जिले में औद्योगिक विकास की प्रबल संभावनाएं

औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं का शीध्र निराकरण होगा- श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर

उद्योग मंत्राी श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर जिला कलेक्ट्रट सभागार में उद्योग, रीको, आर.एफ.सी., खादी बोर्ड के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए।
उद्योग मंत्राी श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर जिला कलेक्ट्रट सभागार में उद्योग, रीको, आर.एफ.सी., खादी बोर्ड के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए।
अजमेर, 10 जुलाई। उद्योग मंत्राी श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने औद्योगीकरण के विस्तार के लिए औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार एवं विकसित औद्योगिक क्षेत्रा में स्वीकृत औद्योगिक इकाईयों के शीघ्र प्रारम्भ होने पर बल देते हुए अजमेर जिले में नए उद्योग स्थापित करने हेतु विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं की जानकारी ली।
उद्योग मंत्राी श्री खींवसर आज सांयकाल कलेक्ट्रेट सभगाार में आयोजित उद्योग, रीको, आर.एफ.सी, खादी ग्रामाद्योग से जुड़े अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने अजमेर जिले में औद्योगिक विस्तार की प्रबल संभावनाएं बताते हुए उद्यमियों को पूरा वातावरण उपलब्ध कराने को कहा।
उन्होंने मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा बजट में घोषित अजमेर जिले में सैरेमिक उद्योग विकसित करने हेतु सैरेमिक हब बनाने पर विस्तार से चर्चा की और बिजयनगर के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर सथाना गांव के पास लगभग 100 हैक्टेयर में सैरेमिक हब बनाने के कार्य को गति देने के निर्देश दिए। इस हब में सैरेमिक से बनने वाले विभिन्न उद्योग स्थापित होंगे। जिनमें सैरेमिक टाइल्स प्रमुख हैं। सैरेमिक उद्योग के लिए कच्चा माल फेल्सपार, क्वार्टस्, क्ले आदि कच्चा माल के सर्वाधिक भण्डार राज्य में अजमेर जिले में ही उपलब्ध है। उन्होंने रीको के अधिकारियों से सैरेमिक हब को शीघ्र विकसित करने को कहा तथा औद्योगीकरण से पर्यावरण दूषित नहीं हो इसका भी पूरा ख्याल रखने के निर्देश दिए।
उद्योग मंत्राी ने कहा कि अजमेर जिले में स्थापित 26 औद्योगिक क्षेत्रा में आवंटित भूखण्डों पर निर्धारित उद्योग प्रारम्भ होने चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भूखण्ड आवंटन की तय समयावधि में उद्योग प्रारम्भ नहीं करने पर भूखण्ड को निरस्त करने की कार्यवाही की जानी चाहिए।
उन्होंने राजस्थान वित्त निगम के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे नए उद्योग लगाने वाले उद्यमियों एवं अन्य उद्यमियों से सम्पर्क कर उन्हें ऋण उपलब्ध करने का कार्य प्राथमिकता से करें जिससे अजमेर जिले में औद्योगिक वातावरण तेजी से बढ़े। उन्होंने बताया कि आवयश्कता हुई तो शाखा प्रबंधकों के ऋण स्वीकृत करने की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने उद्यमियों से निरन्तर सम्पर्क बनाए रखने को कहा।
श्री खींवसर ने जिला उद्योग केन्द्र द्वारा लघु एवं वृहद उद्योगों के साथ-साथ कुटीर उद्योगों को दी जा रही सुविधाओं व इनकी समस्याओं के बारे में विस्तार में जानकारी ली तथा खादी ग्रामोद्योग की भी अजमेर जिले में विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा की।
जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारियों ने बताया कि अजमेर जिले में विभिन्न उद्योागों मे ं1480 करोड़ रूपए का निवेश है और वर्तमान में एक लाख व्यक्तियों को इसमें रोजगार मिल रहा है। जिले में 16 बड़े उद्योग हैं जिनमें 5895 करोड़ का निवेश हैं। रीको के उप महाप्रबंधक श्री जाटव ने बताया कि अजमेर जिले में 26 औद्योगिक क्षेत्रा हैं। उन्होंने नए और विकसित होने वाले औद्योगिक क्षेत्रा उदयपुरकलां, किशनगढ के छटे चरण एवं पावरलूम क्षेत्रा किशनगढ के खोडा की विस्तृत जानकारी देते हुए विकास के मार्ग में आ रही बाधाओं की जानकारी भी दी। खादी ग्रामोद्योग के अधिकारियों ने बताया कि खादी के उत्पाद की गुणवत्ता में कोई कमी नही है, लेकिन आधुनिक समय की मांग के अनुरूप कताई व बुनाई हेतु मशीनों का उपयोग भी किया जाना आवश्यक हो गया है।
इस अवसर पर लधु व कुटीर उद्योग-धन्धों के कलस्टर्स हेतु शहर के समीप ही भूमि आवंटित करने सुझाव दिया गया, जिससे चप्पल उद्योग व अन्य लघु उद्योगों को संरक्षित किया जा सके। साथ ही अजमेर के समीप स्थित राजगढ में स्थित भूमि को नए औद्योगिक क्षेत्रा को विकसित करने हेतु आरक्षित करने का सुझाव भी दिया गया। जिस पर उद्योग मंत्राी श्री खींवसर ने उक्त सुझावों के संबंध में अधिकारियोें को विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने की बात कही।
इस मौके पर जिला कलक्टर आरूषी मलिक, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री किशोर कुमार, रीको, आरएफसी, खादी ग्रामोद्योग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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