राज्य के लिए सौगात है मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियानः संसदीय सचिव

dsc_5055बीकानेर, 9 दिसम्बर। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण की शुरूआत शुक्रवार को जयमलसर में जिला स्तरीय समारोह के साथ हुई। संवित सोमगिरि महाराज के सान्निध्य में हुए इस कार्यक्रम में संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, प्रभारी सचिव नीलकमल दरबारी और जिला कलक्टर वेदप्रकाश सहित सेना, बीएसएफ और पुलिस के अधिकारियों ने कलश यात्रा को रवाना कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। जयमलसर की जोधेरी तलाई के जीर्णाेद्धार की पट्टिका का शिलान्यास किया गया।
इस अवसर पर संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान, राज्य के लिए एक सौगात है। बरसाती जल को जल संरक्षित करने की मुख्यमंत्राी महोदया की परिकल्पना को साकार करने में यह अभियान बेहद कारगर सिद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश में हमारे पूर्वजों ने जल संरक्षण के लिए अनेक तालाब, कुएं और कुंड बनाए, लेकिन देखरेख के अभाव में इनका मूल स्वरूप बिगड़ गया। इन्हें संरक्षित और सुरक्षित करने में इस अभियान की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
डॉ. मेघवाल ने कहा कि यह जन-जन का अभियान है। इसमें आमजन की भागीदारी बेहद जरूरी है। गांव के लोग आगे आएं और श्रम, संसाधन और नकद रूप में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि भू-जल स्तर लगातार घट रहा है, ऐसे में भविष्य में इस अभियान के सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
जिला प्रभारी सचिव नीलकमल दरबारी ने कहा कि रेगिस्तानी इलाके में बरसात कम होती है। ऐसे में एक-एक बूंद पानी का समुचित उपयोग जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान की शुरूआत गत वर्ष की गई। जिले में अभियान के प्रथम चरण में 17 ग्राम पंचायतों के 19 गांवों में जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण हुआ, इस बार 26 गांवों में यह कार्य होंगे। बीकानेर पंचायत समिति प्रधान राधा देवी सियाग ने कहा कि अभियान के पहले चरण से बड़ी संख्या में आमजन को लाभ मिला है। दूसरा चरण भी ग्रामीणों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
संवित सोमगिरि महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान, जल संरक्षण रूपी यज्ञ है। प्रत्येक व्यक्ति इस यज्ञ में आहूति देकर अपनी भागीदारी निभाए। जिला कलक्टर वेदप्रकाश ने कहा कि सामूहिक प्रयासों के कारण पहले चरण के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। इस ऊर्जा को बरकरार रखते हुए इस वर्ष भी टीम भावना के साथ कार्य किए जाएं। पूर्व सरपंच रामकिसन आचार्य ने कहा कि जयमलसर में तालाबों के संरक्षण की परम्परा रही है। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान, इस परम्परा को कायम रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जयमलसर सरंपच पवन कुमार ने आगंतुकों का आभार जताया। इससे पहले अधीक्षण अभियंता (जलग्रहण) भागीरथ बिश्नोई ने बताया कि अभियान के दूसरे चरण में 3 हजार 746 कार्य अनुमोदित किए गए हैं। इन पर 49.21 करोड़ लागत आएगी तथा लगभग 35 करोड़ लीटर बरसाती जल संग्रहण क्षमता बढ़ेगी। उन्हांेने बताया कि जयमलसर में लगभग 7 करोड़ रूपये की लागत के 532 कार्य करवाए जाएंगे।
इस अवसर पर सहीराम दुसाद, महानिरीक्षक (पुलिस) बिपिन कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नम्रता वृष्णि, उप वन संरक्षक डॉ. शलभ कुमार, जिला परिषद सदस्य शुभ कंवर, सलीम भाटी अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी तथा ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन गोपाल जोशी और शिवकुमार कल्ला ने किया।
बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने किया श्रमदान
समारोह के बाद बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने श्रमदान किया। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, प्रभारी सचिव नीलकमल दरबारी, सहित अन्य अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों, पुलिस, सेना एवं बीएसएफ के जवानों सहित ग्रामीणों ने जोधेरी तलाई पर श्रमदान करते हुए अभियान में अपनी भागीदारी निभाई।

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