‘‘जन्म है राम, मृत्यु में है राम, राम की मर्जी से जीता है मानव‘‘,…’’-कवि महेश दुबे

अजमेर 18 अगस्त। राष्ट्रीय कवि संगम अजमेर जिले की श्रीराम काव्यपाठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पंद्रहवें दिवस पर 14 प्रतिभागियों ने भाग लेकर भगवान राम पर आधारित कविताओं का वाचन किया। प्रतियोगिता की अध्यक्षता मुंबई के सुप्रसिद्ध रचना एवं व्यंगकार और सामना कॉलम मे पत्रकार महेश दुबे अपनी रचना भगवान राम की अस्तिव पर जब सवाल खड़े हो रहे थे, तब उन्होनें अपने छद लिखे उसमे उन्होनें ‘‘जन्म है राम, मृत्यु में है राम, राम की मर्जी से जीता है मानव‘‘, सुनाकर संदेश दिया कि आदर मान सभी का हो, लेकिन ना अपमान हिन्दू का हो, व माया नगरी में जिन अभिनेता व अभिनेत्रियों को भगवान राम के बारें में जानकारी नहीं है उन पर व्यंग्य करते हुए अपने मुक्तक सुनकार सभी को आनंदित किया।

संस्था के अध्यक्ष ललित कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतियोगिता में सर्वप्रथम आरूष माथुर ‘‘राम का करे गुणान’’, कु. प्रियंवदा कंवर अमर अक्षर की रचना ‘‘जानकी तो जीत गई, राम हार गये’’, वैभव पारीक सविता पाटिल की रचना ‘‘जो कण-कण में है राम’’, प्रधुम्न सिंह हरि ओम पंवार की रचना ‘‘राम मिलेगें हनुमान जी के सीने में’’, कु. दीक्षा सिंह ने नील गौरवपुरी की रचना ‘‘जिनकी नाम मात्र से मिल गए चारों धाम, वह राम है’’, अर्थव बंसल ने अनिल नागौरी की रचना ‘‘लिख दो म्हारे रौम-रौम में राम-राम और उमापति’’, कु.नेहा कौरानी ने ‘‘राम को श्रीराम बनना ऐसे निभाना पड़ा’’, कु. हर्षिता बाहेती ने भजन की प्रस्तुति ‘‘रामजी चले ना हनुमान के बिना’’, एकांश लखवानी ने रचनाकार मनोज की ‘‘तुम्हारे बिना फीकी है अवध की शान’’, आदित्य पाण्डेय ने हरिओम की रचना ‘‘राम मिलेगे, मर्यादा से जीने में’’, अध्ययन सिंह ने ‘‘राम त्याग है, भोग नहीं सुन लेना’’, कु. आस्था माहेश्वरी ने राकेश कुमार की रचना ‘‘राज कोई करे, राजा हो श्रीराम जैसा’’, कु. रितिका गर्ग ने रचनाकार शम्सी की रचना ‘‘मैं राम पर लिखूं, मेरी हिम्मत नहीं है कुछ’’, कु. शिवांशी रांकावत ने लोकेश इंदौरा की रचना ‘‘परीक्षा थी रघुनंदन की’’, उत्कृष्ठ रचनाऐं बाल कलाकारों ने प्रस्तुत की।

प्रतियोगिता का संचालन करते हुए महामंत्री नरेन्द्र कुमार भारद्वाज ने सभी निर्णायकगणों व प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रतियोगिता का प्रसारण यू-ट्यूब व फेसबुक के ऑन लाईन पॉर्टल पर किया गया। प्रतियोगिता के निर्णायक साहित्यकार डॉ. विनिता जैन एवं गोविंद भारद्धाज थे। डॉ. विनिता जैन ने कहा कि प्रतियोगिता में प्रस्तुतियां विविधता लिये हुए नई अच्छी विषयवस्तु के साथ थी, बाल साधको ने अपनी रचनाओं भावविभोर कर दिया। प्रतियोगिता के अंत में दो निर्णायकों ने अपनी कविताओं की प्रस्तुतियां दी। प्रतियोगिता के जिला संयोजक लव गोयल सभी प्रतिभागियों व निर्णायकगणों को धन्यवाद देते हुए बताया कि यह प्रतियोगिता जिला, प्रांत व राष्ट्रीय स्तर पर चरणबद्ध प्रतियोगिता में विजेताओं को नकद पुरस्कार दिये जाऐगें व सभी प्रतिभागियों को ऑन लाईन प्रमाण पत्र देने की भी संस्था द्वारा प्रावधान किया गया है।

संस्था के उपाध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि प्रतियोगिता मे 300 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे है दो सौ प्रतिभागियों की प्रस्तुतियां पूर्ण हो गई है, द्वितीय चरण में 26 अगस्त से शेष प्रतिभागियों की प्रस्तुतियां दोपहर 2ः00 बजे ऑन लाईन आयोजित की जाऐगी।

कंवल प्रकाश किशनानी
मो. 9829070059

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