विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर राजकीय संग्रहालय में संगोष्ठी

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग और पृथ्वीराज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर राजकीय संग्रहालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि अजमेर विकास प्राधिकरण की निदेशक (वित्त), रश्मि बिस्सा थी, अध्यक्षता पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के वृत्त अधीक्षक नीरज त्रिपाठी ने की जबकि मुख्य वक्ता पृथ्वीराज फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ पूनम पांडे रही।
रश्मि बिस्सा ने इस अवसर पर कहा कि फोटोग्राफी ही ऐसा माध्यम है जिसके जरिए हम अतीत को वर्तमान में और वर्तमान को भविष्य में देख सकते हैं और फोटोग्राफी मनुष्य एवं समाज के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी हुई विधा है। जो बात हजार शब्द नहीं कह पाते वो एक तस्वीर बोल देती है।
इस अवसर पर नीरज त्रिपाठी ने कहा कि फोटोग्राफी करीब 200 वर्ष पूर्व चलन में आई है जिसके माध्यम से पूरा संसार आसानी से संपर्क में आया है व एक दूसरे को देख सकता है, चित्रकारी में वास्तविकता को बदला जा सकता है लेकिन फोटोग्राफी वास्तविक स्वरूप ही दर्शाती है इसलिए फोटोग्राफी का महत्व अधिक है। उन्होंने बताया कि हर विषय की फोटोग्राफी अलग तकनीक व परिपक्वता से की जाती है और मोबाइल के दौर में भले ही सब फोटोग्राफर बन चुके हैं लेकिन प्रोफेशनल फोटोग्राफर का कार्य आज भी महत्वपूर्ण एवं चुनौतीपूर्ण है।
डॉ पूनम पांडे ने विश्व की 5 प्रसिद्ध तस्वीरों के बारे में बताते हुए कहा कि दुनिया में कई ऐसी तस्वीरें खींची गई है जो उन घटनाओं अथवा अवसरों की पर्याय बन चुकी है।
पृथ्वीराज फाउंडेशन के सचिव दीपक शर्मा ने संचालन करते हुए कहा कि फोटोग्राफी ऐसी विधा है जिसमें कला विज्ञान सामाजिक सरोकार मानवीय मूल्य व तकनीकी ज्ञान सभी समाहित है।
इस अवसर पर ऋषिराज सिंह, राजेश कश्यप, नदीम खान, दीपक सेन, कुलदीप सोनी, रूपेश डूडी, अमित भाटी, सतीश गुर्जर ने भी अपने विचार रखे। संग्रहालय की कस्टोडियन रूमा आज़म ने आभार प्रदर्शन किया।

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