अजमेर में श्रमिक कार्ड के 10 हजार आवेदन लम्बित

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 20 जुलाई। विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने राजस्थान विधान सभा में एक तारांकित प्रश्न के माध्यम से भवन एवं संनिर्माण श्रमिक अधिनियम 1996 के अन्तर्गत श्रमिकों को पंजीकृत कर जारी किये जाने वाले श्रमिक कार्डो के बड़ी संख्या में लम्बित होने का मामला उठाया।

देवनानी ने बताया कि इस सम्बंध में उनके द्वारा पूछे गये प्रश्न के जवाब में सरकार ने बताया कि वर्तमान में श्रमिक कार्ड जारी किये जाने के प्रदेश में कुल 3,66,638 आवेदन लम्बित है। उन्होंने बताया कि अजमेर में श्रमिक कार्ड जारी किये जाने हेतु 10040 आवेदन विभाग में लम्बित है।

उन्होंने श्रमिकों के कल्याण की इस योजना के प्रति सरकार पर गंभीरता नहीं बरते जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार द्वारा अकेले अजमेर में गत दो वर्षो में 2017 में 42,121 व 2018 में 22,427 आवेदन अनुमोदित कर श्रमिक कार्ड जारी किये थे परन्तु वर्तमान सरकार ने 6 माह में मात्र 2953 आवेदन अनुमोदित किये है। ऐसा ही हाल प्रदेश के अन्य जिलों के भी है।

देवनानी ने कहा कि सरकार ने उनके प्रश्न के जवाब में बताया है कि श्रमिक कार्ड जारी किये जाने हेतु किये गये आवेदनों के लम्बित रहने के कारणों में अपूर्ण आवेदनों के साथ ही विभाग में श्रम निरिक्षकों के 188 में से 85 पद तथा श्रम अधिकारियों के 83 में से 51 पदों का रिक्त होना प्रमुख रूप से जिम्मैदार है।

देवनानी ने कहा कि सरकार को इस मामले में गंभीरता बरतते हुए विभाग के रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे गरीब व मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले श्रमिकों को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके ।

देवनानी ने कहा कि श्रमिक कार्ड जारी नहीं होने की स्थिति में सरकार द्वारा लागू 8 जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ श्रमिकों को नहीं मिल पा रहा है। उन्हें शुभक्ति योजना में बेटियों के विवाह व महिलाओं को उद्यमिता से सशक्त बनाने के लिए मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 55 हजार नहीं मिल पा रही है। निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना के अन्तर्गत श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृति नहीं मिल पा रही। निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्या सुरक्षा योजना के अन्तर्गत बीमा व पेंशन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजनान्तर्गत आवास हेतु मिलने वाला 1.50 लाख का अनुदान नहीं मिल पा रहा है। श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख, पूर्ण स्थाई अपंगता पर 3 लाख व आंशिक अपंगता होने पर 1 लाख व घायल होने पर 5 से 20 हजार तथा सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रूपयें की सहायता राशि से भी वंचित होना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त प्रसूति सहायता योजना के तहत प्रसव में पुत्र जन्म पर 20 हजार व पुत्री जन्म पर 21 हजार की राशि नहीं मिल पा रही है। सिलिकोसित पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना में 2 लाख से 3 लाख की राशि से वंचित होना पड़ रहा है। इसके साथ ही निर्माण श्रमिक औजार सहायता योजना के अन्तर्गत 2 हजार के पुनर्भरण की योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पा रहा हैं ।

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