स्वीकृत कार्यों को तत्काल प्रारम्भ करें – जिला प्रमुख

पानी की हर बूंद कीमती है, जल प्रबंधन में आमजन सहयोग करें – जिला कलक्टर
जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक सम्पन्न

अजमेर, 12 सितम्बर। जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाआें में स्वीकृत कार्यों को तत्काल प्रारम्भ करें ताकि उनका आमजन को समय पर लाभ मिल सके। नरेगा के क्षेत्र में अजमेर जिले को मिले राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए उन्होंने सभी को बधाई दी।
जिला प्रमुख बुधवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। उन्होंने कहा कि वर्षा के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में काफी सड़कों की मरम्मत का कार्य कराया जाना है। वहीं अन्य योजनाओं में पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करना है। यह समस्त कार्य शीघ्रातिशीघ्र प्रारम्भ करें। उन्होंने कहा कि अजमेर जिले को नई दिल्ली में नरेगा योजना के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार मिला हैं। यह सभी जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के सामूहिक प्रयास से संभव हो पाया है। इसके लिए सभी बधाई के पात्र है।
बैठक में जिला कलक्टर आरती डोगरा ने वर्तमान में अजमेर जिले में पेयजल की स्थिति के संबंधम ें बताया कि आने वाला समय काफी गम्भीर होगा। इसके लिए हमे अभी से पानी हर बूंद की कीमत समझनी होगी तथा विभाग द्वारा किए जा रहे जल प्रबंधन में पूर्ण सहयोग देना होगा। उन्होंने बताया कि बीसलपुर बांध की कुल भराव क्षमता 38.7 टीएमसी है, जिसके विरूद्ध वर्तमान में मात्र 9 टीएमसी जल उपलब्ध है। जो आगामी फरवरी माह तक ही चल पाएगा। उपलब्ध जल को 2019 की वर्षा ऋतु तक चलाने के लिये जलापूर्ति स्तर में 20 प्रतिशत की कटौती की गई है। भविष्य में बीसलपुर बांध में पानी की आवक को देखते हुए अग्रिम आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में जिला कलक्टर ने शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे ऎसे विद्यालय जहां पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। उन्हें शिक्षा विभाग चिन्हित कर सूची तैयार करेंगे तथा एक सप्ताह में जलदाय विभाग को उपलब्ध करांएगे। साथ ही ऎसी स्वीकृत ढाणियां जो अभी तक पेयजल लाइन से नहीं जोड़ी गई है। उन्हें भी जलदाय विभाग को जोड़ने के लिए निर्देशित किया गया है। बैठक में जलदाय अभियंताओं को निर्देशित किया गया कि वे अवैध कनेक्शनों को सख्ती से हटाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से निरन्तर सम्पर्क रहने तथा पेयजल की स्थिति से अवगत कराते रहने के लिए भी कहा। पंचायत समिति की बैठकों में भी पानी की इस स्थिति को समस्त जनप्रतिनिधियों को बताया जाए ताकि वे भी जल प्रबंधन में अपना पूर्ण सहयोग दे सके। उन्होंने पेयजल वितरण का समय निर्धारण की सूचना आमजन को समय पर दिए जाने की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

जिला कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे रास्तों में हो रहे गड्डों की मरम्मत के लिए एक सप्ताह में प्रस्ताव तैयार कर भिजवावें साथ ही रोड के दोनो तरफ बबूल के पेड़ों को समयबद्धता से छटांई करने के लिए नरेगा से प्रस्ताव तैयार कर भिजवावें। उन्होंने बताया कि राजस्व के 96 के प्रकरणों को काफी गम्भीरता से लिया जा रहा है। इस संबंध में राजस्व अधिकारियों की बैठक में तहसीलदारों से फीडबेक भी लिया जाएगा।
जिला कलक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को सरवाड़ पंचायत क्षेत्र में निर्माणाधीन स्कूल की शिकायत की जांच रिपोर्ट लम्बे समय से नहीं दिए जाने को गम्भीरता से लेते हुए एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में ब्यावर के विधायक श्री शंकर सिंह रावत ने जवाजा क्षेत्र के दूरदराज के गांवों में शिक्षकों के रिक्त पद शीघ्र भरने की आवश्यकता बतायी।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरूण गर्ग ने बताया कि जिले में व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं में लगभग 3 हजार, पालनहार में 7 हजार 400 तथा सिलिकोसिस की 250 से अधिक स्वीकृति जारी कर लोगों को लाभान्वित किया गया है।
बैठक में बड़ाखेड़ा को टॉटगढ़ के 132 केवी स्टेशन से विद्युत वितरण किए जाने, शौचालयों के निर्माण के बकाया भुगतान शीघ्र करने, सथाना का लक्ष्मीखेड़ा गांव को पेयजल पाइपलाइन से जोड़ने की भी सदस्यों ने जरूरत बतायी। इस मौके पर उप प्रमुख श्री टीकम रावत, समस्त पंचायत समितियों के प्रधान एवं जिला परिषद सदस्य सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

संभाग स्तरीय सड़क सुरक्षा कार्यशाला आयोजित
अजमेर, 12 सितम्बर। परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के द्वारा बुधवार को सिविल लाइन स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभागार में संभाग स्तरीय सड़क सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
संभागीय परिवहन अधिकारी श्रीमती कुसुम राठौड़ ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों की पालना में संभाग के सड़क एवं यातायात से संबंधित विभगों की एक दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में सड़कों पर दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा उससे होने वाली मृत्यु के औसत को कम करने पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में संभाग के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। संभाग के समस्त जिलों से आए जिला परिवहन अधिकारियों ने अपने जिले में सड़क सुरक्षा से संबंधित किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी।
सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ उप परिवहन आयुक्त श्रीमती निधि सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के उपायों को अमल में लाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं हैं। विभाग के द्वारा इस संबंध में प्राथमिकता से बजट उपलब्ध करवाया जाता है। परिस्थितिवश बजट उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में डेडिकेटेड रोड सेफ्टी फण्ड से पर्याप्त संसाधन उपलब्घ करवाए जाएंगे।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री एम.के.गुप्ता ने कहा कि इस सड़क सुरक्षा कार्यशाला की सार्थकता दुर्घटनाएं कम होने में है। सड़क निर्माण के समय सड़क सुरक्षा प्रावधानों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। दुर्घटना से बचाव के लिए निर्धारित सीमा में गतिरोध, नियमों की अनुपालना, सीटबैल्ट और हैल्मेट का उपयोग तथा नशे से दूर रहना चाहिए। इनकी शुरूआत स्वयं से करने से अन्य व्यक्ति इसका अनुसरण करेंगे। मोबाइल फोन पर बात करते समय वाहन नहीं चलाना चाहिए।
सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के उप पुलिस अधीक्षक श्री तेजपाल सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा 2020 तक दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत की कमी लाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं। पुलिस के द्वारा चालान काटने पर सबंधित चालक की काउंसलिंग की जानकी चाहिए। चालको को लेन ड्राइविंग के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ड्राइविंग लाईसेंस के निलम्बन की जानकारी चालक के थाना क्षेत्र को भी दी जानी चाहिए।
सड़क सुरक्षा सलाहकार श्री एस.एस.सिंह ने कहा कि दुर्घटना के संभावित ब्लैक स्पॉट की पहचान समय-समय पर की जानी आवश्यक है। इन स्थानों पर दुर्घटना रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाने चाहिए। फुटपाथ एवं सड़क को अतिक्रमण मुक्त रखना दुर्घटना रोकने का एक उपाय है। मुख्य सडक एवं छोटी सड़क के मिलान स्तर पर छोटी सड़क पर स्पीड कम करवाने की कार्यवाही करनी चाहिए। समय-समय पर सड़क सुरक्षा ऑडिट करवायी जानी आवश्यक है। ब्लैक स्पॉट की डीपीआर तैयार करने के संबंध में भी जानकारी प्रदान की गई।
सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ के चिकित्सा नोडल अधिकारी डॉ. एल.एन.पाण्डे ने कहा कि संभाग के समस्त विद्यालयों में रोड सेफ्टी क्लब बनाए जाए। इनके लिए स्थानीय शारीरिक शिक्षक को प्रभारी बनाया जाए। एम्बूलेंस दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए केवल परिवहन वाहन नहीं होकर प्राथमिक उपचार प्रदाता है। दुर्घटना के समय मदद करने वाले व्यक्तियों को उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार पुलिस केवल एक बार ही पूछताछ करेगी। उससे अपराधी की तरह व्यवहार नहीं किया जाएगा। दुर्घटना के संबंध में अस्पताल एवं पुलिस के कर्तव्य भी निर्धारित किए गए है। अस्पताल को घायल व्यक्ति के लिए प्राथमिक उपचार उपलब्ध करवाना होगा।
इस अवसर पर स्थानीय निकाय विभाग के उप निदेशक श्री किशोर कुमार, जिला परिवहन अधिकारी श्री प्रकाश टेहलियानी सहित संभाग के सड़क एवं यातायात से जुड़े विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

जिला लोक शिकायत एवं सतर्कता समिति की बैठक 18 सितम्बर को
अजमेर, 12 सितम्बर। जिला कलक्टर आरती डोगरा की अध्यक्षता में जिला लोक शिकायत एवं सतर्कता समिति की द्वितीय अपील प्राधिकारी के रूप में प्रकरणों की सुनवाई आगामी 18 सितम्बर को दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट परिसर स्थित अटल सेवा केन्द्र में आयोजित की जाएगी। अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री एम.एल.नेहरा ने बताया कि पूर्व में ये बैठक 13 सितम्बर को प्रस्तावित थी।

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