अजमेर का 910वां स्थापना दिवस : वैदिक यज्ञ के साथ विचार गोष्ठी

अजमेर का 910वां स्थापना दिवस पृथ्वीराज फाउंडेशन और आर्य वीर दल के संयुक्त तत्वावधान में पुष्कर रोड स्थित ऋषि उद्यान में वैदिक यज्ञ के साथ विचार गोष्ठी का आयोजन कर मनाया गया।
इस अवसर पर सभी ने वेद मंत्रों की आहुति देते हुए अजमेर के गौरव की रक्षा करने का संकल्प लिया।
वैदिक विद्वान आचार्य कर्मवीर ने कहा कि अजमेर वो शहर है जिसे वीरों की भूमि कहा जाता है, जिसे चौहान शासक अजयराज ने बसाया और उन्हीं के वंशज पृथ्वीराज चौहान ने अपनी शौर्य गाथाओं से सुशोभित किया। उन्होंने कहा कि हमें हमारी गौरवमयी संस्कृति को कभी नहीं भूलना चाहिए और अपने बच्चों व आने वाली पीढ़ियों को भी अपने गौरवशाली इतिहास के बारे में बताना चाहिए।
उप महापौर नीरज जैन ने कहा कि विगत 2 वर्षों से कोरोना के चलते कार्यक्रम नहीं कर पा रहे थे लेकिन अजमेर स्थापना दिवस के दिन रचनात्मक कार्यक्रमों की श्रृंखला पावन वैदिक यज्ञ से शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि अरावली की सुरम्य पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य चौहान शासकों द्वारा बसाया गया अजयमेरु इस देश की राजधानी भी रहा है और अपने शहर का मान बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है। नीरज जैन ने यह आवाहन किया कि आगामी वर्षों में अजमेर स्थापना दिवस पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जोकि इस दिवस को हम सबके बीच स्मरणीय बना दें और अजमेर ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस दिन की महत्ता और महत्व कायम रहे।
पृथ्वीराज फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ पूनम पांडे ने आर्य समाज और अजमेर विषय पर बोलते हुए कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि स्वराज्य के प्रथम द्रष्टा महर्षि दयानंद सरस्वती जिनके बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए अनेक प्रमुख देश भक्तों ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में भाग लिया, उन्होंने अजमेर में परोपकारिणी सभा व वैदिक यंत्रालय की स्थापना की और अजमेर की भिनाय कोठी में ही अंतिम सांस ली। अजमेर को आर्य समाज का प्रमुख तीर्थ कहा जाएगा, जहा ऋषि उद्यान से बोले जाने वाले वेद मंत्रों की गूँज से शहर की भोर होती है और यज्ञ के मंत्रों से सबको आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है, निसंदेह पर्यावरण तो शुद्ध होता ही है। यहां के आर्ष गुरुकुल की शिक्षा प्रणाली हमे वैदिक युग से आज भी साक्षात्कार करवा रही है।
कार्यक्रम का संचालन आर्य वीर दल के जिला संचालक विश्वास पारीक ने किया। मुकेश आर्य ने धरती धोरा री गीत की प्रस्तुति दी। पृथ्वीराज फाउंडेशन के सचिव दीपक शर्मा ने सभी का आभार प्रदर्शित किया। इस अवसर पर अनिल कुमार जैन, अनीता भार्गव, संदीप पांडे, सिविल डिफेंस वार्डन अमर सिंह राठौड़, ऋषि राज सिंह, मनीषा व्यास, गायक नवदीप सिंह झाला, निधि झाला, सुशील शर्मा, प्रणव प्रजापति और गुरुकुल के समस्त ब्रम्हचारी, वानप्रस्थी और सन्यासी उपस्थित रहे।

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