श्रमिकों ने ठेकेदार का पुतला फूंक- प्रदर्शन कर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

केकड़ी18 अप्रैल।
बिसलपुर परियोजना में कार्यरत श्रमिकों ने आज अपनी पुरानी मांगों को लेकर केकड़ी फिल्टर प्लांट पर अधिशाषी अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया व उपखंड अधिकारी कार्यालय पर ठेकेदार का पुतला फूंक कर प्रदर्शन करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। उल्लेखनीय है कि जीवन गुजर-बसर करने के लिए हाड़ तोड़ मेहनतकश मजदूर वर्ग आज भी फाकाकशी के दिन गुजारने को मजबूर है। महंगाई की मार झेलने के साथ ही आज मजदूर को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पाने से श्रमिकों का जहां शोषण हो रहा है, वहीं कई नियोजक व ठेकेदार वर्ग के लोग लेबर एक्ट का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। श्रम विभाग की ओर से मजदूरों के कल्याण व हितों के संरक्षण के लिए कल्याणकारी योजनाएं तथा कानून व अधिकार बनाए हुए हैं। मगर अशिक्षा के कारण मजदूर वर्ग अधिकांशत: लाभांवित नहीं हो पा रहा है। जिसका अनुचित फायदा ठेकेदार उठा रहे हैं, और श्रमिकों को उनकी मेहनत का उचित भुगतान नहीं मिल रहा है। कुल मिलाकर ठेकेदार लेबर एक्ट का भी खुलेआम उल्लंघन कर रहै हैं। इस मामले में भारतीय जलदाय कर्मचारी संघ के बैनर तले केकड़ी क्षेत्र के सैंकड़ों जलदाय श्रमिकों ने आज अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया तथा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में श्रमिकों ने ठेकेदार द्वारा उनका शोषण करने का आरोप लगाते हुए विभिन्न मांगें रखी है जिसमें राज्य में ठेका प्रथा बन्द करने, सभी ठेका श्रमिकों को विभाग में नियमित कर्मचारी घोषित करने की मांग की। संघ के संभागीय अध्यक्ष सीताराम वैष्णव ने बताया कि ठेकेदार के अधीन सैंकड़ों श्रमिक वर्षों से मजदूरी कर रहे हैं लेकिन ठेकेदारों द्वारा श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है उन्हें निर्धारित मजदूरी, बोनस व अन्य लाभों से वंचित किया जा रहा है। जबकि कांग्रेस सरकार द्वारा चुनाव से पूर्व घोषणा पत्र में मजदूर, किसान, कर्मचारी, व्यापारी एवं प्रदेश की जनता के साथ समान अधिकार एवं समस्याओं पर तुरंत कार्यवाही कर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने की घोषणा की गई थी। इस सम्बन्ध में प्रदेश संगठन को आशा ही नहीं विश्वास है कि वर्तमान राज्य सरकार श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करवाकर श्रमिकों को राहत प्रदान करवाएगी। वैष्णव ने बताया कि बीसलपुर-अजमेर एवं बीसलपुर-जयपुर पेयजल परियोजना जो कि जीवनदायनी परियोजना है। इस परियोजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को समय पर शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने के लिए राज्य की उच्च कोटी की कम्पनियों को ठेका
दिया जाता है, जबकि उच्च कम्पनियों द्वारा स्वयं कार्य नहीं कर छोटी छोटी कम्पनियों को ठेका सबलेट कर दिया जाता है और ये छोटी कम्पनियां श्रमिकों को श्रम नियमों के तहत मिलने वाले लाभ एवं परिलाभ नहीं देकर कथित रूप से उनका शोषण कर रही है। वैष्णव के अनुसार कम्पनियों द्वारा श्रमिकों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जाता, नियमानुसार वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं की जाती, साप्ताहिक अवकाश का लाभ नहीं दिया जाकर श्रमिकों से 30 दिवस तक कार्य करवाया जाता है जबकि वेतन 26 दिवस का ही दिया जाता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय अवकाश, होली, दीपावली, दशहरा, रक्षाबन्धन एवं अन्य त्योहारों पर अवकाश नहीं दिया जाता, दीपावली पर बोनस का भुगतान नहीं किया जाता, लिवरीज सुविधा, पी.एफ. कटौती, ई.एस.आई. कटौती नहीं की जाती, नियमित वेतन भुगतान नहीं किया जाता, तीन-चार माह में भुगतान करना, श्रमिकों को अकारण ही नौकरी से निकालना एवं नाजायज रूप से परेशान किया जाना ठेकेदारों की आदत बन गई है। राजस्थान में जलदाय विभाग में वर्षो से कर्मचारियों की भर्ती नही की गई है। राजस्थान में वर्तमान में करीबन 40 हजार से अधिक श्रमिक विभिन्न ठेकेदारों के अधीन कार्यरत है। बीसलपुर परियोजना, थडौली-अजमेर, निवाई-झिराना, मालपुरा-दूदू , राजमहल, टोडारायसिंह राजस्थान की सबसे बड़ी
परियोजना है जिसमें विभिन्न इकाईयों पर सैंकड़ों ठेका श्रमिक कार्यरत है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि केकड़ी बीसलपुर परियोजना में कार्यरत श्रमिकों को महीने में मात्र 7-8 हजार रुपये मजदूरी के रूप में भुगतान किया जा रहा है। जबकि सरकार ने चुनाव से पहले घोषणा पत्र मेंअनुसार ठेका श्रमिकों की नियमानुसार मजदूरी देने की घोषणा की थी उस हिसाब से सरकार को श्रमिकों की हर माह 18,000 रू करते हुए विभाग में संविदा कर्मचारी/ विभागीय नियमित कर्मचारी घोषित किया जाना चाहिए। वैष्णव ने बताया कि जलदाय विभाग में वर्तमान में 65-80 हजार पद रिक्त चल रहे हैं। जलदाय कर्मचारी संघ ने आगाह किया है कि श्रमिकों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण नहीं किया गया तो संघ व्यापक स्तर पर आंदोलन करेगा वहीं श्रमिकों द्वारा लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

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