पीयूष पांडे: शब्दों से दिलों में उतरने वाला जादूगर चला गया

 निरंजन परिहार पीयूष पांडे संसार से चले गए, लेकिन संसार की सांसों में रहेंगे, आने वाली कई पीढ़ियों तक। क्योंकि जब भी कोई विज्ञापन दिल को छू जाएगा, वहां कहीं न कहीं पीयूष पांडे की आत्मा ज़रूर महसूस होगी। भारतीय विज्ञापन जगत का नाम लेते ही, जो चेहरा सबसे पहले सामने आता है, वह है पीयूष पांडे। … Read more

हवा को जहर बनाता दिल्ली का आत्मघाती प्रदूषण

दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण एक बार फिर दुनिया की नजरों में भारत की राजधानी को शर्मसार कर रहा है। कभी संस्कृति, ऊर्जा और प्रगति की पहचान रही दिल्ली आज धुएं और धूल की चादर में लिपटी दिखाई देती है। हवा में घुला ज़हर इस हद तक बढ़ चुका है कि सांस लेना भी एक जोखिम … Read more

भाई-बहन को समर्पित अनूठा, ऐतिहासिक एवं संवेदनात्मक त्यौहार

भाई दूज- 23 अक्टूूबर, 2025 भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त … Read more

बिहार चुनावः मुद्दों एवं मूल्यों से दूर भागती राजनीति

बिहार में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। हर दल अपने-अपने घोषणापत्र, नारों और वादों के साथ जनता को लुभाने में जुटा है। मंचों पर भाषणों की गरमी है, प्रचार रथ दौड़ रहे हैं, लेकिन इस शोर में सबसे बड़ी कमी है-जनता के असली मुद्दों की आवाज़। राजनीति का यह शोर विकास की असली जरूरतों को … Read more

दीपावली भौतिक ही नहीं, आत्मिक उजाले का महापर्व

दीपावली केवल दीपों का ही पर्व नहीं है बल्कि यह आत्मा के भीतर बसे अंधकार को मिटाने की साधना का अनुष्ठान है। यह भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जो जन-जन के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली का उजास फैलाती है। पांच दिवसीय इस उत्सव की श्रृंखला धनतेरस से आरंभ होकर भाई दूज तक चलती … Read more

धनतेरस धन के भौतिक एवं आध्यात्मिक समन्वय का पर्व

धनतेरस का पर्व पंच दिवसीय दीपोत्सव की पवित्र श्रृंखला का आरंभिक द्वार है। यह केवल सोना-चांदी, वस्त्र या बर्तन खरीदने का शुभ दिन नहीं, बल्कि धन के प्रति हमारी सोच को पुनर्संतुलित करने का अवसर है। भारतीय संस्कृति में धन को सदैव देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, परंतु यह पूजन केवल भौतिक संपदा … Read more

गरीबी है मानवता के भाल पर बड़ा कलंक

अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस- 17 अक्टूबर, 2025 विश्व समुदाय हर वर्ष 17 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के रूप में मनाता है। यह दिन केवल एक स्मरण नहीं, बल्कि मानवता के समक्ष खड़ी सबसे बड़ी चुनौती पर मंथन का अवसर है। सभ्यता के विकास, तकनीकी प्रगति, आर्थिक विस्तार और वैश्विक व्यापार के बावजूद आज … Read more

हिन्दुस्तान के वासी हैं गोरखा

सीमाओं की रक्षक है दुश्मनों के दुश्मन है, डरते नहीं ये मौत से कभी हिन्दुस्तान की शान हैं गोरखा। अक्सर ज़ंग के मैदान में प्रथम पंक्ति में खड़े रहते है, बेहिसाब दुश्मनों को मारकर अंतिम सांस तक लड़ते हैं गोरखा। ईंट का जवाब पत्थर से देते है ज़ंग की मैदान से भागते नही है, अपने … Read more

एक लाख एकल शिक्षक स्कूलों की त्रासदी से त्रस्त शिक्षातंत्र

भारत में आज भी कई सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चे सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे सभी विषय पढ़ रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय के साल 2024-25 के आधिकारिक डेटा के मुताबिक देश के कुल 1,04,125 स्कूलों में एक ही शिक्षक सभी कक्षाओं एवं सभी विषयों को पढ़ा रहे हैं। यह आंकड़ा हमारे शिक्षा तंत्र की … Read more

आत्मचिंतन की दिवाली

दिवाली रोशनी का पर्व है, लेकिन सच्ची रोशनी तो तब आती है जब हमारे मन के अंधेरे मिटते हैं। हम हर साल अपने घरों की सफाई करते हैं — दीवारें धोते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, दीप जलाते हैं। पर क्या कभी हमने अपने भीतर झांका है? क्या हमने अपने मन के कोनों में जमा … Read more

इस्राइल-हमास युद्धविरामः आशा की किरण या अस्थायी विराम?

गाज़ा की धरती लम्बे दौर से संघर्ष, हिंसा, विनाश और तबाही की त्रासदी की गवाह रही है, आज फिर एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहाँ शांति की एक हल्की किरण दिखाई तो देती है, परंतु उसके चारों ओर धुएँ और राख का अंधकार अब भी विद्यमान है। हाल ही में हुए युद्ध-विराम ने न … Read more

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