जमीयत उलमा-ए-हिन् द (वाहबी) की सम्मेलन की तैयारियों पर रोष

हसन चिश्ती
हसन चिश्ती
अजमेर, 7 नवम्बर । ख्वाजा साहब के गद्दीनशीन एस. एफ. हसन चिश्ती ने जमीयत उलमा-ए-हिन् द (वाहबी) की सम्मेलन की तैयारियों पर रोष जताते हुए कड़े शब्दों में निंदा करते हुए जिला प्रशासन व राज्य सरकार से अपील की है कि वे ऐसे सम्मेलनों पर रोक लगायें। क्योंकि इन सम्मेलनों में धर्म परिवर्तन जैसी घटनाऐं होती है। जबरन भोले-भाले नौजवानों को भटका कर अपने चंगुल में फंसाते है। हसन चिश्ती ने कहा है कि कौमी एकता की नगरी अजमेर में आज से आठ सौ वर्ष पूर्व महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती ने जो अमन व भाईचारे का पैगाम दिया था जिसकी किरणें पूरे विश्व में फैली हुई है। ऐसी सूरत में कोई अजमेर में इस तरहां का सम्मेलन करें जिससे भाईचारा-कौमी एकता को ढेंस पहुंचे तो ऐसे आयोजनों को रोकना होगा। किसी कारणवश इनको सम्मेलन करने की अनुमति दी जाती है तो दरगाह कमेटी, जिला प्रशासन, राज्य सरकार इसके जो भी नतीजे होंगे वो जिम्मेदार होंगे । इस विषय को लेकर हसन चिश्ती ने राजस्थान की मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है।

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