ना वैर की तकरार की,आज जरूरत है प्यार की

केकड़ी:–13 जनवरी। दुनिया की माया में उलझा हुआ इंसान कभी भी भक्ति नहीं कर पाता है घर परिवार के हर कार्य से विमुख हो जाता है नतीजा वैर,द्वेष की भावना घर कर जाती है।उक्त उद्गार बहन संगीता ने अजमेर रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए।
मंडल प्रवक्ता राम चंद टहलानी के अनुसार बहन संगीता ने कहा कि घर परिवार में आस पड़ोस में सब जगह बस प्यार ही प्यार हो क्योंकि न वैर की तकरार की आज जरूरत है प्यार की। जहां तर्क तकरार वहां नर्क बरकरार जहां प्यार सत्कार वहां स्वर्ग बरकरार।
प्यार,नम्रता,सहनशीलता, अपनापन संतो के गहने बताए गए हैं इन्हें हमें हर स्तर पर धारण कर चलना होता है।संत महापुरुष हमें सन्त बनाना चाहते हैं पर इंसान की फितरत कि बगुला बनना पसंद करता है।
संत हमेशा प्यार बरसाते हैं और माँ सविंदर ने भी सबको प्यार ही प्यार दिया और मिशन में एक रोशन मीनार बनकर आज जगमगा रही हैं और हर इंसान को रोशन मीनार बनने की प्रेरणा भी दे रही हैं।
संत हमारी आत्मा को परमात्मा का ज्ञान कराते हैं फिर हमारा कर्तव्य बन जाता है कि हम परमात्मा के गुणों का,खूबियों का वर्णन करें। आज हमारे हाथ में दिया है पर हमने अपनी ही आंखें बंद कर रखी है तो नुकसान होना ही है अगर हम ज्ञानवान हैं तो वैर विरोध ने करके प्यार नम्रता को धारण कर अपना जीवन महकाने का प्रयास करना है।
परमात्मा की जानकारी हमें हर भरम,भुलेखों से दूर करती है।
सत्संग के दौरान सीता,मंजू, दिव्या,प्रीति,हर्षा,दीपा, भगवान,प्रेम,हरिराम,दीपक, तनुजा,अशोक रंगवानी आदि ने गीत विचार भजन प्रस्तुत किए संचालन नरेश कारिहा ने किया।

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