गौराण के मामले में एसओजी को कोर्ट के निर्णय का इंतजार

13 के बाद हो सकती है गिरफ्तारी
dr. habib khan goran 2अजमेर, (एस पी मित्तल) : राजस्थान लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष रहे हबीब खान गौराण की गिरफ्तारी के मामले में अब स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को जयपुर के जिला न्यायालय के निर्णय का इंतजार है। न्यायालय ने 13 नवम्बर तक गौराण को गिरफ्तारी से राहत दे रखी है। गौराण पर आरएएस पर्चा लीक और आरजेएस की परीक्षा में बेटी के खातिर प्रश्न पत्र की नकल करने के गंभीर आरोप है। एसओजी ने जो मुकदमा दर्ज किया है उसमें गौराण को गिरफ्तार कर पूछताछ की जानी है। एसओजी गौराण को गिरफ्तार करती इससे पहले ही गौराण ने जयपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर दिया। न्यायालय ने अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र पर तो निर्णय सुरक्षित रखा लेकिन मोहर्रम के दौरान गौराण की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए 13 नवम्बर तक गिरफ्तार नहीं करने के आदेश दे दिए। इस बीच गौराण 7 नवम्बर को एसओजी के मुख्यालय में अपने वकील के साथ उपस्थित हो जाए। गौराण ने जांच अधिकारियों से कहा कि जो भी पूछताछ करनी है उसे अभी कर लिया जाए। जांच अधिकारियों को भी पता था कि गौराण सिर्फ बचाव के लिए अपनी मर्जी से उपस्थित हुए है। सामान्य पूछताछ में गौराण ने पहले भी एसओजी को कोई सहयोग नहीं किया और 7 नवम्बर को भी सच को सामने नहीं आने दिया। चूंकि गौराण को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था इसलिए अधिकारियों ने गौराण को जाने दिया। असल में जांच अधिकारी गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में रिमाण्ड लेकर गौराण से सख्ती के साथ पूछताछ करना चाहते है ताकि दोनों महत्वपूर्ण मामलों में सच सामने आ सके। जांच अधिकारी को यह भी पता है कि गौराण राजकीय सेवा में पुलिस अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए है इसलिए उन्हें जांच एजेंसियों के सारे हथकण्डों के बारे में जानकारी है। फर्क इतना ही है कि अन्य मामलों की जांच के समय गौराण पुलिस की वर्दी पहने हुए थे और इस बार कठघरे में खड़े होकर सामान्य आरोपी की तरह जवाब देने है। यही वजह है कि एसओजी को जयपुर के जिला न्यायालय के निर्णय का इंतजार है। न्यायालय 13 नवम्बर को क्या निर्णय देता है उसके बाद ही मामले को आगे बढ़ाया जाएगा।
यह है मामला
गौराण पर गंभीर आरोप आरजेएस परीक्षाा में प्रश्नपत्र की नकल करने का है। इस परीक्षा में उनकी बेटी ने भाग लिया था। परीक्षा से पूर्व अपनी बेटी को प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाने के लिए गौराण अहमदाबाद स्थित उस प्रिंटिंग प्रेस में गए जहां प्रश्नपत्र छप रहे थे। गौराण ने आयोग के अध्यक्ष के पद का प्रभाव काम में लेते हुए आरजेएस के प्रश्नपत्र को देखा और फिर प्रेस में बैठकर ही प्रश्नों की नकल की। जब आरजेएस का परिणाम निकला तो उनकी बेटी का चयन भी सुगमता के साथ हो गया। अब वो ही बेटी अजमेर में न्यायिक अधिकारी का प्रशिक्षण ले रही है। इसी प्रकार आरएएस प्री की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में भी गौराण के विरूद्ध जांच चल रही है।

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