इमाम हुसैन ने शुरू किया मदीने से कर्बला का सफर

अजमेर । निकटवर्ती ग्राम दौराई मे दरगाह हजरत अब्बास अ.स पर हर साल की तरहा इस साल भी गुरूवार देर रात ईमाम हुसैन का मदीने से कर्बला के सफर का मंजर पेश किया गया । राजस्थान ओलेमा कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद काज़िम अली जैदी ने मिडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 28 रजब सन् 60 हिजरी को इमाम हुसैन ने इस्लाम को बचाने के लिए अपने नाना का प्यारा वतन मदीना छोड़ा । इस लिये शिया समाज के लोग इस दिन को इमाम हुसैन की रूखसती के रूप मे मनाते है । मौलाना सैय्यद जुहेर अब्बास रिज़वी ने मजलिस को खिताब करते हुऐ समुदाय के लोगो को इमाम हुसैन के मदीना छोड़ने की वजह पर रोशनी डालते हुए कहा कि इमाम हुसैन इस्लाम को बचाने के लिए अपने परिवार के 18 सदस्यों सहीत अन्य साथियो के साथ कर्बला के लिए रवाना हो गए । छः माह का परेशानी भरा सफर तय करते हुए यह काफला दो मोहर्रम को कर्बला पहुंचा । कर्बला मे पूरे काफिले को तीन दिनो तक भूखा प्यासा रखा गया । और रोजे आशूरा ( 10 मोहर्रम ) यजीदी फौज ने इमाम हुसैन व उनके साथियो को शहीद कर दिया शहीद होने वालो मे एक छः माह का बच्चा भी शामिल था । बानिये मजलिस सैय्यद लियाकत हुसैन ने बताया कि मौलाना की तकरीर के फौरन बाद इमाम हुसैन के काफिले की रूखसती का मंजर पेश किया गया । इस मौके पर दौराई के ईमामे जुमा मौलाना सैय्यद जिशान हैदर जैदी, मौलाना सैय्यद शमीमुल हसन,मौलाना जरीफ हैदर , शिया समुदाय के प्रदेश महासचिव सैय्यद आसिफ अली, जिलाध्यक्ष सैय्यद आबिद हुसैन,दौराई के पूर्व सरपंच आलम अली, आजाद अली,अली हैदर,अहमद हुसैन, दिलावर अब्बास, सखावत हुसैन, शब्बीर हुसैन, कल्बे मोहम्मद,अली सामिन सहित कई लोग मौजूद थे ।

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