धर्मेश जैन ने साधु.साध्वियों को चातुर्मास स्थलों तक सुरक्षित पहुँचने की अनुमति हेतु प्रधानमंत्री को पत्र लिखा

धर्मेश जैन
सर्वप्रथम तो सम्पूर्ण विश्व में चल रही कोरोना महामारी के समय जिस तरह आपने सूझ-बूझ एवं एक अभिभावक के रूप में देश का नेतृत्व किया है उसके लिये मोदीजी को बहुत-बहुत साधुवाद प्रदान किया। धर्मेश जैन ने कहा कि भारत का सौभाग्य है कि ऐसे संकटकाल में जब पूरा विश्व इससे जूझ रहा है उस समय भारत राष्ट्र की बागडोर मोदीजी के कुशल हाथों में है, जिन्होंने गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में अनेक प्राकृतिक आपदाओं से गुजरात को उबारा था, भारतवासियों को पूर्ण विश्वास है कि वे कोरोना महामारी से भी भारत को जल्द मुक्ति दिलायेगें।
देश में लॉकडाऊन लागू होने से हजारों जैन साधु-साध्वीयां विभिन्न स्थलों पर रूके हुए है, ये सभी जैन साधु-साध्वीयां एक जगह से दूसरे जगह पर पैदल विहार करते है, ये किसी वाहन का प्रयोग नहीं करते है। इस वर्ष चातुर्मास 4 जुलाई से प्रारंभ होगा, जिसका समापन 29 नवंबर को होगा। वर्ष 2020 में एक श्रावण मास की अधिकता रहेगी जिससे इस वर्ष में चातुर्मास पाँच माह का रहेगा। उल्लेखनीय है कि जैन समाज द्वारा चातुर्मास के दौरान विशेष धर्म-आराधना की जाती है।
चूंकि लॉकडाऊन मार्च के अंत में ही लागू हो गया था अत: लगभग सभी जैन साधु-साध्वीयां अपने चातुर्मास स्थल से दूर है और उन्हें पैदल ही अपने चातुर्मास स्थल तक पहुँचना है। अत: धर्मेश जैन ने मोदीजी से निवेदन किया कि कृपया केन्द्र सरकार जैन साधु-साध्वीयों को अपने चातुर्मास स्थल तक सुरक्षित विहार करने हेतु सभी राज्यों को गाइडलाइन एवं सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने की कृपा करें ताकि जैन धर्मावलम्बी आगामी चातुर्मासकाल में और अधिक धर्म-साधना कर सके।

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