सार्वजनिक चुग्गा घर के जीर्णोद्धार पश्च्यात लोकार्पण व भामाशाह सम्मान समारोह सम्पन्न

केकडी 27 मार्च(पवन राठी)
सार्वजनिक कबूतर चुग्गा घर का जीर्णोद्धार उपरान्त लोकार्पण एवं भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित
केकड़ी. यहां सब्जी मण्डी स्थित सार्वजनिक कबूतर चुग्गा घर का जीर्णोद्धार उपरान्त लोकार्पण एवं भामाशाह सम्मान समारोह रविवार को आयोजित किया गया। समारोह से पहले अतिथियों ने चुग्गाघर का फीता काट कर उद्घाटन किया। समारोह में भामाशाह एवं ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह शक्तावत, भामाशाह एव पूर्व सरपंच समरवीर सिंह शक्तावत, भामाशाह एवं ग्रेनाइट उद्यमी सोनू लोढ़ा, उपखण्ड अधिकारी विकास पंचोली, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम शर्मा, तहसीलदार राहुल पारीक, प्रेरक पूरण कुमार कारिहा, पालिका अध्यक्ष कमल साहू, पंचायत समिति प्रधान होनहार सिंह राठौड़, भाजपा नेता राजेन्द्र विनायका, प्रेरक धर्मीचन्द न्याती, थानाधिकारी सुधीर कुमार उपाध्याय एवं एडवोकेट हेमन्त जैन अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। शुरुआत में सुरेन्द्र कुमार लोढ़ा, प्रदीप लोढ़ा, धनेश जैन, शीतल लोढ़ा, राकेश टेलर, रामचन्द टहलानी, अशोक रंगवानी, आनन्दीराम सोमाणी, रतन पंवार, सुरेश जैन, हेमराज सैनी, रामबाबू सागरिया आदि ने अतिथियों का माल्यार्पण व साफा बंधवा कर स्वागत किया। समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि
सनातन संस्कृति के अनुसार पशु—पक्षियों को दाना—पानी खिलाने से मनुष्य के जीवन में आने वाली कई परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। पशु—पक्षियों की सेवा से एक ओर जहां हम प्रभु की भक्ति के कृपा पात्र बनते है, वहीं हमें अच्छे स्वास्थ्य के साथ पुण्य लाभ की प्राप्ति भी होती है मूक पक्षियों की सेवा सबसे बड़ा धर्म है और कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता है इनके संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों की जितनी प्रशंसा की जाए कम है, समाज मे सेवा करने वाले भामाशाहों की कोई कमी नही है बस समर्पण भाव से सेवा करने वाला होना चाहिए हम आगे भी हमारे लायक जो भी सेवा का मौका हो हम हमेशा तैयार रहेंगे।। वक्ताओं ने जीर्णोद्धार कार्य में सहयोग करने वाले भामाशाहों, प्रेरकों व निर्माण कार्यों में सहयोग करने वाले सभी कार्यकर्ताओं की भूरी भूरी प्रशंसा की। चुग्गा घर की देखरेख में जुटे सुरेन्द्र लोढ़ा ने बताया कि इस चुग्गाघर का निर्माण 1927 में स्वर्गीय हरकचन्द लोढ़ा के नेतृत्व में बनी बाजार की कमेटी ने करवाया था। समय—समय पर इसके रखरखाव के लिए भामाशाहों ने आगे आकर सहयोग किया। पिछले कुछ समय से कबूतरों की आवक लगातार बढ़ रही थी, लेकिन रखरखाव के दृष्टिकोण से चुग्गाघर की स्थिति अच्छी नहीं थी। ऐसे में इसके जीर्णोद्धार का कार्य हाथ में लिया गया। शुरुआत में थोड़ी जमा पूंजी से इसका कार्य आरम्भ हुआ, परन्तु ज्यों ज्यों इसका कार्य आगे बढ़ता गया, सहयोग करने वाले भामाशाह आगे बढ़ कर आर्थिक मदद करते रहे। भामाशाहों की भावना एवं परमात्मा की कृपा से इस चुग्गाघर का कायाकल्प इस तरह से हुआ, कि आने वाले कई वर्षों तक इसमें विशेष कार्य कराने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस दौरान पत्रकार सुरेन्द्र जोशी एवं व्यवसायी जितेन्द्र सिंह सिंघवी ने भी विचार व्यक्त किए। समारोह के दौरान भामाशाह लोकेश साहू, सामाजिक कार्यकर्ता निर्मल ताथेड़, निर्माण ठेकेदार कैलाशचन्द रेगर व फर्शी ठेकेदार शकील का भी माल्यार्पण व साफा बंधवा कर स्वागत किया गया। समारोह के दौरान चुग्गाघर की व्यवस्था देख रहे सुरेन्द्र लोढ़ा का सभी अतिथियों ने माल्यार्पण व साफा बंधवा कर बहुमान किया। इस मौके पर गौतम सिंह बग्गाणी, शैलेन्द्र बोरदिया, चन्द्रप्रकाश विजय, काशीराम विजय, राजेश मेघवंशी, सोनू सम्राट, कालू धोबी, लाला धोबी, ओमप्रकाश मून्दड़ा, अमित ताथेड़, हरिनारायण खण्डेलवाल, अनिल मिस्त्री, किशनप्रकाश सोनी, आदित्य लोढ़ा, माहिम जैन, हर्षवर्धन राणावत आदि मौजूद रहे। संचालन नीरज लोढ़ा ने किया। समारोह के बाद अतिथियों ने चुग्गाघर का अवलोकन किया तथा कबूतरों कों दाना खिलाया।

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