मेरा डोले ना एतबार, बक्शो श्रद्धा भक्ति प्यार-विश्वास के चप्पू से होती नैया पार—सुदीक्षा जी

सुदीक्षा जी निरंकारी प्रमुख
केकड़ी:– 20 सितंबर(नि सं) विश्व में जहां कोरोना के चलते आध्यात्मिक सत्संग स्थल वगैरह सब बंद है पर संतों ने,सतगुरु ने भी सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए अपने भक्तों को अध्यात्म से जोड़े रख रहे हैं। इसी क्रम में निरंकारी मिशन की आध्यात्मिक सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जी हर रविवार को अपने प्रवचनों से अपने भक्तों को लाभ प्रदान कर रही हैं।
केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक कुमार रंगवानी के अनुसार सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने अपने प्रवचनों में फरमाया कि इंसान के जीवन में विश्वास का चप्पू है तो जीवन की नैया जरूर पार होनी है हमारा विश्वास परमात्मा पर से कभी भी डगमगाना नहीं चाहिए।
श्रद्धा और विश्वास से परमात्मा को अंग संग मानकर जीवन जीना है व्यवसाय में अगर विश्वास टूटता है तो शर्तें लागू हो जाती है परिवार में अगर विश्वास टूटता है तो मन में दरार पैदा हो जाती है पर हमें परमात्मा का सहारा लेते हुए श्रद्धा और विश्वास को कायम रखना है।
जिस प्रकार एक चिड़िया अपने पंखों को पानी में भिगोकर आग बुझाने का प्रयास करती है यह उसका विश्वास है।
चरणामृत को दुनियावी नजर से देखें तो वह पानी नजर आता है पर ब्रह्मज्ञान की नजर से,आध्यात्मिक नज़र से देखेंगे तो चरणामृत ही नजर आएगा।
हमें अपना जीवन सत्संग सेवा सिमरन के प्रति श्रद्धा विश्वाससे दृढ़ से दृढ़ करते चले जाना है।

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