लोकसभा आम चुनाव- 2024 : राजनैतिक दलों की बैठक आयोजित

अजमेर, 16 मार्च। लोकसभा आम चुनाव-2024 के लिए राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक शनिवार को कलक्टर सभागार में आयोजित की गई।

जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. भारती ने बताया कि राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ निर्वाचन प्रक्रिया के सम्बन्ध में चर्चा की गई। निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा आम चुनाव-2024 के अन्तर्गत प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले व्यय की अधिकतम सीमा 95 लाख निर्धारित की गई है। चुनाव से सम्बन्धित व्यय के लिए नॉमिनेशन से पूर्व अभ्यर्थियों को स्वयं एवं एजेन्ट के साथ संयुक्त बैंक खाता खुलवाना आवश्यक है। अभ्यर्थियों द्वारा नामांकन दिवस से मतदान दिवस के मध्य न्यूनतम 3 बार लेखों का निरीक्षण सम्बन्धित रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय जाना आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि चुनाव परिणाम घोषणा के 30 दिवस के भीतर अभ्यर्थियों द्वारा अंतिम लेखा जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। यदि रिर्टनिंग अधिकारी को ज्ञात होता है कि उम्मीदवार द्वारा कोई व्यय किया गया है किन्तु उसके लेखों में अंकित नहीं है अथवा निरीक्षण हेतु लेखे प्रस्तुत नहीं किए गए है तो 24 घंटे के भीतर साक्ष्य नोटिस जारी किया जाएगा। उम्मीदवार 48 घंटे के भीतर प्रत्युत्तर देगा तथा व्यय स्वीकार करने पर उसके चुनावी व्यय में शमिल कर लिया जाएगा। प्रत्युत्तर नहीं दिए जाने पर एफआईआर दर्ज होगी। यदि नोटिस के दिए गए प्रत्युत्तर अभ्यर्थी व उसका एजेन्ट साक्ष्य सहित विरोध करता है तो ऎसे प्रकरण डीईएमसी के समक्ष रखे जाएंगे।

उन्होंने बताया कि जनसभा एवं रैली आयोजित करने की अनुमति हेतु आवेदन के समय व्यय का ब्यौरा भी प्रस्तुत करना होगा अन्यथा अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम निर्वाचन की घोषणा की तिथि से संचालित होने लगा है। जिसमें प्राप्त सभी शिकायतों आदि की जाँच की जाएगी। उम्मीदवारों को उपयोग किए जाने वाले प्रस्तावित वाहनों का विवरण प्रस्तुत करना होगा एवं लिखित में अनुमति प्राप्त करनी होगी। एक रूपए प्रति पृष्ठ की दर पर लेखों की प्रति जनता द्वारा ली जा सकती है।

उन्होंने कहा कि आदर्श आचार सहिता की पालना अक्षरशः किये जाने के लिए उपस्थित सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। शासकीय कार्यालयों एवं भवनों पर किसी भी रूप में प्रचार सामग्री प्रयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऎसा पाये जाने पर नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी। निजी भवन पर चुनाव प्रचार-प्रसार सामग्री लगाने से पूर्व उस भवन के स्वामी की लिखित अनुमति आवश्यक है। अन्यथा अनियमित विरूपण करने पर चुनाव प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने बाबत नोटिस दिया जाएगा एवं नहीं हटाने की स्थिति में स्थानीय निकाय द्वारा हटाने की कार्यवाही कर खर्चा अभ्यर्थी से वसूली कर चुनाव व्यय में सम्मिलित किया जाएगा। वाहन पर लाउड स्पीकर का उपयोग के लिए संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करनी होगी एवं रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक लाउड स्पीकर का उपयोग वर्जित है।

उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के पश्चात इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी निजी सम्पत्ति के मालिक अथवा स्वामी की बिना अनुमति के कोई नारा, पोस्टर एवं बैनर आदि नहीं लगाया जाए। यदि वहां लगाया जाए तो सम्पत्ति के स्वामी से लिखित सहमति प्राप्त कर ही लगाया जाए तथा इसकी सूचना संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एसडीएम) को भी प्रस्तुत की जाए। विज्ञापन स्थलों पर विज्ञापन प्रदर्शित करने की अनुमति के लिए राजनैतिक दलों एवं अभ्यथियों द्वारा आवेदन पत्र उपखण्ड मुख्यालयों पर संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत किये जायेंगे और जिला मुख्यालय पर स्थित उपखण्डों के क्षेत्रों के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत किये जायेंगे। जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होते ही पूर्ण रूपेण पालना सुनिश्चित करवाने हेतु ध्यान आकर्षित कराया गया।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में अवैध रूप से शराब, कैश एवं आपराधिक प्रवृति के लोगों पर रोकथाम के लिए जिले में उड़न दस्ता दल एवं स्थैतिक निगरानी दल के भ्रमण की जानकारी दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज जयपुर के निर्देशानुसार आगामी लोकसभा आम चुनाव 2024 के दौरान कुल मतदान केन्द्रों में से 50 प्रतिशत मतदान केन्द्रों पर लाइव वेब कास्टिंग की जानकारी साझा की गई। चुनाव प्रचार-प्रसार में प्रयुक्त होने वाले वाहनों की जांच के दौरान किसी भी दल के अभ्यर्थी, अभिकर्ता एवं कार्यकर्ता के पास 50 हजार रूपये से अधिक नकद राशि या मतदाताओं को लुभाने वाले उपहार जिनका मूल्य रू. 10 हजार से अधिक मिलते हो तो जब्त किये जायेंगे। इस सम्बन्ध में आयकर विभाग द्वारा भी चुनावी व्यय पर विशेष रूप से निगरानी रखी जाएगी। मतदाताओं को भयभीत करने की सूचना, शराब, हथियार, भारी नगद राशि को जप्त करना, असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर निगरानी रखने का कार्य फ्लाईंग स्क्वाईड द्वारा किया जाकर संबंधित थानाधिकारी को सूचित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 40 प्रतिशत से अधिक विशेष योग्यजनों एवं 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाता जो मतदान केन्द्र पर पंहुचने में असमर्थ है, उनके लिए होम वोटिंग की जानकारी दी गई। प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए नियुक्त बूथ लेवल अधिकारी के साथ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दलों के बूथ स्तरीय अभिकर्ता (बीएलए) भी नियुक्त किये जाने का अनुरोध किया गया। वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार में सहयोग करने के लिए अनुरोध किया गया। मतदाताओं को ईवीएम के प्रति जागरूक करने एवं ईवीएम की कार्यप्रणाली से परिचित कराये जाने व नव मतदाताओं को ईवीएम द्वारा मतदान की प्रक्रिया की जानकारी के लिए प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में ईवीएम प्रदर्शन केन्द्र स्थापित किये गए है, इसकी जानकारी बैठक में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ साझा की गई।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन से संबंधी सूचनाओं हेतु मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज जयपुर की वेबसाईट सीईओ राजस्थान डॉट एनआईसी डॉट इन पर का अवलोकन किये जाने की जानकारी दी गई। बैठक में उपस्थित राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया गया कि वोटर हेल्पलाईन एप से वोटर लिस्ट में नाम ढूंढने, ऑनलाइन फार्म भरने, स्टेटस जांचने, शिकायत करने में सहायता मिलेगी। आदर्श आचार संहिता की शिकायत के संबंध में सी-विजिल ऎप के माध्यम से शिकायत की जा सकती है। हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 1950 पर कॉल करके भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि चुनाव के खर्चो पर आयोग द्वारा जारी निर्देशों की पालना में सुनियोजित तरीके से नियन्त्रण किया जाकर निर्धारित सीमा के अन्तर्गत ही व्यय किया जाए। जिससे चुनावों में अत्यधिक व अवैध खर्चा भ्रष्टाचार का मूल कारण न बने। राजनैतिक दलों द्वारा किये जाने वाले व्यय का आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत आंकलन एवं समीक्षा की जाकर वैध-अवैध व्यय का निर्धारण निर्वाचन व्यय लेखा प्रकोष्ठ एवं निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक द्वारा किया जाएगा। निर्वाचन व्यय पर्यवेक्षक द्वारा निर्वाचन व्यय से संबंधित सामग्री का निरीक्षण भी किया जाएगा। राजनैतिक दलों द्वारा निर्वाचन व्यय का विधिवत लेखा पंजिका संबंधित दल अथवा पार्टी द्वारा संधारित किया जाए ताकि निर्वाचन व्यय, आयोग द्वारा निर्धारित सीमा के अन्तर्गत रहे।

उन्होंने कहा कि नामांकन की तारीख से परिणाम घोषित होने तक खर्चे का हिसाब रखा जाना आवश्यक है। धारा 78 के तहत समस्त अभ्यर्थियों को चुनाव परिणाम घोषित होने से 30 दिनों के भीतर अपने खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करना अनिवार्य है। धारा 127-ए के तहत प्रत्येक मुद्रित चुनाव प्रचार सामग्री पर प्रकाशक व मुद्रक का नाम व पता अंकित होना आवश्यक है। उम्मीदवार एवं प्रकाशक द्वारा अपनी पहचान दो जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा साबित करने पर ही प्रचार सामग्री का मुद्रण किया जाएगा। प्रत्येक मुद्रित प्रचार सामग्री की प्रति मय घोषणा-पत्र के जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। इन आदेशों का उल्लंघन करने पर प्रकाशक, उम्मीदवार एवं मुद्रक को 6 माह का कारावास अथवा 2 हजार रूपये के जुर्माने अथवा दोनों से दण्डनीय का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 के अन्तर्गत नियम 85-बी के तहत सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों द्वारा प्रति वर्ष उनके द्वारा किये जाने वाले खर्चे का हिसाब भारत निर्वाचन आयोग को पेश किया जाना आवश्यक है। नियम 86-के तहत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार द्वारा खर्चे का हिसाब रखने के लिए रजिस्टर का प्रारूप निर्धारण है। नियम-87 के तहत उम्मीदवार द्वारा हिसाब प्रस्तुत करने के दो दिन में जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) द्वारा हिसाब का प्रकाशन व प्रदर्शन किया जायेगा। नियम-88 के तहत कोई भी व्यक्ति उम्मीदवार द्वारा प्रस्तुत किये गये हिसाब को देख सकेगा एवं प्रतिलिपी प्राप्त कर सकेगा।

उन्होंने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता 1860 के अन्तर्गत धारा 171-बी के तहत निर्वाचन के दौरान रिश्वत अथवा लालच लेना गैर कानूनी अपराध है। धारा 171-ई के तहत अपराध कार्य करने पर एक साल की सजा का प्रावधान है। धारा 171-सी के तहत स्वतन्त्र मतदान के उपयोग में बाधा डालने की मंशा से काम करना निर्वाचन अपराध है। धारा 171-एफ के तहत यह अपराध करने पर एक वर्ष की सजा का प्रावधान है। धारा 171-एच में उम्मीदवार की लिखित इजाजत के बिना प्रचार-प्रसार का खर्चा करना गैर-कानूनी होगा। धारा 171-आई में उम्मीदवार द्वारा चुनाव खर्च का हिसाब नहीं रखना गैर-कानूनी है जिस पर 500 रूपये का जुर्माना निर्धारित है।

उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार एआईआर-1999 व एचसी-252 के अनुसार निर्वाचन खर्चे का ब्यौरा प्रस्तुत नहीं करने या गलत प्रस्तुत करने पर उम्मीदवारी अयोग्य घोषित की जा सकती है। अवैध नगद राशि परिवहन के प्रचलित साधन के अन्तर्गत एम्बुलेन्स, कार के बोनट, टायर स्टेपनी, डोर पेनल, बसों की छत पर, हैलीकॉप्टर, प्रचार में प्रयुक्त वाहन को माना जाएगा। नकद परिवहन के सम्बन्ध में सामान्य परिस्थितियों में नकद परिवहन गैर कानूनी नहीं है, परन्तु अघोषित होने पर आयकर विभाग द्वारा सीज किया जा सकता है। विदेशी मुद्रा होने पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कार्यवाही कर सीज की जा सकती है। यदि नगद राशि रिश्वत, आतंक, नशीले पदार्थो के लिए उपयोग में लिये जाने की संभावना होने पर पुलिस द्वारा सीज की कार्यवाही की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन में काले धन के उपयोग पर मीडिया द्वारा नैतिक मतदान का प्रचार-प्रसार, चुनाव के दौरान युवा वर्ग व विद्यालय, महाविद्यालय के विद्यार्थियों के मध्य नैतिक मतदान हेतु चेतना एवं विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों एवं संस्थाओं आदि के माध्यम से नैतिक मतदान हेतु प्रचार-प्रसार कर नियन्त्रण के उपाय रहेगें। इसके अतिरिक्त राजनैतिक दलों द्वारा किये जा रहे चुनाव प्रचार-प्रसार व व्यय पर वीडियो सर्वेलेन्स टीम, वीडियो विंयुईग टीम, स्टेटिक सर्वेलेन्स टीम एवं अकाउण्ट टीम द्वारा निगरानी रखी जाकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने कहा कि चुनावी खर्चो का हिसाब रखने हेतु प्रत्येक उम्मीदवार को पृथक से बैंक खाता खुलवाना होगा, जिसके माध्यम से ही समस्त चुनावी खर्चो का भुगतान करना होगा एवं इस बैंक खाते का विवरण नाम निर्देशन-पत्र में अंकित करना अनिवार्य होगा तथा चुनाव हिसाब के साथ बैंक स्टेटमेन्ट की प्रमाणित प्रतियां पेश करनी होगी। बैंक खाता तुरन्त खोलने बाबत समस्त बैंक अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। उम्मीदवार द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले नाम निर्देशन-पत्र के साथ संलग्न शपथ-पत्र में अचल सम्पत्ति की लागत व बाजार मूल्य, बैंक जमा व शेयर एवं वास्तविक देयताएं जिसमें राजकीय देयताएं व विवादित देयताओं का भी उल्लेख करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त स्वयं पत्नी व बच्चों के पेन कार्ड, अंतिम आयकर रिटर्न की प्रतियां, मुकदमा लम्बित होने की सूचना, पूर्व में हुई सजा के आदेश का भी उल्लेख करना होगा। उम्मीदवारों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में तीन बार अखबार और टीवी पर विज्ञापन के जरिए जानकारी देनी होगी। विदेशों में मौजूद अपनी और परिजनों की संपत्ति का ब्योरा देना होगा। नामांकन पत्र में कॉलम खाली छोड़ा तो यह खारिज होगा।

उन्होंने कहा कि राजनैतिक दलों के स्टार प्रचारक के निजी वायुयानों, हेलीकॉप्टर से आने-जाने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट व एयर स्टि्रप पर पूर्ण जांच की जाएगी। उम्मीदवार या दल, वायुयान अथवा हेलीकॉप्टर के उतरने के 24 घण्टे पूर्व सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) को देनी होगी। हवाई यात्राओं पर किये जाने वाले व्यय का ब्यौरा 5 दिवस में प्रभारी अधिकारी, निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा एवं उक्त व्यय चुनावी खर्चे में सम्मिलित किया जाएगा। हवाई यात्रा के दौरान मीडिया, फोटो, पोस्टर, आदि पर किया जाने वाला व्यय भी चुनावी खर्चे में माना जाएगा। 10 लाख रूपये से अधिक के परिवहन व्यय की स्थिति में आयकर विभाग को करना होगा।

उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मोनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है। इसकी अध्यक्षता जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर), अधिकारियों के साथ स्वतंत्र नागरिक सदस्य होगें। जो उम्मीदवारों द्वारा दिये जाने वाले प्रचार प्रस्तावों का प्रमाणीकरण एवं संदिग्ध पेड न्यूज की निगरानी रखेगें। किसी उम्मीदवार की शिकायत प्राप्त होने पर उसे नोटिस जारी किया जाकर जवाब प्राप्त करेगें तथा उस जवाब पर यह समिति उचित निर्णय करेगी। उम्मीदवार द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिये जाने पर एमसीएमसी का निर्णय अंतिम होगा। व्यय पर्यवेक्षक द्वारा एमसीएमसी के निर्णयों से चुनाव आयोग को अवगत कराया जाएगा। एमसीएमसी हेतु पृथक कक्ष की स्थापना की जाएगी जिसमें टी.वी., केबल कनेक्शन सहित समस्त समाचार-पत्र उपलब्ध करवाये जायेगें।

उन्होंने कहा कि समस्त राजनैतिक दलों द्वारा विभिन्न समाचार-पत्रो के माध्यम से पेड न्यूज एवं उन पर किये जाने वाले व्यय पर निगरानी रखी जाएगी तथा पेड न्यूज पर होने वाले व्यय को उम्मीदवार द्वारा चुनावी खर्चो में सम्मिलित किया जावेगा। प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिये फ्लाईंग स्क्वायड टीमों का गठन किया गया है, जो किसी भी प्रकार की सूचना एवं शिकायत पर तुरन्त मौके पर पहुंच कर जांच कार्यवाही सम्पादित कर वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए आयोग के निर्देशानुसार समुचित कार्यवाही करेगी।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवार द्वारा प्रयुक्त किये जाने वाले वाहन की स्वीकृति प्रभारी अधिकारी
अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अजमेर एकल खिडकी (सिंगल विन्ड्रो सिस्टम) के यहां से विधिवत प्राप्त कर अनुमति पत्र को वाहन की विंड स्क्रीन पर लगाना होगा। उम्मीदवार के अतिरिक्त अन्य किसी भी व्यक्ति द्वारा इस अनुमत वाहन का प्रयोग किये जाने की स्थिति में वाहन जप्त कर लिया जाएगा। निर्दलीय उम्मीदवार को अनुमत किये गये वाहन में किसी अन्य उम्मीदवार की प्रचार सामग्री पाये जाने की स्थिति में उम्मीदवार के वाहन व्यय में सम्मिलित किया जाएगा।

चुनाव प्रचार अथवा अन्य गतिविधियों हेतु सरकार, उपक्रम एवं विभाग के वाहनों का उपयोग प्रतिबंधित है। मतदान दिवस के दिन अभ्यर्थी द्वारा दो वाहनों का ही उपयोग अनुमत होगा। जिसकी अलग से अनुमति विधिवत प्राप्त करनी होगी। प्रचार के दौरान तीन से अधिक वाहन काफिले के रूप में नहीं होगें। प्रावधानों का उल्लंघन करने की स्थिति में वाहन जब्त कर लिया जाएगा। राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार-प्रसार के लिये प्रयुक्त किये जाने वाले वाहनों की सूची प्रभारी अधिकारी, सिंगल विन्डों प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराई जाकर विधिवत समक्ष स्वीकृति प्राप्त कर पास जारी करवाना सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के श्री जय किशन पारवानी एवं रचित कच्छावा, इण्डियन नेशनल कांग्रेस के श्री बिपिन बेसिल, बहुजन समाज पार्टी के श्री राजेश कुमार, श्री किरण, श्री भैरोराम, आम आदमी पार्टी के डॉ. एच.एन. चौहान, उपस्थित रहे।

error: Content is protected !!