नगर पालिका बनी राजनीतिक अखाड़ा

केकड़ी 14 अगस्त(पवन राठी)
नगरपालिका इन दिनों राजनीतिक अखाड़ा बनी हुई है कभी पक्ष-विपक्ष के बीच खींचतान देखने को मिल रही है तो कभी सत्ता पक्ष के पार्षदों में अपनी ही पार्टी के चेयरमैन के प्रति असंतोष। इस बार विपक्ष के पार्षदों में उन्हें बैठक में आमंत्रित नहीं करने पर गहरी नाराजगी जताई है। राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त में आयोजित समारोह की तैयारियों को लेकर नगरपालिका में आयोजित बैठक में भाजपा पार्षदों को आमंत्रित नहीं करने पर उनमें गहरी नाराजगी व्याप्त है। इस सन्दर्भ में आज नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र चौधरी की अगुवाई में भाजपा पार्षदों ने उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया। भाजपा पार्षदों का कहना है कि पालिकाध्यक्ष कमलेश साहू राष्ट्रीय पर्व पर भी भेदभाव करने से नहीं चूक रहे। नेता प्रतिपक्ष चौधरी ने बताया कि पालिकाध्यक्ष पालिका के हर कार्य में भेदभाव करते हैं चाहे वो विकास के कार्य हो या राष्ट्रीय पर्व जैसे कार्यक्रम हों। उन्होंने कहा कि नगर पालिका द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पर्व पर आयोजित होने वाले समारोह की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में केवल कांग्रेस के पार्षदों को ही आमंत्रित किया गया भाजपा पार्षदों को बुलाया ही नहीं। वे हर बार हर कार्य में भाजपा पार्षदों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पर्व पर आयोजित समारोह की तैयारियों के लिए की गई बैठक में भाजपा पार्षदों को नहीं बुलाया गया जो कि स्पष्ट रूप से भेदभाव की श्रेणी में आता है। हालांकि इस बारे में पालिकाध्यक्ष कमलेश साहू का कहना है कि वह तो कांग्रेस पार्षदों की अनोपचारिक बैठक थी जिसमें उनकी कांग्रेस के पार्षदों के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ साथ राष्ट्रीय पर्व की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू ने भाजपा पार्षदों द्वारा लगाए जा रहे भेदभाव के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय पर्व की तैयारियों को लेकर बैठक तो गत दिनों ही तत्कालीन उपखंड अधिकारी सुरेंद्र सिंह राजपुरोहित की मौजूदगी में हो चुकी तथा कार्यों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। कुल मिलाकर नगर पालिका में पक्ष-विपक्ष की लड़ाई व खींचतान तो चलती रहेगी, मगर सत्ता के ही पार्षदों में असंतोष व्याप्त होना शुभ संकेत नहीं है न तो कांग्रेस के लिए और न ही पालिकाध्यक्ष के लिए !

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