ब्रह्मा मंदिर पुष्कर से शुरू हुआ विवेकानन्द शिला स्मारक सर्म्पक अभियान

विवेकानन्द शिला स्मारक के 50 वर्ष के उपलक्ष में एक भारत विजयी भारत के तहत विवेकानन्द की शिक्षाओं को पहुंचाने के लिए एक राष्ट्र व्यापी महासम्पर्क अभियान 02 सितम्बर को महामहिम राष्ट्रपति महोदय से सम्पर्क कर शुरू किया गया इस अभियान के तहत देश भर के लगभग 30 लाख लोगो से सम्पर्क किया जाएगा। यह बात विवेकानन्द केंन्द्र कन्याकुमारी राजस्थान प्रांत संगठक जीवनवृति कार्यकर्ता सुश्री प्रांजली येरिकर ने रविवार को राजस्थान में महासर्म्पक अभियान की शुरूआत करते हुए पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर के पुजारी रामनिवास जी वशिष्ठ से सर्म्पक के दौरान कहीं।
पंडित राम निवास वशिष्ठ ने कार्यकर्ताओं को इस अभियान के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहां कि जिस तरह स्वामी विवेकानन्द जी ने 25,26 एंव 27 सितम्बर, 1892 में देश की अंतिम शिला पर बैठकर ध्यान किया ओर अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त किया उनसे प्रेरणा लेकर युवाओं को आज राष्ट निर्माण हेतु अपनी सक्रिय भागीदारी निभानी होगी ।
सम्पर्क अभियान के तहत दूसरा सम्पर्क अजमेर दरगाह शरीफ के दीवान जैनुल आबेदीन से किया गया उन्होने कहां कि स्वामी विवेकानन्द जी ने ही विश्व बन्धुत्तव का नारा दिया था ओर जब – जब भारत एक हुआ है वह विजयी हुआ है।
महासम्पर्क के इस क्रम में तीसरा सम्पर्क श्री निम्बार्काचार्यपीठ, सलेमाबाद के श्री जी महाराज से किया गया हिंदी साहित्य प्रकाशन विभाग के उमेश चौरसिया ने बतााया कि 1963 में स्वामी विवेकानन्द की जन्म शताब्दी मनाने के दौरान उनकी याद में स्मारक बनाने का फैसला हुआ स्मारक के निर्माण हेतु एकनाथ जी रानडे के प्रयासों से 323 सांसदों ने राजनीतिक , क्षेत्रीय और धार्मिक आस्थाओं के परे जाकर अपनी सहमति हेतु हस्ताक्षर दियें। श्री जी महाराज ने विवेकानन्द केन्द्र के इस अभियान की सराहना करते हुए अभियान की सफलता के लिए अपना आर्शिवाद प्रदान किया।
प्रचार प्रमुख भारत भार्गव ने बताया कि यह सम्पर्क अभियान पूरे वर्ष निरंतर जारी रहेगा अभियान के दौरान प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख डॉ0 स्वतंत्र. शर्मा, नगर संचालक डॉ0 श्याम भूतडा, नगर प्रमुख अखिल शर्मा, जीवनवृति कार्यकर्ता मनिषा दीदी, व्यवस्था प्रमुख महेश शर्मा, कुसुम गौतम, रविन्द्र जेैन उपस्थित रहेैं।

(भारत भार्गव )
प्रचार प्रमुख

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