नई जांच के आदेश से मचा हड़कंप

जांच के बाद फिर एक और जांच के आदेश, नगरपालिका में मचा हड़कंप अभी होनी है और कई जांचे !
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नगर पालिका केकड़ी द्वारा विगत शासन काल मे करवाये गए विकास कार्यो की जांच के बाद फिर एक और जांच के आदेश ने नगरपालिका में हड़कंप मचा दिया है। एक सप्ताह में ही एक जांच के बाद दूसरी बार जांच के आदेश जारी होने से पालिका के कर्मचारियों में ख़ौफ़ व्याप्त है, सूत्रों का कहना है कि अभी तो और कई जांचे होनी है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व सयुंक्त सचिव पवन अरोड़ा ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर तीन अधिकारियों का एक और जांच दल गठित किया है। जांच दल में निदेशालय के उप नगर नियोजक राजपाल चौधरी, वरिष्ठ प्रारूपकार इंद्र कुमार, अरबन प्लानर फव्वाद अख्तर को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। यह जांच दल सम्भवतः सोमवार से यहां जांच कार्य शुरू करेगा। शिकायतों के आधार पर निदेशक अरोड़ा ने जांच दल को केकड़ी शहर में अनाधिकृत निर्माण, अतिक्रमण व अनाधिकृत रूपांतरण के मामलों की जांच का जिम्मा सौंपा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में गत दिनों स्वायत्त शासन विभाग से आया जांच दल यहां नगरपालिका द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जांच के लिए निर्माण कार्यों के करीब 50 से ज्यादा नमूने एकत्रित कर ले गया है, जिनकी लेबोरेट्री से जांच कराई जाएगी। वहीं टेंडर प्रक्रिया में हुए कथित गड़बड़झाले की जांच के लिए करीब 36 पत्रावलियां अपने कब्जे में ले चुका है। ज्ञात रहे विकास कार्यों में धांधली की शिकायतें पिछले कई महीनों से की जाती रही हैं लेकिन राज्य में भाजपा सरकार ने यहां भाजपा का बोर्ड होने की वजह से शिकायतों को अनदेखा कर दिया लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार के निर्देश पर डीएलबी महकमा हरकत में आया है और शिकायतों की जांच का सिलसिला शुरू हो चुका है। बताया गया है कि जांच दल द्वारा शुक्रवार को पालिका के एईएन, जेईएन व अकाउंटेंट को पत्रावलियों से सम्बंधित पूछताछ के लिए तलब किया गया था, उन्हें सोम-मंगल को फिर से जयपुर बुलाया गया है। गौरतलब है कि नगरपालिका द्वारा गत 3 वर्षों में करोड़ों रुपये की लागत से सड़क, नाली, नाले व अन्य निर्माण कार्य कराये गए हैं । शहर में जनप्रतिनिधियों व व्यापारियों द्वारा स्थाई अतिक्रमण करने, अनाधिकृत निर्माण करने व पालिका द्वारा अनाधिकृत रूपांतरण की शिकायतें की गई थी जिनकी शिकायत क्षेत्रीय विधायक व राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा को भी की गई। पालिका की गम्भीर शिकायतों के जानकारी में आने पर डॉ शर्मा ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को आग्रह कर मामलों की जांच कराने को कहा जिस पर धारीवाल ने तुरंत एक्शन लेते हुए विभाग को जांच के आदेश दिए हैं। कुल मिलाकर नगरपालिका भाजपा बोर्ड की कारगुजारियों की जांचे शुरू हो चुकी है अब देखना ये है कि इन जांचो का शिकार कौन कौन होता है तथा किन किन पर गाज गिरती है या पालिका जांच में निर्दोष पाई जाती है।यह तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पायेगा।

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