मन मिलने से संगठन का निर्माण होता है-सुनील दत्त जैन

aअजमेर। एक स्वर में बोलने एवं कदम से कदम मिलाकर चलने से मन मिलते है, मन मिलते है, मन मिलने से संगठन का निर्माण होता है, संघ का सामूहिक घोष वादन इस भावना को अभिव्यक्त करता है। यह उद्द्गार रा.स्व.संघ के महानगर संघचालक एवं हॉल में ही संपन्न हुए घोष विशिष्ट स्वर निनाद के प्रबंध प्रमुख सुनील दत्त जैन ने व्यक्त किये। वे स्वर निनाद शिविर की सीडी विमोचन के अवसर पर स्वंयसेवकों को संबोधित कर रहे थे।
सीडी विमोचन के अवसर पर उन्होनें बताया कि 31 जनवरी से 2 फरवरी तक चित्तौड प्रांत के स्वंयसेवकों को घोष शिविर स्वर निदान आयोजित किया गया था। जिसमें संपूर्ण प्रांत के विभिन्न आयु वर्गाे के 600 स्वंयसेवकों ने भाग लिया था। उन्होंने बताया कि सीडी में शिविर के आयोजन की तैयारीयों से लेकर स्वंयेसेवकों की दिनचर्या, विभिन्न घोष रचनाओं का अभ्यास एवं प्रदर्शन, सरसंघचालक मोहन जी भागवत एवं अन्य अधिकारियों द्वारा दिये गए बौदिको के ऊंच, पटेल मैदान में सामूहिक घोष प्रदर्शन एवं शहर के विभिन्न मार्गाे से निकाले गए संचालन के अंशों का सुन्दर संपादन करते हुए घोष के महत्व को बताया गया है।
सीडी का विमोचन विभाग महासंचालक श्री बसंत विजयवर्गीय, महानगर संचालक श्री सुनील दत्त जैन, महानगर सघ्ंाचालक श्री जगदीश राणा ने किया। विमोचन के पश्चात प्रोजेक्टर के माध्यम से सीडी का प्रदर्शन किया गया तथा स्वंयसेवकों को बिक्री हेतु उपलब्ध कराया गया।
निरंजन
विभाग प्रचार प्रमख
मो. 9828171560
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