पढ़ाई की जगह सिर्फ पढ़ाई हो और पूरब उत्तर की ओर मुंह करके पढ़े

sudha sagarमदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ने आर.के. कम्यूनिटी सेन्टर में अपने प्रवचन में कहा कि हर व्यक्ति चाहता है कि मैं जिस क्षेत्र में जाऊं उसमें सबसे बड़ी ऊंचाईयों पर पहँुचूं। साधू साधना की ऊंचाईयों को छूना चाहता है। व्यापारी व्यापार की ऊंचाईयों को छूना चाहता हँू। सर्विस वाला सर्विस की ऊंचाईयों को छूना चाहता है। राजनेता राजनीति की ऊंचाईयों को छूना चाहता है और पापी पाप की ऊंचाईयों को छूना चाहता है। हर व्यक्ति के मन में यह उमंगे है महत्वाकांक्षा है कि मैं सबसे बड़ी ऊंचाई पर कैसे पहुंचू। अगर नहीं पहुंच पाता है तो वह डिप्रेशन में आ जाता है। कितनी इच्छाएं होती है जो तुरन्त मुर्झा जाती है। क्योंकि चारों तरफ से हमें विभिन्न प्रकार की बाधाएं दिखने लग जाती है। ऐसे में हमारी इच्छा होने के साथ ही खत्म भी हो जाती है। जो इच्छा मैं करूंगा वो पूरी हो जाएगी यह इस संसार में कोई दावा नहीं कर सकता है। मुनिश्री ने कहा कि हमारा मन हमारे कंट्रोल में नहीं है। 12 मिनट की एक णमोकार मंत्र की माला भी हम पूरा मन लगाकर नहीं जप सकते है। ये कैसी विडम्बना हो गई कि हमारी जिंदगी हम अपने अनुसार नहीं चला पा रहे है। तो दुनिया को हम क्या चलाएंगे ? मुनिश्री ने बच्चों से कहा कि जब तुम्हें अपने टीचर से कोर्स में आईएमपी और वेरी आईएमपी लगाने का भाव आए तो समझ लेना कि तुम जिंदगी में ऊंचाईयों को नहीं छू पाओगे। क्योंकि होशियार बच्चे के लिए तो कोर्स का मतलब पूरा कोर्स ही होता है। तुम्हारे मन में कुंजी या गैस पेपर से पढ़कर परीक्षा देने का भाव आ गया और तुमने उसको पढ़कर सौ में से सौ नम्बर भी ले आए तो जिंदगी की परीक्षा में कभी सफलता नहीं पा सकोगे। मुनिश्री ने कहा कि जिस तरह भगवान के सामने खाना पीना मना होता है। ऐसी जैसे किताब है ये सरस्वती है उसके सामने कभी भी पानी नहीं पीना। क्लास में पानी नहीं पीना। पानी पीना है तो स्वीकृति लेकर क्लास से बाहर जाओ। इससे तुमको बहुत लाभ होगा। घर में भी पढ़ते समय कभी कभी कुछ नहीं खाना, चाय दूध नहीं पीना। कभी ऐसी गलती मत करना। ये करना है तो किताब बंद करो फिर खाओ पीओ। पढऩे के स्थान पर सिर्फ पढ़ाई ही होनी चाहिए। ऐसा संकल्प अगर तुमने कर लिया तो फिर कठिन से कठिन सवाल भी तुम्हारे तुरन्त हल हो जाएगा। मुनिश्री ने कहा कि जब भी तुम पढऩे बैठो पूरब उत्तर मुंह करके पढऩा चाहिए।
बच्चों ने प्रस्तुत की बेटी बचाओं लघु नाटिका
श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के मीडिया प्रभारी विकास छाबड़ा ने बताया कि आज केकड़ी के सुधा सागर विद्यालय के करीब 200 बच्चों ने मुनि संघ का आशिर्वाद लिया और प्रवचन सुने। इस दौरान बच्चों ने बेटी बचाओं पर आधारित एक लघु नाटिका का भी मंच पर मंचन किया। इससे पूर्व प्रात: श्रीजी के अभिषेक एवं शांतिधारा, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, शास्त्र भेंट व मुनिश्री के पाद प्रक्षालन हुआ।

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