तीर्थराज पुष्कर के पवित्र सरोवर में होगा शाही स्नान

श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ, श्रीमती किरण सोनी गुप्ता, वैभव गालरिया गजसिंह जोधपुर पुष्कर मेले में आयोजित घुड़दौड़ में विजेता घोड़े के साथ।

पुष्कर। एक ओर जहां सांस्कृतिक छटाओं के बीच पुष्कर मेला परवान पर पहुंच गया है, वहीं मंगलवार को पवित्र सरोवर में शाही स्नान होगा। सोमवार को कार्तिक त्रयोदशी के पंचतीर्थ स्नान के अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने सरोवर के घाटों पर वैदिक मंत्रोच्चारण से पूजा-अर्चना कर स्नान किया और भारतीय वैदिक परम्पराओं के अनुरूप प्रार्थना की।
उपखंड अधिकारी एवं पुष्कर मेला मजिस्ट्रेट निशु अग्निहोत्री ने बताया कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों एवं पशुपालकों के लिए माकूल व्यवस्थाएं होने से मेले में उमंग भरा माहौल है।
साढ़े पंद्रह हजार पशु आये: लगभग पांच हजार विदेशी पर्यटक मेले में मौजूद इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले में 15 हजार 489 विभिन्न प्रजाति के पशु आये हैं। इनमें गौ वंश 4270, सर्वाधिक ऊंट 6347, घोड़े 3615, 1256 भैंस तथा 1 गधा आया है। मेला मैदान में पशुपालक अपने पशुओं के करतब दिखा रहे हैं।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक एवं मेला अधिकारी डॉ. रोशन लाल देव ने बताया कि पशुपालकों की सुविधा के लिए चौकियां स्थापित की गई हैं। पशुपालक पशुओं की अभी भी खरीद फरोख्त में लगे हुए हैं और अपने गन्तव्य स्थानों पर लौट रहे हैं। शिल्पग्राम आर्ट एंड क्राफ्ट मेला तथा उद्योग क्राफ्ट मेले में श्रद्घालु और पर्यटक खरीददारी करते हुए देखे गए। लगभग 5 हजार विदेशी मेहमान पुष्कर मेले का आनंद ले रहे हैं।

श्रीमती नसीम, राजेन्द्र गुढ़ा, श्रीमती किरण सोनी गुप्ता, गजसिंह जोधपुर, पुष्कर मेला मैदान में आयोजित घोड़ों की दौड़ देखते हुए।

मेले में 27 नवंबर को कार्तिक चतुर्दशी का पंचतीर्थ स्नान जारी रहेगा। बुधवार को प्रात: 11 बजे मेला मैदान में म्यूजिकल चेयर रेस, दोपहर 1 बजे अंतर पंचायत समिति ग्रामीण फाइनल खेलकूद प्रतियोगिताएं तथा अपरान्ह 3 बजे पशु चैम्पियन प्रतियोगिता होगी। सायंकाल 5.30 बजे महाआरती के बाद रात्रि 7 बजे वेदांता की ओर से राजा हसन लॉफ्टर शो प्रस्तुत करेंगे और लेजर शो होगा।
मेले में आने वाले श्रद्घालुओं एवं विदेशी मेहमानों के लिए पुराने रंगजी के मंदिर में भारतीय शास्त्रीय नृत्य पर आधारित परम्परागत टेम्पल डांस फेस्टीवल के समापान पर 27 नवंबर को अजमेर की ख्याति प्राप्त कत्थक नृत्यांगना दृष्टि रॉय और भुवनेश्वर के ओंकार कलशराम ग्रुप के कलाकार ओडिसी नृत्य प्रस्तुत करेंगे।
मेले में राजस्थानी लोक कला का लोहा जमकर बोल रहा है। जहां एक और रविवार शाम को मेला स्टेडियम में राजस्थानी लोक कलाकारों ने इस तरह से प्रस्तुति दी कि हर कोई ताली बजाने को मजबूर हो गया, वहीं दूसरी और पर्यटन ग्राम में सोमवार को जैसलमेर से आई खान एंड पार्टी ने मंगणिआरा शैली में इस तरह से गायकी प्रस्तुत की कि राजस्थानी परम्पराओं की छाप दिखाई देने लगी। खेताराम ने अपनी सरस्वती के जरीये लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पुष्कर के मेला मैदान में विदेशियों को आकर्षित करने के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में मेजबान पर मेहमान भारी पड़ रहे हैं। पहले भी कई प्रतियोगिताओं में भारतीयों को चित करने के बाद सोमवार को मटका फोड़ प्रतियोगिताओं में विदेशियों ने भारतीयों पर आश्चर्यजनक रूप से जीत दर्ज की। इसे जज्बा ही कहा जा सकता है क्योंकि सैलानियों को न तो नियमों की जानकारी थी और न ही अभ्यास वहीं मेजबानों की हार का कारण अतिरिक्त आत्मविशवास को भी माना जा रहा है। स्थानीय खिलाड़ी अपनी जीत को सुनिश्चित मान रहे थे, जबकि विदेशियों ने कड़ी मेहनत की।
पुष्कर मेले में आयोजित मटका रेस प्रतियोगिता निर्णायकों के निर्णय के चलते विवादों में फंस गई। स्त्री वर्ग के जिए आयोजित इस प्रतियोगिता में देशी और विदेशी बालाओं ने भाग लिया, जिसमें निर्णायक मंडल के सदस्यों ने अलग अलग राय जाहिर करके प्रतियोगिता के विवादों में खड़ा कर दिया। आखिरकार पुष्कर की निशा को पहला विजेता घोषित किया। स्पेन की जेसिका ने निर्णायकों के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए कहा कि फैसला निष्पक्ष नहीं हुआ है, वहीं मैदान में मौजूद कई दर्शक अनिता को विजेता मान रहे थे। इस मेले में ये पहली बार हुआ कि प्रतियोगिता की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं।
मेला मैदान पर आयोजित घुड़दौड़ प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण केन्द्र रही जिसमें देश के कोने-कोने से आये घोड़ों ने भाग लिया।
मारवाड़ हार्स सोसाइटी द्वारा पशुपालन विभाग के सहयोग से आयोजित इस प्रतियोगिता में घुड़सवारों ने बालू मिट्टी के मेला मैदान पर अपने घोड़े की दौड़ कराई, जिसको देखने के लिए हजारों की तादाद में पशुपालकों, श्रद्घालु और विदेशी सैलानी मौजूद थे। शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ के प्रयासों से इस बार मेले में की जा रही ऐतिहासिक व्यवस्थाओं से आने वाले सभी पशुपालकों व मेहमानों को काफी सहूलियतें मिल रही हंै। जिला कलक्टर वैभव गालरिया तथा पुलिस अधीक्षक राजेश मीना ने मेले की पूरी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया है।
शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार पुष्कर मेले के लिए लगभग सवा दो करोड़ रूपये की राशि विभिन्न स्तर से उपलब्ध कराई है, जिससे नगरपालिका तथा जिला प्रशासन द्वारा हर स्तर पर व्यापक प्रबन्ध किये गये हंै। 24 घंटे पुष्कर नगर सरोवर के घाटों तथा मेला मैदान की सफाई व्यवस्था की जा रही है।
शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ, नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा, संभागीय आयुक्त श्रीमती किरण सोनी गुप्ता, जिला कलक्टर वैभव गालरिया तथा गजसिंह जोधपुर ने घुड़दौड़ में विजेता घुड़सवारों को पुरस्कार वितरित किये। गजसिंह जोधपुर ने बताया कि सोसायटी द्वारा मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों को प्रोत्साहन हेतु इस प्रकार के आयोजन किये जाते हैं। शिक्षा मंत्री श्रीमती अख्तर व नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री श्री गुढ़ा ने मेले की विभिन्न व्यवस्थाओं का अवलोकन किया तथा राज्य व देश के विभिन्न स्थानों से आये पशुपालकों से बातचीत की।
इस बार कार्तिक पूर्णिमा महास्नान का एक अलग महत्व हागा, क्योंकि एक दशक के बाद सुबह दो घंटे के लिए पद्मयोग आ रहा है। पंडित कैलाशनाथ दाधीच के अनुसार इस पद्मयोग में ब्रह्मा जी कमल पुष्प पर बैठ कर ब्रह्मांड का भ्रमण करते हैं। वहीं इस बार दोपहर बाद में महाकार्तिक स्नान का योग भी है। दाधीच के अनुसार सर्वसिद्धि योग में स्नान करने से आदमी की सभी मनोकानाएं पूरी होती है, साथ ही शाम को सरोवर में दीपदान करने से कीट, पतंगे और मच्छर से आने वाली पीड़ा भी दूर होती है और पुनर्जन्म के योग से छुटकारा मिलता है।

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