विद्यालय में बसंत महोत्सव मनाया

saraswati 1अजमेर। द्रौपदीदेवी सांवरमल बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, में बसंत महोत्सव बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया। सर्वप्रथम माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर छात्राओं व अध्यापिकाओं ने माँ सरस्वती का आषीर्वाद लिया।
इस अवसर पर सभी षिक्षिकाओं ने पीला परिधान पहनकर तथा पीले बसंती फूलों द्वारा बसंत ऋतु का स्वागत किया। इस उपलक्ष में बालिकाओं द्वारा सरस्वती वंदना व कविताएँ प्रस्तुत की गई। विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रंजना अग्रवाल ने बसंत का प्रकृति व जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव से सभी छात्राओं को अवगत कराया।
विद्यालय की अध्यापिका सुश्री मनीषा शर्मा ने बसंत ऋतु पर एक गीत गाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कक्षा 9वीं की कृपि द्वारा माँ सरस्वती की झांकी भी प्रस्तुत की गई। कक्षा 8वीं की छात्रा दिव्या एण्ड ग्रुप ने ‘‘स्वर की देवी’’ कविता प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया। कक्षा 7वीं की मुस्कान द्वारा प्रस्तुत की गयी कविता ‘‘बसंत ऋतु’’ भी आकर्षण का केन्द्र बनी। कक्षा 6 की छात्रा श्रुति एण्ड ग्रुप ने ‘‘खिला फूल’’ नामक कर्णप्रिय कविता प्रस्तुत की। कक्षा 8वीं की छात्रा सिमरन एण्ड ग्रुप ने बसंत ऋतु पर मनभावन कविता ‘‘ध्वनि’’ प्रस्तुत की। कक्षा 9वीं की छात्रा एकता ने ‘‘पीली लूगड़ी’’ गीत पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया। कक्षा 8वीं की छात्रा चांदनी एण्ड ग्रुप ने ‘मधुबन में जो कन्हैया’’ गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कक्षा 7वीं की छात्रा दिव्या एण्ड ग्रुप ने ‘‘गणपति बप्पा मोरिया’’ गीत पर नृत्य कर सबकी प्रषंसा प्राप्त की। कक्षा 8वीं की छात्रा ने ‘‘बसंत पंचमी’’ पर एक भाषण प्रस्तुत किया।
विद्यालय की अध्यापिका श्रीमती निषा आसोपा द्वारा सरस्वती के भण्डार की बड़ी अपूर्व बात ‘‘ज्यों खर्चे त्यों-त्यों बढ़े, बिन खर्चे घर जात’’ श्लोक सुनाकर छात्राओं को दूसरों की मदद करने की बात बताई गई।
अंत में विद्यालय प्राचार्या ने छात्राओं को नित्य सरस्वती पूजा की गूढमय बात बताई कि सरस्वती का ही भण्डार ऐसा है जो खर्च करने से बढ़ता है और किसी की मदद न करने से ज्ञान पर जंग लग जाता है। अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए दूसरों को ज्ञान देना ही श्रेयस्कर बताया गया और अतिथिगणों का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया।
प्राचार्या
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