करे कोई भरे कोई, वाली कहावत इन दिनों दी अरबन कॉओपरेटिव बैंक लिमिटेड के खाताधारको के साथ चरितार्थ हो रही है। बैंक को करोडों रूपये का चूना लगाने वाले तत्कालीन प्रबंधकों और सदस्यो की करनी का फल तकरीबन 20 हजार खाताधारको केा भुगतना पड रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दी अरबन कॉओपरेटिव बैंक पर पैसा निकालने पर लगाये गये प्रतिबंध के चलते कई खाताधारक अब आत्महत्या करने के मजबूर हेा रहे है। ऐसी ही एक बेवा ने अपने बुढापे का सहारा बनने वाली राशी जब बैंक से निकलवाना चाहा तो उसे दुत्कार मिली। महिनो से अपना पैसा लेने के लिए बैंक के कर्मचारियो की गाली और उल्हाने सुनने वाली पीड़िता खाताधारक मधु सोनी ने शुक्रवार को बैंक पहुंच कर अपने पैसो का तकाज़ा किया तो उसे फिर दुत्कार ही मिली। इसी बीच 12 लाख रू बैंक से लेने वाले खाताधारक तेजपाल सिंह भी आ पहंुचे। उन्होने भी अपने बेटे बटियों की शादी के लिए जमा की गयी रकम निकालने की कोशिश की तो उन्हे भी आरबीआई के निर्देशो का हवाला देकर टरका दिया गया। ऐसे अनेको उपभोक्ता जो अपने भविष्य के लिए जमा कराई गयी निधी लेने के लिए महिनो से बैंके के चक्कर काट रहे है लेकिन उन्हें मौजूदा बैंक स्टाफ द्वारा संतोषजनक जवाब नही दिया जा रहा। मधु सेानी के साथ हुए दुर्व्यवहार की सूचना जीसीए छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित मल्होत्रा केा लगी तो वो छात्रो के साथ बैंक जा पहुंचा और बैंक कर्मियो केा बाहर निकाल का शटर डाउन कर दिया। उनका कहना था कि जब बैंक से पैसो का लेन देन नही हो रहा तो बैंक खोलने का फायदा क्या।
बैंक मैनेजर रमेश चंद्र राठी ने बताया कि 20 उपभोक्ताओ का करीब 80 करोड रूप्या बैंक में जमा है लेकिन बैंक के कई बडे उपभोक्ताओ द्वारा लिये गये कॉमर्शियल लोन नही चूकाने से आरबीआई ने बैंक के सभी खाताधारकों पर 50 हजार से अधिक की रकम विड्रॉल करने पर पाबंदी लगा रखी है। अब सवाल ये उठता है कि बैंक में अपने भविष्य के लिए जमा कराये गये लाखो रू उपभोक्ताओ का क्या मौत के बाद मिल पायेंगें।