नेशनल लैण्ड रेकार्डस मोडर्नाइजेशन प्रोग्राम

राजस्थान के सभी 314 तहसील में माॅडर्न रेकार्डस रूम बनाए जाएंगे
78.50 करोड़ रूपए व्यय होंगे

revenue board 450अजमेर 4 सितम्बर। राजस्थान राजस्व मंडल द्वारा राजस्व रेकार्ड के आधुनिक तरीके से संधारण के लिए राज्य में चलाए जा रहे “नेशनल लैण्ड रेकार्डस मोडर्नाइजेशन“ प्रोग्राम के तहत राजस्थान की सभी 314 तहसीलों में माॅडर्न रेकार्ड रूम बनाए जाएंगे।
राजस्व मण्डल की अध्यक्ष सुश्री नीलिमा जौहरी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी तहसील में माॅडर्न रेकार्ड रूम की स्थापना के पश्चात राजस्थान का कोई भी काश्तकार अपने क्षेत्रा की तहसील में जाकर हाथों-हाथ अपने राजस्व दस्तावेज की प्रति प्राप्त कर सकेगा। आॅनलाईन दस्तावेज की पूरी जानकारी हो सकेगी और जीर्ण शीर्ण हो रहे राजस्व रेकार्ड भी दुरूस्त स्थिति में सुरक्षित रखे जाएंगे।
राजस्व मण्डल के अध्यक्ष ने बताया कि माॅडर्न रेकार्ड रूम के निर्माण कार्य के लिए निविदाएं कर ली गई है और चालू अक्टूबर माह में इसके कार्यादेश दे दिए जाएंगे। राजस्व लेखों की महत्ता एवं उपयोगिता को देखते हुए तहसील रेकार्ड रूम में सी.सी.टी.वी कैमरा, बाॅयोमेट्रिक प्रणाली, अग्निशमन यंत्रा आदि लगाए जाएंगे।
सुश्री जौहरी ने बताया कि “नेशनल लैण्ड रेकार्डस मोडर्नाइजेशन“ प्रोग्राम को रजस्थान में तेजी से प्रारम्भ किया गया है और वर्ष 2017 तक इसे पूर्ण किया जाना है। इस कार्यक्रम को और गति देने के लिए वे स्वयं राज्य के सभी संभागीय मुख्यालयों पर बैठक लेकर सभी संबंधित जिला कलक्टर तथा सूचना विज्ञान अधिकारियों से चर्चा कर कार्यक्रम की नियमित व प्रभावी निगरानी पर जोर दे रही है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान के सभी 314 तहसील में अक्टूबर माह से डाटा सेग्रीगेशन का कार्य कराने हेतु विशेष अभियान चलाया जाएगा और इसकी प्रारम्भिक तैयारियां एक सितम्बर से ही शुरू कर दी गई है।
राजस्व मण्डल के अध्यक्ष के अनुसार सभी 314 तहसील में माॅडर्न रेकार्ड रूम की स्थापना के कार्य पर 78 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि खर्च होगी। प्रत्येक तहसील के लिए 25 लाख रूपए का बजट आंवटित किया गया है।

राजस्व मण्डल के निबंधक श्री सी.आर.मीना ने बताया कि प्रत्येक तहसील में लगभग एक हजार स्कवायर फीट क्षेत्राफल में माॅडर्न रेकार्ड रूम की स्थापना की जाकर इसमें कम्प्युटर, यू.पी.एस., लैन, फर्नीचर व कोम्पेक्टर की स्थापना की जाएगी।
श्री मीना के अनुसार कोम्पेक्टर की स्थापना से तहसील स्थित राजस्व रेकार्ड को सुव्यवस्थित एवं बारकोड देते हुए ठीक प्रकार से संधारित किया जाएगा जिसमें रेकार्ड पूर्ण रूप से सुरक्षित रखने की व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त तहसील में स्थित भू -नक्शों को भी मैप केबिनेट में सुरक्षित रूप से संधारित किया जाएगा।
श्री मीना के अनुसार वर्तमान में तहसीलों का राजस्व रिकाॅर्ड जीर्ण शीर्ण स्थिति में है उन रेकार्ड को भी कम्प्युटर पर स्केनिंग कर संधारित किया जाएगा एवं उन्हें त्वरित गति से कम्प्यूटर रिकाॅर्ड से निकालने हेतु मेटा-डेटा तैयार किए जाएंगे एवं डाक्युमेन्ट मैनेजमेन्ट साॅफ्टवेयर के माध्यम से इनका उपयोग किया जाएगा।
राजस्व मण्डल के संयुक्त निदेशक सिस्टम एनालिसिस श्री आर. वर्द्धराजन ने बताया कि गत् 3-4 वर्ष पूर्व राज्य के चार जिलों टोंक, बाडमेर, भीलवाड़ा व जोधपुर की 36 तहसील में माॅडर्न रेकार्ड रूम की स्थापना की गई थी परन्तु उन तहसील में भी सम्पूर्ण राज्य की तहसीलों के अनुरूप माॅडर्न रूम की सुविधा एक जैसी विकसित कि जाएगी। इन रेकार्ड रूम में दस्तावेज संधारित करने हेतु सर्वर कम्प्यूटर, सर्विस डिलिवरी, आगन्तुकों के बैठने एवं पेयजल आदि का अलग-अलग प्रावधान होगा। यह केन्द्र तहसील में मिलने वाली सभी सेवाओं जैसे जमाबंदी की प्रति, नक्शों की प्रति, पुराने राजस्व की प्रति इत्यादि के लिए एकल खिड़की व्यवस्था के रूप में संचालित किए जाएंगे और तहसील के संबंधित कार्मिकों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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