भामाशाहों ने बदल दी स्कूलों की तस्वीर

अजमेर, 11 अगस्त। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान भामाशाहों की धरती है। प्रदेश के विकास और शिक्षा के विस्तार में भामाशाहों का अतुलनीय योगदान रहा है। शिक्षा में प्राचीन समय से भामाशाह अपना योगदान देते आए है। यह सिलसिला अनवरत जारी है। समाज सदा शिक्षा में सहयोग करने वाले भामाशाहों का ऋणी रहेगा। भामाशाहों ने प्रदेश के कई स्कूलों की तस्वीर बदल दी है।
शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने आज राजकीय प्राथमिक विद्यालय हाथीखेड़ा में भामाशाहों का सम्मान किया। उन्होंने स्कूल बच्चों को अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत दूध भी पिलाया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राजस्थान की शिक्षा में भामाशाहों ने बहुत योगदान दिया है। प्रदेश में विभिन्न जिलों में भामाशाहों ने सरकारी स्कूलों को दिल खोलकर दान दिया है । उन्होंने स्कूलों की तस्वीर बदलकर रख दी है।
उन्होंने कहा कि भामाशाहों के साथ ही राज्य सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के उन्नयन का वादा पूरी गम्भीरता के साथ पूरा किया है। हमने प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर सीनियर सैकण्डरी स्कूल खोला। पिछले चार साल में राज्य में 7 हजार स्कूल क्रमोन्नत किए गए हंै। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का आधार बढ़ा है। गांव का बच्चा आज गांव में ही स्कूली शिक्षा पूरी कर रहा है।
श्री देवनानी ने कहा कि साढे़ चार साल पहले राजस्थान देश में शिक्षा के क्षेत्रा में 21वें स्थान पर था। हमने राजस्थान की शिक्षा को बदलने के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास किए। आज राजस्थान दूसरे स्थान पर है। हमने शिक्षक¨ं की समस्याओं क¨ समझा और उनके निराकरण के प्रयास किए। आजादी के बाद पहली बार सवा लाख से ज्यादा शिक्षक¨ं क¨ पदोन्नति दी गई। शिक्षक¨ं के रिक्त पद¨ं क¨ नई भर्ती से भरा गया। स्कूल¨ं क¨ भ©तिक संसाधन उपलब्ध कराए गए।
उन्होंने कहा कि आज राजस्थान के अभिभावक चाहते ह® कि उनके बच्चे सरकारी स्कूल¨ं म­ पढ़­। लाख¨ं नए नामांकन और शैक्षिक गुणवत्ता इसका सबूत है कि राजस्थान की शिक्षा ने सफलता के नए स¨पान¨ं क¨ छुआ है। हाथीखेड़ा के इस स्कूल में भी नामांकन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। हम जल्द ही देश म­ नम्बर एक पर ह¨ंगे।
इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य श्री शंकर सिंह रावत, श्री लाल सिंह, छोटू सिंह रावत, श्री प्रताप सिंह रावत, श्री भोमसिंह रावत, श्री बलवीर सिंह रावत, श्री फूलसिंह रावत, श्री देवी सिंह रावत, श्री गोपाल सिंह रावत एवं शंकर सिंह सहित बडी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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