इन बयानों का मतलब क्या?

ओम माथुर
ओम माथुर
क्या विदेशी महिला पर्यटकों के स्कर्ट नहीं पहनने से उनकी सुरक्षा हो जाएगी? क्या बीफ खाने से खिलाड़ी गोल्ड मैडल जीत सकते हैं? दोनों ही बातें आपको हास्यास्पद और बचकानी लगेगी, लेकिन अफसोसजनक है कि ये बचकाना बयान हमारे देश के माननीय मँत्री और साँसद के हैं और दोनों ही उस सत्तारूढ़ भाजपा के हैं, जिसके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अध्यक्ष अमित शाह कई बार साँसदोँ ल मँत्रियोँ को सँभलकर बोलने की हिदायत दे चुके हैं। पर्यटन मँत्री महेश शर्मा से कोई पूछे कि जिन देशों मे महिलाओं के पहनावे मे स्कर्ट प्रमुख रूप से शामिल हैं क्या वे भारत घूमने आएँ,तो अपना पहनावा त्याग दे? पर्यटकों को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है। अपराधी स्कर्ट या साडी देखकर अपराध नहीं करता। उसकी माधसिकता ऐसा करने की ही होती है। इस तरह के बयान देकर क्या मँत्रीजी ये सँदेश देना चाहते हैं कि विदेशी पर्यटक अपने जोखिम पर भारत आएँ,हम उनकी सुरक्षा नही कर सकते। इससे तो पर्यटन मँत्री खुद पर्यटन को नुकसान पहुँचा रहे हैं। भाजपा साँसद उदित राज तो शर्मा से दो कदम आगे निकल गए। बोले 9 ओलंपिक गोल्ड मैडम जीतने वाले जमैका के दौडाक उसैन बोल्ट बीफ यानी गोमाँस खाते थे। जाहिर है छोटे व गरीब देश जमैका का उदाहरण देते हुए राज भारत के खिलाडियों के खराब प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से कामयाबी के लिए बीफ खाने की सलाह दे रहे थे। लेकिन जैसे ही विवाद हुआ हास्यास्पद सफाई दी कि उन्होंने तो बोल्ट के कोच की कही बखत ट्वीट की थी। कोई पूछे आखिर अभी इसकी जरूरत क्या थी। कहीं वो अपनी सरकार को खिलाडियों की ताकत बढाने के लिए उन्हें बीफ खिलाने की सलाह तो नहीं दे रहे थे। अपनी बात से मुकर तो महेश शर्मा भी गए। मासूम सफाई थी कि स्कर्ट नही पहनने की बात केवल सलाह थी । आप सोचिए टीवी पर बोलते हुए और टिवटर पर लिखने के बाद भी नेता कितनी आसानी से मुकर जाते हैं । तो केवल प्रिंट मीडिया के समय ये कितना झूठ बोलने रहे होँगे।

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