अजमेर। नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन ने कहा है कि न्यास के मौजूदा अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत के एक कार्यकाल निराशाजनक रहा है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि राज्य में कांग्रेसनीत अशोक गहलोत सरकार आने के बाद अजमेर के व्यापक हित में तत्काल ही जनता के हित की सोच रखने वाले जागरूक प्रतिनिधि को न्यास का अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिये था, लेकिन इसमें अत्यधिक विलम्ब किया गया तथा तीन साल के पश्चात पिछले साल न्यास अध्यक्ष पद पर भगत की नियुक्ति की गई, इससे न्यास की भ्रष्ट कार्यप्रणाली से परेशान हो चुकी अजमेर की आम जनता में यह विश्वास जागृत हुआ था कि अब उन्हें न्यास द्वारा मूलभूत सुविधायें उपलब्ध होंगी, लेकिन विगत एक वर्ष में न्यास अध्यक्ष ने अपने सुस्त रवैये से आमजन को निराश, हैरान व परेशान किया है तथा वे पूर्णत: नाकाम सिद्ध हुए हैं।
एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंन कहा कि विगत भाजपा शासन में राज्य की लोकप्रिय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी के कार्यकाल में मुझे न्यास अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवायें देने का अवसर प्रदान किया गया था तथा प्रारंभ के एक वर्ष में ही मैंने पूरे अजमेर शहर में न्यास के द्वारा अनगिनत विकास कार्य सम्पन्न करा दिये थे। एक वर्ष पश्चात न्यास में राज्य सरकार ने मेरे सहयोग एवं शहर के समग्र विकास की सोच के साथ न्यासियों की नियुक्ति भी की गयी, हम सभी ने एक टीम के रूप सम्पूर्ण अजमेर षहर में सभी क्षेत्रों में नागरिकों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करवाने के साथ ही अनेक विकास कार्य कर शहर को राज्य के प्रमुख महानगरों की श्रेणी में खड़ा कर दिया था तथा आम जनता में यह धारणा बन गयी थी कि शहर के सुव्यवस्थित विकास के लिये नगर सुधार न्यास भी सशक्त रूप से अपनी अहम भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान न्यास अध्यक्ष सबसे कमजोर अध्यक्ष साबित हुए हैं। हर मोर्चे पर असफल व विकास के नाम पर शून्य हैं तथा भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। भाजपा शासन में मेरे कार्यकाल के दो वर्ष अजमेर को बीस साल आगे ले जाने वाले थे, वहीं वर्तमान अध्यक्ष के एक वर्ष के कार्यकाल में अजमेर को पुन: बीस वर्ष पीछे ले जाने का कार्य किया है।
हमारे कार्यकाल में विभिन्न योजनाआें में 40 पार्क विकसित किये, 22 महत्वपूर्ण सड़कों को चौड़ा कर विकसित करने का काम प्रारंभ किया, उनमें से 4-5 सड़कांे का काम स्वीकृत होने के बावजूद वर्तमान अध्यक्ष की कार्यप्रणाली के कारण गति नहीं पकड़ सका। उनमें प्रमुख लिंक रोड निम्न थे-नाका मदार से जयपुर रोड को मिलाने वाला, शीशा खान को दरगाह सम्पर्क सड़क से जोडऩा, नसीराबाद रोड को नाका मदार से सीधा जोडऩा, 200 फीट पुष्कर रोड से माकडवाली रोड पृथ्वीराज नगर योजना के पीछे, गौरव पथ को माकड़वाली बाईपास सड़क से जोडऩा, ऋषि उद्यान से फॉयसागर पुलिस चौकी तक चौड़ा करना।
हमारे कार्यकाल में राजा सायकिल आरओबी रेकार्ड समय में पूरा कर लोकार्पण, इसके साथ ही शहर में पांच स्थानों पर यातायात की सुगमता के लिये हमारे द्वारा अंडर ब्रिज बनवाना प्रस्तावित था, जिसे कांग्रेस शासन में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
भाजपा शासन में अजमेर के गौरव के अनुरूप तथा यहां की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के अनुसार एवं पर्यटन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण स्मारक स्थापित एवं प्रस्तावित किये गये, दाहरसेन स्मारक एवं झलकारी बाई स्मारक हमारे द्वारा विकसित किये गये, लेकिन हमारे द्वारा प्रस्तावित स्वामी विवेकानन्द स्मारक तथा महाराणा प्रताप स्मारक जस के तस पडे़ हैं तथा पुष्कर घाटी में पर्यटन की दृष्टि से अत्यन्त उपयोगी सांझी छत को उजाड़ दिया गया।
पृथ्वीराज नगर योजना पर विकास कार्य आगे नहीं बढ़े, चन्दवरदाई खेल मैदान पर कुछ भी कार्य नहीं हुआ, बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैदान को बर्बाद कर दिया गया। न्यास खजाने में आने वाला करोड़ों रुपये का राजस्व भूमि दलालों को उपकृत करने में जा रहा है।
फूस की कोठी योजना की जमीन को भू-माफियाआें के लिये मुक्त करने की तैयारी चल रही है, न्यास की विभिन्न योजनाआें से सटी हुई जमीनें भूमाफियाआें को उपकृत कर उनके हवाले की जा रही है। नीलामी में आपसी मिलीभगत से आेने-पोने दामों में बोलियां टूट रही है एवं नियमों के विपरित मार्गाधिकार एवं हरित पट्टी के भूउपयोग परिवर्तन हो रहे हैं। अजमेर हैरिटेज सिटी, आनासागर जेएनआरयूएम योजना में कार्य ठप्प पडे़ हैं, जिनमें प्रमुख हैं, दरगाह विकास योजना, पार्किंग स्थल विकसित करना, बस स्टैंड विकसित करना, आनासागर विकास योजना।
सीवरेज का कार्य गुणवत्ता में असफल, धारा 4 होने के बावजूद चौपाटी विकसित करने का कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
हमारे कार्यकाल में अजमेर शहर के सौन्दर्यकरण हेतु बनाये गये बजरंगगढ़ सर्कल की तर्ज पर महावीर सर्कल, जीसीए चौराहा, राजा साइकिल चौराहा, स्वामी काम्पलैक्स तथा क्लॉक टॉवर आदि चौराहों सहित प्रमुख सर्कलों का सौन्दर्यकरण प्रस्तावित था, जो आज तक अधूरा पड़ा है।
संभाग के सबसे बडे़ चिकित्सालय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में हमारे कार्यकाल में 10 करोड़ रुपए खर्च कर यहां पर आम नागरिकों के लिये बेहतरीन एवं बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराते हुए इसका कायाकल्प किया जा रहा था, जो कुछ काम अधूरे रह गये थे वे आज तक अधूरे पडे़ हंै जो कि कांग्रेस सरकार एवं उनके द्वारा मनोनीत अध्यक्ष की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।
भू उपयोग परिवर्तन में स्वयं न्यास स्तर तथा राज्य एम्पावर्ड कमेटी का उपयोग किया जा रहा है, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर व्याप्त है, सही व्यक्ति धक्के खा रहे हैं, किन्तु दलालों तथा भूमाफियाआें के कार्य न्यास अध्यक्ष के अकर्मण्यता व उदासीनता से पूरे हो रहे हैं। विगत एक वर्ष न्यास अध्यक्ष कार्यकाल बिना किसी उपलब्धि का रहा है, न तो उन्होंने कोई नया कार्य प्रारम्भ किया और न ही पहले से चल रहे कार्यों को तीव्र गति प्रदान कर पायें। पूरा एक वर्ष मात्र औपचारिक ही बन कर रह गया है।
कुल मिला कर न्यास अध्यक्ष की सोच अजमेर का समग्र विकास करने की नहीं है तथा उनका एकमात्र लक्ष्य न्यास के माध्यम से अपने राजनीतिक हित साधने का है।
कांग्रेस सरकार द्वारा कड़ी से कड़ी जोडऩे को जो आग्रह अजमेर की जनता से किया था, आम नागरिक ने उन पर विश्वास किया परन्तु आज सभी मोर्चो पर विफल रहने के कारण वह अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे है तथा कांग्रेस पार्टी अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है।
संवाददाता सम्मेलन में शहर भाजपा उपाध्यक्ष अरविंद यादव, डॉ. कमला गोखरू, अरविंद गिरधर आदि मौजूद थे।