भाजपा नेता अधिकारियों को डरा धमका कर दबाव बनाना छोड़ें

विजय जैन
अजमेर। शहर कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि भाजपा नेता अधिकारियों को डरा धमका कर दबाव बनाना छोड़ें। कांग्रेस ने कहा कि भामाशाह द्वारा बनाए जा रहे खाने को भाजपा विधायक अपने कार्यकर्ताओं से बटवा के बावजूद भी प्रशासन पर अनैतिक दबाव बनाकर आपदा के इस गंभीर समय में ऊंची राजनीति कर रहे है। कांग्रेस ने देवनानी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की कोरोना महामारी के इस भीषण आपदा के समय में तुच्छ राजनीति नहीं करें।
कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन के हवाले से बयान जारी कर कहा कि देवनानी विधायक कोष से जो राशन सामग्री खाने के पैकेट वितरित कर रहे हैं यह सारा पैसा राज्य सरकार का है जो कोष के माध्यम से वह किया जा रहा है उन्होंने अपनी जेब से नया पैसा भी खर्च नहीं किया है उल्टा राज्य सरकार का जो पैसा विधायक को खानेे के खर्च करना है उस पर खाने के पैकेट व सेनीटाइज मशीनों पर अपने फोटो प्रकाशित कर उसे भी प्रचार का जरिया बनाया गया न सिर्फ उनके द्वारा केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री मंत्री द्वारा सीबीएसई स्कूल के छात्रों की 3 माह की फीस माफ करने की गुजारिश करनी चाहिए बल्कि ऐसे समय में भी राजनीति कर ज्ञान दे रहे जबकि महामारी का समय वह ज्ञान देने का समय नहीं है जनता को राहत देने का समय है देवनानी खुद ना तो केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री ना ही राज्य सरकार की गाइडलाइन की पालना कर रहे हैं वह खुद 70 वर्ष से अधिक उम्र के जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाइडलाइन के मुताबिक उन्हें अपने घर पर रहकर आम जनता को राहत पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए परंतु इसकी वजह से इस उम्र में भी ऊंची राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं उन्हें चाहिए कि वह घर पर रहकर जनता को बिना अपनी फोटो व प्रचार किए बिना राहत अभियान चलाएं में बयान जारी कर बताया कि राज्य सरकार व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट द्वारा सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी कर रखे हैं कि वह इस आपदा के समय प्रचार प्रसार से बचें और आम जनता को अधिक से अधिक रहा पहुंचाएं जिसके लिए कांग्रेसी नेताओं ने करोड़ों रुपए खर्च कर राहत सामग्री जनता को पहुंचाने का प्रयास कर रही है वही देवनानी द्वारा विधायक कोष के द्वारा भी खर्च कर अपनी झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं कांग्रेस कमेटी ने कहा कि उनके इस कृत्य को अजमेर की जनता के कतई माफ नहीं करेगी और उन्हें अजमेर की जनता से किए गए कृत्य के लिए माफी मांगने की भी नसीहत दी है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने देवनानी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कोरोना जनित अंतर्राष्ट्रीय आपदा एवं संकट के इस दौर में किसी भी राजनीतिक दल को इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का अधिकार नहीं है। वर्तमान में भाजपा के कुछ नेता निजी स्कूलों में फीस माफी को लेकर राजनीति करने की कुचेष्टा कर रहे हैं,। जो न्यायोचित नहीं है। लॉक डाउन के परिणाम स्वरूप जहां अल्पाय वर्ग एवं मध्यमवर्ग की आर्थिक कमर टूट चुकी है। वही निजी स्कूल फीस वसूली हेतु अभिभावकों पर निरंतर दबाव बना रहे हैं। ऐसी समस्या किसी एक राज्य की ना होकर देश के सभी राज्यों की है। अतः ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय को *एक राष्ट्र- एक नीति* को मद्देनजर रखकर संपूर्ण देश के छात्रों एवं अभिभावकों को राहत पहुंचाने हेतु राष्ट्र स्तरीय फीस माफी का आदेश अविलंब जारी करना चाहिए। किंतु केंद्र सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है जिससे छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पढ़ना संभावित है। राष्ट्र के नाम निरंतर संदेश दिए जाने के उपरांत भी निजी स्कूलों में फीस माफी के मुद्दे पर मौन धारण किए रहना यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार देश की शिक्षा व्यवस्था एवं छात्रों के हितों के प्रति उदासीन है। इसके अतिरिक्त इससे यह भी इंगित होता है कि केंद्र सरकार को छात्रों के हितों से अधिक चिंता निजी स्कूल प्रबंधन की है।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन में कहां की भारतीय संविधान के प्रावधान अनुरूप शिक्षा विषय को संविधान की समवर्ती सूची मैं रखा गया है। समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार संविधान द्वारा राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी दिया गया है। शिक्षा को समवर्ती सूची में शामिल किए जाने के पीछे संविधान निर्माताओं की यह मूल भावना अवश्य रही थी कि जब कोई विषय राष्ट्रीय महत्व का हो तथा संपूर्ण राष्ट्र को प्रभावित कर रहा हो तो ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को ऐसे विषयों पर कानून स्वयं आगे आकर बनाना चाहिए। किंतु केंद्र सरकार द्वारा इसमें उदासीनता एवं उपेक्षा का रवैया अपनाया जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान की 6 करोड़ आबादी के लिए केवल मात्र 300000 मास्क प्रदान किया जाना, ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। राजस्थान को केंद्र सरकार द्वारा यथोचित आर्थिक सहायता नहीं दिया जाना यह स्पष्ट करता है कि सरकार द्वारा इस संकट के समय में भी राजनैतिक खेल खेले जा रहे हैं

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