कांग्रेस 18 फरवरी को अजमेर बंद करवाऐगी

विजय जैन
विजय जैन
अजमेर 15 फरवरी। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने घोषणा की कि अजमेर की बिजली व्यवस्था फे्रन्चायजी पर देने के लिये 20 फरवरी को होने वाली टेंडर प्रक्रिया को सरकार ने नहीं रोका तो कांग्रेस क्रमवार आंदोलन चला कर 18 फरवरी को अजमेर बंद करवाऐगी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बिजली निजीकरण करने के लिये करोड़ों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसकी सीबीआई से जांच करवाई जानी चाहिये।
बुधवार को कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित प्रेस काॅन्फेस में कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओ की उपस्थिती मे संवाददाताओं को यह जानकारी दी। जैन ने आरोप लगाया कि निजीकरण के सरकार के फैसले में मुख्यमंत्री, उर्जा मंत्री पुष्पेनद्र राणावत सहित विभाग के मुख्य सलाहकार आर.जी. गुप्ता सीएमडी श्रीमत पाण्डे, संजय मलहोत्रा प्रबंध निदेषक अजमेर महिराम विष्नोई से लेकर डिप्डी चीफ इन्जीनीयर वी.एस. भाटी तक के अधिकारियों कि फेंन्चाईजी लेने वाली कम्पनी कलकत्ता इलेक्ट्रीन सिटी से करोड़ों की डील है पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाई जाऐ तो करो़ड़ों अरबों रूपये के घोटाले का खुलासा होगा।
उन्होने कहा कि जन उपयोग की इस महत्वपूर्ण सेवा को निजी हाथों मे सौंपने के विरोध मे कांग्रेस निर्णयक संघर्ष तक लड़ाई लड़ेगी इसके लिये संगठन को किसी हद को भी पार करना पड़ा तो कदम पीछे नहीं हटाऐगी। शहर कांग्रेस सरकार के इस जन विरोधी फैसले के खिलाफ पिछले साल मार्च से लेकर लगातार आंदोलन करके सरकार को चेताती रही है पर सरकार का लोकतांत्रिक मुल्यों पर विष्वास नही है इस लिये आज तक निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लिया क्योंकि सरकार की कि फेंन्चाईजी लेने वाली कम्पनी से करोड़ों की डील हो चुकी है।
मजबूरन कांग्रेस ने इस मसले पर गुरूवार से क्रमवार आंदोलन चलाकर 18 फरवरी को अजमेर बंद करवाने का निर्णय किया है। इसके बावजूद भी सरकार द्वारा निजीकरण किया गया तो फ्रेन्चायजी लेने वाली फर्म को शहर मे बिजली के वितरण का काम नही करने दिया जाऐगा और असहयोग आंदोलन चला कर कम्पनी के बिलों का भूगतान रोका जाएगा। उन्होने बताया कि गुरूवार 16 फरवरी को आंदोलन की प्रथम कड़ी में उत्तर के कार्यकर्ता और दक्षिण के कार्यकर्ता विधानसभा क्षेत्रों में दोनों मत्रियों वासूदेव देवनानी और अनीता भदेल के निवास के बाहर ढोल नगाड़े बजाकर मुख्यमंत्री और उर्जा मंत्री के पुतले दहन किये जाऐंगे। इसी दिन कांग्रेस के हारे जीते पार्षद अपने अपने वार्डों में जन जागरण के लिये नुक्कड़ सभाऐं आयोजित करेंगे। 17 फरवरी को कांग्रेस कार्यालय से आम जनता को आंदोलन से जौड़ने के लिये एक वाहन रैली निकाली जाऐगी जो शहर के प्रमुख मार्गों मे भ्रमण करके बंद को सफल बनाने सहित पेम्पलेट बांटकर व्यापारियों और जनता से सहयोग मांगा जाऐगा।
उन्होने बताया कि 18 फरवरी को अजमेर पूर्ण रूप से बंद रहेगा जिसमे समस्त व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्कूल, काॅलेज, ऐज्यूकेषन संस्थान, पेट्रोल पम्प, सिनेमा घर, सिटी बस एवं टेम्पो, नगरीय परिवहन की समस्त सेवाऐं, सब्जी व फल मंडीयों को बंद मे शामिल किया गया है। लेकिन बंद के दौरान आवष्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया है जिसके तहत स्वास्थ्य सेवाऐ, मेडिकल स्टोर्स, एम्बूलेंस जैसी आवष्यक सेवाऐ बंद से मुक्त रहेगी।
नियम विरूद्ध है अजमेर की ठेका प्रक्रिया
 अजमेर के सिटी डिवीजन प्रथम एवं द्वितीय में अभी तक औसतन टी.एन.डी. हानी 13.48 प्रतिषत है तथा विगत वर्ष मे यह हानी मात्र 13.26 प्रतिषत थी। पावर फाईनेन्स काॅरर्पोषन के प्रावधानुसार न्यून्तम 15 प्रतिषत टी.एन.डी हानी होने पर ही बिजली वितरण का कार्य निजी कम्पनियों को सौपा जाना चाहिये। राजस्थान सरकार उद्योगपतियो को फायदा पहंुचाने के लिये पावर फाईनेन्स काॅरर्पोषन के दिषा निर्देषो को जानबूझ कर अनदेखा कर रही है।
 अजमेर शहर में व्यापक रूप से भूमिगत केबल बिछाने का कार्य किया गया है। लगभग 200 करोड़ रूपये बिजली सुधार पर राज्य सरकार द्वारा खर्च किये गए। सरकार द्वारा माकड़वाली रोड़ पर अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का अत्याधुनिक भवन निर्माण पर अरबो रूपये खर्च किये गए थे। यदि सरकार को बिजली का निजीकण करना ही था तो उक्त मदों में आधारभूत संरचना व निर्माण पर जनता का पैसा लुटाने की कोई आवष्यकता नहीं थी क्योंकि इसी आधारभूत संरचना का उपयोग निजी कम्पनियों लाभ अर्जित करने में करेगी।
 विद्युत नियामक आयोग राजस्थान के समक्ष वितरणकर्ता एजेन्सी के हर तीन माह में बिजली की किमतो में वृद्धि किये जाने हेतु प्रस्ताव पेष करने का सूस्थापित नियम है। अतः यदि अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड घाटे में चल रही है तो इस घाटे की पूर्ति विद्युत नियामक आयोग के अनुमोदन उपरान्त दरो में वृद्धि करके कर सकती थी।
 निजी कम्पनियों को ठेका देने के दुराष्य के मद्देनजर अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा उक्त विकल्प का प्रयोग नहीं किया। इस सम्भावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि फ्रन्चाईजी लेने वाली निजी फर्म द्वारा उक्त विकल्प का दुरूपयोग करते हुये हर तीन माह में आयोग पर दबाव डालकर बिजली की दरों में अप्रत्याषित बढ़ोतरी करवाई जाकर जनता को आर्थिक नुकसान पहंुचाया जायेगा।
 राज्य सरकार के बिजली के निजीकरण के इस फैसले से अजमेर शहर के 2 लाख घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता परिवारों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा जबकि लगभग 40 हजार वाणिज्यक इकाईयो को भी इसका खामियाजा भूगतना पडेगा। इसके अतिरिक्त लगभग 15000 कर्मचारियों की नौकरियों पर भी देर सवेर गाज गिर सकती है जिससे स्पष्ट है कि सरकार का स्वार्थपूर्ति के चलते यह एक जन विरोधी फैसला है।
 सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित मापदण्डो के अनुसार किसी भी कम्पनी को प्राईवेट कम्पनी द्वारा ठेके पर लेने हेतु पाॅच वर्ष के न्युनतम अनुभव की शर्त अन्तर्निहित की गई थी किन्तु कुछ कम्पनियों को टेण्डर प्रक्रिया में शामिल करने के अविधिक उद्देष्य से इस समयाअवधि को घटाकरण तीन वर्ष किया गया ताकि नेताओं की हितबद्ध कम्पनियों को इस लूट का लाभ पहंुचाया जा सके।
 जिस किसी कम्पनी को यह व्यवस्था सौंपी जायेगी उससे केवल दो माह की सिक्युरिटी राषि ली जायेगी जबकि उसे 240 माह का ठेका दिये जाने का प्रावधान है। इस प्रकार स्पष्ट है कि यह राजस्थान लोक उपापन में पारदर्षिता अधिनियम 2013 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। क्योंकि एक अनुमान के अनुसार इस निजी कम्पनी के द्वारा 20 वर्षो की ठेका अवधि में 10800 करोड़ रूपये से भी अधिक की वसूली की जायेगी जबकि इस वसूली के विरूद्ध परफोरमेन्स बैंक गारन्टी 34 करोड़ रूपये जमा करवाये जाने का प्रावधान है। इस परिपेक्ष्य में इतनी वृहद राषि की वसूली के उपरान्त कम्पनी के काम छोड़कर भाग जाने की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
 निविदा अन्तर्गत प्रायवेट कम्पनी को बिल वसुली के अधिकार भी प्रदान किये जा रहे है तो ऐसी स्थिति में यह निष्चित है कि यह कम्पनियाॅं वसूली एजेन्टो की तरह जनता से अपना वसूली अभियान चलायेगी तथा यह कम्पनियाॅं वसूली हेतु आपराधिक तत्वों को अपने एजेन्ट के रूप में नियुक्तियाॅं प्रदान कर गुडागर्दी को बढ़ावा देगी जिससे अराजगता का माहौल उत्पन्न होगा।
जैन ने कहा कि यह सुस्थापित है कि अजमेर विद्युत सिटी सर्किल को किसी भी निजी कम्पनी का सौंपा जाना, ना तो जन हित में है ना ही राजकोषीय हित में है बल्कि इससे राजकोषीय घाटा और अधिक बढ़ने की संभावना है। अतः इस निविदा प्रक्रिया को अविलम्ब रोका जाये तथा उर्जा विभाग एवं डिस्काॅमों में अभी तक हुये घाटे पर सरकार एक श्वेत पत्र जारी करे ताकि जनता के समक्ष घाटे के मूल भूत कारणों एवं उसके ठोस निराकरणों के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट हो सके। प्रेस काॅन्फेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित जिला कांग्रेस के पदाधिकारी ब्लाॅक व अग्रीम संगठनों के अध्यक्ष सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।

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