से पूर्व ही स्नान करने से भास्कर देव हमारे वात,पित्त और कफ से पैदा होने वाले रोगों को समाप्त करते हैं | मकर संक्रांति माघ माह में आती है | संस्कृत में मघ शब्द से माघ निकला है। मघ शब्द का अर्थ होता है धन,सोना-चांदी,कपड़ा,आभूषण आदि इसलिए इन वस्तुओं के दान आदि के लिए ही माघ माह उपयुक्त है। ईसी वजह से मकर संक्रांति को माघी संक्रांति भी कहते है। मकर संक्रांति को देश में कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे तिल संक्रांति, खिचड़ी संक्रांति एवं माघ संक्रांति |

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