ग्रामवासियों को बिजली उपलब्ध कराने में की थी लापरवाही
जयपुर, 11 मई। अजमेर विद्युत वितरण निगम के सचिव प्रशासन ने एक आदेश जारी कर चार अभियंताओं को निलम्बित किया है। इन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के निर्देश के बावजूद ग्रामवासियों को बिजली उपलब्ध कराने में लापरवाही बरती थी।
यहां गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने 9 मई को ’न्याय आपके द्वार’ अभियान में अचानक पहुंचकर शिविरों का निरीक्षण किया था। वे जयपुर जिले के जयसिंहपुरा, पडासौली तथा अजमेर के बिठूर गांव में बिना बताये अचानक पहुंची थी और वहां ग्रामीणों से रूबरू हुई थीं। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया था। मुख्यमंत्री के इस दौरे की न अधिकारियों को भनक थी और न जनप्रतिनिधियों को। मुख्यमंत्री जयपुर जिले के जयसिंहपुरा के बाद अजमेर जिले के बिठूर गांव पहुंची तो ग्रामवासियों ने उन्हें रात के समय बिजली नहीं आने की शिकायत की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने अजमेर जिला कलेक्टर श्री गौरव गोयल को निर्देश दिए थे कि भीमपुर फीडर से ग्रामवासियों को अविलम्ब बिजली उपलब्ध करवाई जाये।
मुख्यमंत्री के आदेशों की तत्काल पालना तो हो गई और 9 मई की रात भीमपुर फीडर से ग्रामवासियों को बिजली दे दी गई, लेकिन जब मुख्यमंत्री ने अगले दिन 10 मई की शाम ग्रामवासियों से फीडबैक लिया तो उन्हें पता चला कि 10 मई को दोपहर 1 बजे से शाम 7ः30 बजे तक उस गांव में विद्युत कटौती की गई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरन्त ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव को इस मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जांच में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई कि 9 मई को तो ग्रामवासियों को बिजली दे दी गई थी, लेकिन 10 मई को उस गांव में 6 घण्टे से अधिक विद्युत कटौती की गई। जांच में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई।
जांच के बाद दोषी अधीक्षण अभियंता श्री जेएस मांजू तथा नसीराबाद के अधिशाषी अभियंता श्री आरएल खटीक, सहायक अभियंता श्री मुकेश जैन तथा कनिष्ठ अभियंता श्री मनोज मीणा को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित कर उनका मुख्यालय भीलवाड़ा कर दिया गया।
