*समाज सुधार व जनजागरण के कार्यों को आगे बढ़ाना होगा*
महर्षि दयानंद सरस्वती ने वेदों के प्रति जो भ्रांतियां पैदा हुई, उन पर प्रहार किया स्वामी जी ने उद्घोष किया वेदों की और लौटो -चरित्र पूजा से ही चक्रवती व विश्वगुरु का स्थान प्राप्त हो सकता है -महर्षि दयानंद सरस्वती के 200वें जयंती वर्ष के अवसर पर प्रबुद्धजन संगोष्ठी में वक्ताओं ने रखे विचार ✍️प्रेम … Read more