अजमेर, 8 सितम्बर। प्रदेश के पर्यटन मंत्राी श्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है। सरकार सभी की राय से शीघ्र ही पर्यटन एवं धरोहर नीति की घोषणा भी करेगी।
पर्यटन मंत्राी रविवार को पुष्कर में इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन के आठवें कन्वेंशन के दूसरे दिन आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस कन्वेंशन में देश में हेरिटेज और पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए विचार विमर्श किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्राी ने कहा कि नयी घोषित होने वाली पर्यटन नीति में रोजगार सृजन की दिशा में कारगर प्रयास होंगे। उन्होंने बताया कि हाल ही पर्यटन विभाग ने यूनेस्को के साथ एमओयू भी किया है। जिसमें प्रथम चरण में प्रदेश के चार जिलों जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर एवं बाडमेर में प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के लिए कार्य होगा। यह कार्य तीन वर्षो में पूर्ण होगा। इसमें हैन्डीक्राफ्ट, हस्तकला, लोककला, विरासत को संरक्षित करने तथा रोजगार के अवसर बढाने के कार्य होगें।
उन्होंने बताया कि इस कार्य से इन जिलों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन वहां जाएंगे, अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। वहीं रोजगार के अवसर भी बढेगें। उन्होंने कहा कि सरकार प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है। इसके लिए यथा संभव सुविधाएं भी प्रदान की जायेगी।
कार्यशाला में महाराष्ट्र् के पर्यटन मंत्राी श्री जयकुमार जितेन्द्र सिंह रावल ने कहा कि महाराष्ट्र् में हेरिटेज उद्योग को बढावा देने के लिए टाईगर सफारी को बढावा दिया जाएगा, जिसमें वन्य जीवों की देखभाल की जाएगी। उनका जीवन प्रभावित नहीं हो ऐसे कार्य भी हाथ में लिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि उनके प्रदेश में पर्यटन विकास की काफी संभावनाएं है। इसके लिए अनेक उत्सवों में कला एवं संस्कृति को बढावा देने के प्रयास किये जा रहे है।
प्रारंभ में इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री गजसिंह ने सभी का स्वागत किया तथा कन्वेंशन के उद्देश्यों तथा अब तक हुई चर्चा की जानकारी दी।
कन्वेंशन के चेयरमेन श्री राजेन्द्र सिंह पचार ने बताया कि कन्वेंशन में लगभग 130 होटल व्यवसायी भाग ले रहे है। कन्वेंशन में विभिन्न क्षेत्रों से आये होटल उद्यमियों ने अपनी अपनी समस्यायें रखी तथा हेरिटेज संवर्धन के लिए सुझाव भी दिये।