*अजमेर में अणुव्रत अमृत वर्ष संपूर्ति के उपलक्ष में अमृत रैली का सफ़ल आयोजन सम्पन्न*
कहते हैं ,जहां चाह होती है ,वहां राह भी निकल जाती है ,मगर केवल चाहने भर से नहीं ,उसके साथ सही दिशा में सकारात्मक प्रयास भी नितांत आवश्यक है । केवल चाहने भर से सफलता और मंजिल हासिल नहीं होती है ।उसके लिये सचेष्ट परिश्रम भी वांछित होता है । और सही दिशा में संकल्प पूर्वक अग्रसर होने की आवश्यकता भी होती है ।
*हर फांस जो दिल में है ,
वह निकल सकती है ।
एक आन में तकदीर भी
बदल सकती है ।
जब अटल संकल्प हो
दिल में पैदा तो
फौलाद की जंजीर भी पिघल सकती है ।।
मनोबल और प्रबल इच्छा शक्ति से कुछ भी संभव है ,इसका एक बेमिसाल उदाहरण प्रस्तुत है,उनके अपने जीवन के सातवें दशक के पायदान पर खड़े एक प्रौढ युवक ने अणुव्रत रैली निकालने का संकल्प लिया और समाज के कुछ लोगों ने साथ देने के स्थान पर हतोत्साहित करने का प्रयास किया मगर जीवट और जुनून के धनी
बी एल सामरा ने अणुव्रत अमृत वर्ष के समापन पर आयोजित संपूर्ति समारोह के अवसर पर अणुव्रत रैली निकालने का संकल्प समाज के अग्रणी महानुभावों के समक्ष रखा तो उनकी अपील अपील दर अपील नजरअंदाज करते हुए , उनकी भावनाओं को कोई तवज्जो नहीं दी गई मगर अणुव्रत समिति के अध्यक्ष सामरा ने तो ठान लिया था अणुव्रत रैली आयोजित करने का क्रियान्वन का निश्चय कर निकल पड़े ,अपनी संकल्प यात्रा पर, शहर के रेल्वे स्टेशन से 10 किलोमीटर दूर सुदूरवर्ती अजय नगर और भगवानगंज की ओर ।
वे कहते हैं
*मैं तो अकेला ही चला था ,
जमाने की जानिब से मगर ,
लोग आते गए और मिलजुल कर कारवां बन गया ।।*
भरी दुपहरी की चिल्लचिलाती धूप और समय दोपहर 1:30 का । स्कूल में छुट्टी होने का वक्त हो चला था। सबसे पहले भगवानगंज स्थित शहीद अविनाश माहेश्वरी आदर्श विद्या निकेतन के पास पहुंच कर अपना मंतव्य बताया तो प्राचार्य श्री राजेंद्र सिंह जी को अपना मंतव्य प्रकट किया तो वह सहज रूप से इसके लिए तैयार हो गए और अणुव्रत रैली में आदर्श विद्या निकेतन के बच्चों को अणुव्रत रैली में सम्मिलित होने के लिए सहमति प्रदान कर दी । उसके बाद आगे अजय नगर पहुंचकर अजमेर पब्लिक स्कूल के प्राचार्य से संपर्क किया तो उनकी भी सहमति सहज ही मिल गई और फिर रैली प्रारंभ हो गई 2:15 बजे ।
इस स्कूल परिसर के बाहर अजय नगर से संस्था के वयोवृद्ध संचालक और मंत्री डी प्रसाद ने प्रयोजन का समर्थन करते हुए अणुव्रत समिति के अध्यक्ष बी एल सामरा को साधुवाद देते हुए उनका मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया तथा अणुव्रत आंदोलन के लोगों की झंडी दिखा कर रैली को रवाना किया । तब तक समिति के उपाध्यक्ष भी सूचना मिलने पर स्थानीय संवाददाता को अपने साथ लेकर पहुंच गए थे । दोनों स्कूलों के विद्यार्थी अणुव्रत रैली के रूप में अजय नगर से रवाना हुए मंजिल थी ,भगवानगंज स्थित विद्या निकेतन जिसको शहीद अविनाश माहेश्वरी स्कूल के नाम से भी जाना और पहचाना जाता है । चिलचिलाती धूप और भरी दोपहरी में भी दोनों स्कूलों के लगभग 300 विद्यार्थी उत्साह पूर्वक रैली में भाग लेने को तत्पर थे । रैली को अणुव्रत समिति के अध्यक्ष बी एल सामरा ने संबोधित किया तथा संक्षिप्त और सार गर्भित रूप से अणुव्रत आंदोलन के अमृत महोत्सव वर्ष तथा नशा मुक्ति अभियान और पर्यावरण चेतना के बारे में जानकारी देते हुए छात्रों को विद्यार्थी अणुव्रत के बारे में प्रकाश डाला और तत्पश्चात सभी से सामूहिक रूप से समवेत स्वर में नारा लगावाया गया ।
*पढ़ो पढ़ो ,भारत संतान ।
ऊंचा रखो देश का मान ।।*
*सूखी धरती करें पुकार ,
वृक्ष लगाकर करो श्रृंगार ।
अणुव्रतों का क्या संदेश
नशा मुक्त हो सारा देश ।।
*बदले युग की धारा ,
अणुव्रतो के द्वारा ,
अणुव्रतो के द्वारा ।।
*कैसे बदले जीवन धारा ,
अणुव्रतो के द्वारा ,
अणुव्रतो के द्वारा ।।
*अचार्य तुलसी अमर रहे*
अमर रहे ।।
*जब तक सूरज चांद रहेगा
तुलसी जी का नाम रहेगा ।।
*अणुव्रत आंदोलन
जिंदाबाद जिंदाबाद*
सर्वप्रथम अणुव्रत समिति के अध्यक्ष बी एल सामरा ने भारत वर्ष की ऋषि परंपरा को नमन करते हुए अपने संबोधन में विद्यार्थियों को संबोधित किया और उन्होंने भारतवर्ष की ऋषि परंपरा को नमन कर कहा कि श्रमण संस्कृति , सनातन संस्कृति का ही अंग है ।
वर्धमान भगवान महावीर और उनकी तीर्थंकर परंपरा को श्रद्धा से नमन किया ,तदुपरांत अणुव्रत आंदोलन के प्रणेता भारत ज्योति आचार्य तुलसी और उनके उत्तराधिकारी आचार्य महाप्रज्ञ जी तथा उनके शिष्य तथा वर्तमान आचार्य श्री महाश्रमण जी को एवं भी तेरापंथ की यशस्वी परंपरा को भी श्रद्धा पूर्वक नमन किया ।
* विपदाएं कब मार सकी है , मरकर जीने वालों को ।
बाधाएं है कब बाँध सकीं है,
आगे बढ़ने वालों को*।।
* पढ़ो पढ़ो भारत संतान ,
ऊंचा रखो स्वाभिमान * ।।
*निज पर शासन फिर अनुशासन*
*नशा नाश का द्वार है ।।*
*अणुव्रत का संदेश और सुखी जीवन का मूल मंत्र
। वृक्ष लगाओ ।। वृक्ष बचाओ* ।
*अनुशासन जहां दूसरों की विचारधारा से प्रभावित होता है, वहां संयम आत्म नियंत्रण की प्रक्रिया है* ।।
सेल्फ कंट्रोल के द्वारा उन्होंने अणुव्रत आचार संहिता,विद्यार्थी अणुव्रत और चरित्र निर्माण पर जोर दिया तथा कहा कि हम अपने दैनिक जीवन में हिंसा , झूठ , चुगली ,इत्यादि बुराइयों को अपने से दूर रखें तथा तथा सभी व्यसन त्याग कर और मोबाइल का अधिकाधिक उपयोग करने से बचें । सभी प्रकार के व्यसन जिसमें मदिरापान ,तंबाखू ,गुटका ,सिगरेट इत्यादि के सेवन से बचने का आव्हान किया और इको फ्रेंडली फेस्टिवल पर जोर देते हुए बच्चों को होली के अवसर पर गंदे रंगों के स्थान पर गुलाल से या फूलों से होली खेलने का परामर्श दिया । उन्होंने आचार्य तुलसी को उदधरित करते हुए कहा कि वे कहा करते थे कि
*इंसान पहले इंसान*
*फिर हिंदू या मुसलमान*
* इंसान का इंसान से हो भाईचारा*,
*यही है पैगाम हमारा
यही है पैगाम हमारा *।।
आओ ,अणुव्रत की अलख जगाए हम को स्वर्ग बनाएं ।।
अणुव्रत आंदोलन के प्रणेता भारत ज्योति पूज्य गुरुदेव आचार्य तुलसी के साथ कई अवसर पर मुझे निकट सानिध्य और उनसे भेंट वार्ता करने का अवसर प्राप्त हुआ, जिसे मैं अपने जीवन का सौभाग्य समझता हूं ।
गुरुदेव आचार्य तुलसी जी कहते थे कि *अतीत केवल सपना है ,
भविष्य केवल कल्पना है* ।
*बस ही केवल अपना है*
जिसमें हम अपने सपनो को साकार कर सकते हैं ।।
उनके द्वारा चलाए गये अणुव्रत आंदोलन के 75 वर्ष पूरे होने पर पूरे देश भर में अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है और इसका सम्पूर्ति समारोह आयोजित करने के उपलक्ष में आज अजमेर में एक बड़ी अणुव्रत रैली का आयोजन किया गया जिसमें अजय नगर और भगवानगंज की दो स्कूलों के लगभग 250-300 बच्चों ने भाग लिया । प्रारंभिक हतोत्साहन के बाद ,जहां मुझे यह कार्य अत्यंत कठिन और अत्यंत दुरूह प्रतीत हो रहा था ,पूज्य गुरुदेव वर्तमान आचार्य श्री महा श्रमण जी के आशीर्वाद और प्रेरणा से वह सुगमता पूर्वक सानंद संपन्न हो गया ,जिसके लिए हृदय की तमाम गहराइयों से आचार्य प्रवर को श्रद्धाशिक्त नमन ।।
अंत में बच्चों को ,जिन्होंने रैली में भरी दुपहरी में अपनी भागीदारी निभाई ,उन्हें बिस्कुट और चॉकलेट्स वितरित की गई तथा विद्यालय के स्टाफ के लिए भी अल्पाहार की व्यवस्था की गई।