भारत की समृद्ध संस्कृति को पढ़ानें में सरकार की नहीं रूचि

जयपुर/अजमेर, 16 जुलाई। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया है कि सरकार कीं शास्त्रों के सरंक्षण व भारत की समृद्ध संस्कृति को पढ़ाने में काई रूचि नहीं है।
देवनानी ने बताया कि उनके द्वारा एक अतारांकित प्रश्न के माध्यम से सरकार के संस्कृत शिक्षा मंत्री से यह पूछा गया था कि गत भाजपा सरकार द्वारा राज्य में शास्त्रों के संरक्षण व प्रदेश में उपलब्ध संस्कृत विद्वानों के ज्ञान से युवा पीढ़ी व जन-सामान्य को लाभान्वित कराने के उद्धेश्य से अनौपचारिक शास्त्र शिक्षण केन्द्र योजना प्रस्तावित की थी। इसके अतिरिक्त जन सामान्य को भारत की समृद्ध संस्कृति से अवगत कराने के लिए सांध्य विद्यालय प्रारम्भ किये जाने की योजना भी बनाई गई थी जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी गई थी।
देवनानी ने बताया कि उन्होंने प्रश्न के माध्यम से सरकार से यह जानना चाहा कि इन महत्वपूर्ण योजनाओं को कब तक प्रारम्भ करा दिया जाएगा जिसके जवाब में सरकार ने वित्तीय व भौतिक संसाधनों की उपलब्धता होने पर ही योजनाओं का संचालन संभव बताया है। उन्होंने कहा कि यह जवाब इस बात को प्रदर्शित करता है कि सरकार शास्त्रों के संरक्षण व भारत की समृद्ध संस्कृति को जन सामान्य तक पहंुचाने के लिए गंभीर नहीं है वरना सरकार एसी महत्वपूर्ण योजनाओं को प्राथमिकता से लागू करने का प्रयास करती।

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