मण्डा स्कूल में ऑटोमेटिक इलेक्ट्रिक बेल से होगा अब विद्यालय का संचालन

क्षेत्र के अधिकांश सरकारी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नही होने के कारण सभी कार्य शिक्षकों व विद्यार्थियों को मिलकर करने पड़ते है। विभिन्न कालांश हेतु घन्टी बजाने के लिए भी कक्षा से बार-बार उठना पड़ता है जिससे उनका आधा ध्यान समय पर कालांश बदलने में लगा रहता है। कई बार व्यस्तताओं के कारण कालांश भी समय पर नही लग पाते है।

इस समस्या के समाधान के लिए निकटवर्ती ग्राम मण्डा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक दिनेश वैष्णव ने विभिन्न भामाशाहों की मदद से ऑटोमेटिक इलेक्ट्रिक स्कूल बेल मंगवाई है ताकि स्टाफ व विद्यार्थियों को कोई परेशानी ना हो। तेरह हजार पांच सौ रुपये की लागत से विद्यालय में लगी इस बेल से यहां के शिक्षकों व विद्यार्थियों को कालांश बदलने के लिए बार-बार घंटी बजाने से छुटकारा मिल गया है। विद्यालय में प्रत्येक कालांश पर यह इलेक्ट्रिक बेल ऑटोमेटिक बज जाती है जिससे शिक्षकों व विद्यार्थियों को कालांश का पता चल जाता है।

विद्यालय की अध्यापिका सुनिता चौधरी ने बताया कि इस बेल में पूरे वर्ष का सर्दी, गर्मी व परीक्षा के अनुकूल समय सेट किया हुआ है। प्रत्येक कालांश, आधी व पूरी छुट्टी होने पर तय समय पर अपने आप बेल बज जाती है। इसके माध्यम से इमरजेंसी सायरन बजाने के साथ ही कार्यालय से ही विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को निर्देशित भी किया जा सकता है।

इस बेल के लिए जूनियां निवासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय केकड़ी के पूर्व छात्रसंघ संयुक्त सचिव नितिन गुप्ता ने पाँच हजार रुपये, वही बिजोलिया निवासी चन्द्रशेखर स्वर्णकार ने इक्यावन सौ रुपये का सहयोग किया। इक्कीस सौ रुपये की राशि गुप्तदान में भी प्राप्त हुई। इसमें शेष राशि शिक्षक दिनेश वैष्णव ने मिलाकर यह बेल मंगवाई।

इस बेल के लगने पर शिक्षक दिनेश वैष्णव के साथ ही विद्यालय के शारीरिक शिक्षक राजेश कुमार उपाध्याय, अध्यापिका रीना कुमारी, सुनिता चौधरी, कीर्ति परिहार व शबाना बानो ने सभी भामाशाहों का आभार व्यक्त किया।

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