नारद जयंती पर पत्रकार सम्मानित

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“पत्रकार कैटेलिस्ट(उत्प्रेरक) का कार्य करते हुए अपने परिवेश में लोकहित को सर्वोपरि मानकर धर्म और सत्य की स्थापना में सकारात्मक भूमिका निभाएं और अपने मूल्यपरक उत्तरदायित्व खुद तय करें।” विश्व संवाद केंद्र, अजमेर के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भांति आद्य संवाददाता देवर्षि नारद जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी एवं सम्मान समारोह में बोलते हुए मुख्यवक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री गुलाब बत्रा ने ये विचार प्रकट किए। उन्होंने देवर्षि नारद को विश्व के सबसे पहले संवाददाता बताते हुए कहा कि देवर्षि तीनों लोकों में लोक कल्याण की भावना से प्रेरित हो सत्य की स्थापना के लिए सक्रिय रहे।अनेक शास्त्रीय उदाहरणों द्वारा देवर्षि नारद के सत्याग्रही, जुझारू, समग्र चिंतन रखने वाले, लोक कल्याणकारी स्वरूप को स्थापित करते हुए पत्रकारों से निर्भीक रहकर लोकहित में अपनी कलम की ताकत का इस्तेमाल करने का आह्वान किया। उन्होंने अपने जीवन के संघर्ष को भी बड़े सधे हुए ढंग से प्रस्तुत करते हुए सच्ची पत्रकारिता के मार्ग में आने वाली बाधाओं का भी अनेक प्रेरक व्यक्तिगत प्रसंगों के माध्यम से बखूबी वर्णन किया।

इस पत्रकार सम्मान समारोह में दैनिक भास्कर के उप सम्पादक अरविन्द अपूर्वा, राजस्थान पत्रिका के उप सम्पादक युगलेश शर्मा, दैनिक नवज्योति के उपसंपादक अमरकांत मिश्रा, ई टीवी के संभाग प्रभारी प्रियांक शर्मा, अजमेर की मशाल की संपादिका डॉ रशिका महर्षि एवम प्रसिद्ध प्रेस फोटोग्राफर महेश दौलतराम मूलचंदानी का शॉल, श्रीफल, स्मृतिचिन्ह तथा पौधा प्रदान कर अभिनंदन किया गया।

अध्यक्षीय उदबोधन देते हुए म द स विश्वविद्यालय, अजमेर के कुलपति प्रोफेसर विजय श्रीमाली ने पत्रकार बन्धुओं से वर्तमान परिदृश्य में बिगड़ते सामाजिक सद्भाव के विरुद्ध समाज में सकारात्मक एवं समरसता की सोच निर्माण करने का आह्वान किया।

प्रारम्भ में विश्व संवाद केंद्र, अजमेर के सचिव श्री निरंजन शर्मा ने विषय का प्रबोधन करते हुए कहा कि इस केंद्र की स्थापना वर्ष 1999 में “कृण्वन्तो विश्वम आर्यम” तथा ” वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसे आदर्शों के आलोक में राष्ट्रभक्ति का भाव जागृत करने के लक्ष्य ले कर की गई। देवर्षि नारद को आद्य संवाददाता मानते हुए यह केंद्र प्रतिवर्ष उनकी जयंती पर समाज हित में सकारात्मक सोच और सत्य की स्थापना में लगे प्रतिभाशाली पत्रकारों का सम्मान समारोह आयोजित करता है। श्री निरंजन शर्मा ने नारद जी को चरैवेति का साक्षात प्रतीक बताते हुए कहा कि उनके प्रत्येक कार्य के पीछे सत्य,न्याय और धर्म की स्थापना का ध्येय रहता था, जिसके लिए वे देवताओं तक से विरोध कर लेते थे। यही कारण था कि वे देव, दानव, यक्ष, गंधर्व और मनुष्यों में समान रूप से स्तुत्य थे।

विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष एस पी मित्तल ने समारोह के अंत में सभी उपस्थित पत्रकार बंधुओं, प्रबुद्ध नागरिकों तथा अतिथियों का आभार व्यक्त किया। संचालन विवेक शर्मा ने किया।

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