अजमेर। संस्कृत सप्ताह एवं आजादी के अमृत महोत्सव समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि अदिति माहेष्वरी अघीक्षक राजकीय बालिका गृह बाल अधिकारिता विभाग अजमेर ने विद्यार्थियों को उद्धबोधन में कहा कि भारत की प्रतिष्ठा संस्कृत और संस्कृति में ही निहित है। जब तक संस्कृत है तब तक संस्कृति जीवित है। कार्यक्रम में अध्यक्ष डॉ. विनय चन्द्र झा ने कहा कि अजमेर की धरा ने अनेक संस्कृत के प्रतिष्ठित विद्धवान देष को दिये है। जिनके ग्रन्थों ने संस्कृत का भण्डार समृद्ध किया है। विद्यार्थियों को ऐसे विद्धवानों का अनुकरण करते हुए संस्कृत की सेवा करनी चाहिए। प्राचार्य डॉ. अवधेष कुमार मिश्र ने अपने उद्धबोधन में छात्रों को अपने जीवन में संस्कृत को आत्मसात कर तदनुरूप जीवन शैली अपनाने हेतु प्रेरित किया। साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक विद्यार्थी को हर घर तिरंगा कार्यक्रम में अपनी सहभागिता निभाते हुए घर-घर तिरंगा फहराये। मंच संचालन करते हुए राजेन्द्र ंिसंह लखावत ने कहा कि जिन वीरसपूतो के प्राणोत्सर्ग से हमें आजादी मिली है उनके योगदान को हमें हमेषा याद रखना चाहिए तथा उनकी कुर्बानी से प्ररेणा ग्रहण कर मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्यौछावर के लिए तत्पर रहना चाहिए। इस अवसर पर संस्कृत सप्ताह के तहत आयोजित प्रतियोगिताओं में विजेता एवं उपविजेता को सम्मानित किया गया जिसमें श्लोक पाठ प्रतियोगिता में साक्षी व पल्लवी दाधीच संस्कृत निबन्ध प्रतियोगिता तनुजा बालोटिया व संयोगिता संस्कृत गीत गायन प्रगति शर्मा व मनजीत कुमारी प्रजापति श्लोक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता हीना शर्मा व सुमन कंवर विजेता एवं उपविजेता रही। कार्यक्रम में व्याख्याता अलका देष, चन्द्रप्रकाष जोषी, लोकेष शर्मा, कन्हैया लाल शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
