‘गड्ढे में छिपकर देखा था बेटियों का क़त्ल’
उस दिन कभी तेज बारिश, तो कभी बूँदा-बाँदी के चलते वहाँ गाँव की कच्ची सड़कों और गलियों तक फैली किच-पिच से पुरानी यादें ताजा हो उठीं. ठीक सोलह साल पहले, 11 जुलाई को ऐसा ही मौसम था, जब इस बथानी टोला पर दोपहर के समय रणवीर सेना का हमला हुआ था. अगले दिन जब … Read more