उत्तर पश्चिम रेलवे ने कबाड़ (स्क्रैप) को बेचकर 80 करोड़ रूपये अर्जित किये

रेलवे द्वारा रेल परिसरों में अनुपयोगी तथा व्यर्थ पढे कबाड (स्क्रैप) के निस्तारण करने के लिये अनेक कार्य किये जा रहे है जिससे इनके हटने से सुरक्षा में वृद्धि होने के साथ-साथ परिसरों में स्वच्छता को भी सुनिश्चित किया जा सकें। श्री विजय शर्मा, महाप्रबंधक उत्तर पश्चिम रेलवे के दिशा-निर्देशों तथा प्रयासों से उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम 6 माह में अनुपयोगी तथा व्यर्थ पड़े कबाड (स्क्रैप) को बेचकर 80.33 करोड़ रूपये की आय का अर्जन किया है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि यह उपलब्धि इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहरी के कारण मई माह में स्क्रैप की कोई भी नीलामी नहीं होने के उपरान्त प्राप्त की गई है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार भण्डार विभाग द्वारा फील्ड यूनिट्स से पुराने कबाड़ को हटाने तथा बेचने के लिए अभियान के तहत कार्य किया जा रहा है। भण्डार विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष के सितम्बर माह तक उत्तर पश्चिम रेलवे पर 80.33 करोड़ रूपये के कबाड (स्क्रैप स्कूल) का निस्तारण कर राजस्व प्राप्त किया जाकि वर्ष 2020-21 के सितम्बर माह के 48.39 करोड़ की तुलना में 66% अधिक है।

रेलवे के इन प्रयासों से जहाँ रेलवे परिसर की स्वच्छता में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर रेलवे की सुरक्षा में भी वृद्धि हुई है। स्क्रैप के निस्तारण के लिये भण्डार विभाग द्वारा नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है जिनमें ट्रेक मैनेजमेंट सिस्टम व ड्रोन सर्वे सम्मलित है। उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा वर्ष 2021-22 के अंत तक जीरो स्क्रैप का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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