अजमेर। श्री दिगम्बर जैन मुनि संघ सेवा समिति द्वारा छोटे धड़े की नसियां में चल रहे चातुर्मास की 18 नवम्बर को पुर्णाहूति होने जा रही है। शुक्रवार को जिनसहस्त्रनाम महायज्ञ के दौरान दिव्य भक्ति अनुष्ठान में भगवान की एक हजार आठ नामों से दिव्य अर्चना की गई। मुनि श्री ने बताया कि इस अनुष्ठान में पापी से परमात्मा, नर से नारायण, कंकर से शंकर, मानव से महामानव और भील से भगवान बनने की शक्ति समाई है। इस अवसर पर हजारों प्रभु भक्तों ने दिव्य अनुष्ठान में भाग लेकर अपने मनुष्य प्रर्याय को सार्थक बनाया। मुनि प्रसन्न सागर महाराज ने बताया कि 17 नवम्बर को सुबह 7 बजे से महामंत्र महाअर्चना महोत्सव और 18 नवम्बर रविवार को प्रथम सत्र में सुबह 7 बजे से विश्वशांति महायज्ञ, भाग्यशाली पंचतीर्थ, मंगल कलश पात्र चयन, भव्य पिच्छिका परिवर्तन एंव मंगल विहार विदाई का आयोजन होगा। 18 नवम्बर को मुनि प्रवर प्रसन्न सागर महाराज अजमेर से बिजोलिया पाश्र्वनाथ के लिए अहिंसा संस्कार पद यात्रा का शंखनाद करेंगे। जहां 31 दिसम्बर 2012 को बिदाई और 1 जनवरी 2013 का स्वागत किया जायेगा।