क्यूं तुझमें मेरा रब सा दिखाई देता है

मीनाक्षी 'नाज'
मीनाक्षी ‘नाज’
क्यूं तुझमें मेरा रब सा दिखाई देता है
मुझको तो इक जंगल सा दिखाई देता है
दूर होकर भी पास मेरे वो रहता है
मुझको तो दीवानों सा देखाई देता है
खिले हैं फूल आज चमन में कुछ ऐसे
सदियों के बाद बहार सा दिखाई देता है
तू भले हो जाये कोई समन्दर और तुझमें
जन्मों का कोई प्यासा सा दिखाई देता है
जिक्र करता है रूहानी जब-जब भी वो
खुद से कोसों दूर सा दिखाई देता है
जनम जनम से नाता तेरा मेरा है
ख्वाब भी मुझको हकीकत सा दिखाई देता है
मीनाक्षी नाज़

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