कोयला उत्पादन बढ़ा मिलेगी ज्यादा बिजली

आने वाले दिनों में देश को कम बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। घरेलू कोयला उत्पादन में रिकॉर्ड नौ फीसद की वृद्धि हुई है और बिजली संयंत्रों को कोयला आपूर्ति में भी सुधार हुआ है। उत्पादन बढ़ने से उत्साहित कोल इंडिया ने अब जल्दी ही बिजली कंपनियों के साथ कोयला आपूर्ति समझौता [एफएसए] करने का फैसला किया है।

कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का कहना है कि सिर्फ कोयला उत्पादन में ही वृद्धि नहीं हुई है, बल्कि कोयला ढुलाई में भी 8.7 फीसद का इजाफा हुआ है जो अपने आप में रिकॉर्ड है। इसके लिए उन्होंने रेल मंत्रालय का भी आभार जताया जिसने ढुलाई के लिए रैक उपलब्ध कराने में काफी सहयोग दिया है। अप्रैल से सितंबर के दौरान बिजली क्षेत्र को मिलने वाले कोयले में भी काफी सुधार हुआ है। इस दौरान बिजली संयंत्रों को 17 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की गई है जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12 फीसद ज्यादा है। जायसवाल ने बताया कि देश की दिग्गज बिजली कंपनी एनटीपीसी को कोयला आपूर्ति में 18 फीसद की वृद्धि हुई है।

वर्ष 2012-13 के लिए कोल इंडिया ने 46.4 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इन छह महीनों में 20.83 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हो चुका है। जायसवाल का कहना है कि शेष छह महीनों में जब कोयला खनन के लिए मौसम अनुकूल होता है, हम सालाना लक्ष्य से ज्यादा उत्पादन करने की कोशिश करेंगे। चालू वित्त वर्ष 12वीं पंचवर्षीय योजना का पहला साल है। रिकॉर्ड उत्पादन कर इस योजना का अच्छा शुभारंभ किया जा सकता है। इस योजना के शेष वर्षो में उत्तरी कर्णपुरा, मांड-रायगढ़, आइबी वैली सहित कई बड़े कोयला खदानों में उत्पादन शुरू किया जाएगा। इससे उम्मीद है कि ताप बिजली घरों को पिछले कुछ सालों की तरह कोयला मिलने में दिक्कत नहीं होगी।

उत्पादन बढ़ने से उत्साहित कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया पर बिजली कंपनियों के साथ ईधन आपूर्ति समझौता [एफएसए] करने के लिए दबाव और बढ़ा दिया है। कोल इंडिया के चेयरमैन एस नरसिंग राव ने उम्मीद जताई कि अगले महीने तक सभी बिजली कंपनियों के साथ एफएसए हो जाएगा। इसके मुताबिक कोल इंडिया बिजली कंपनियों को न्यूतनम 80 फीसद कोयला देने के लिए बाध्य होगी। ऐसा नहीं करने पर उसे हर्जाना देना पड़ सकता है। राव के मुताबिक घरेलू उत्पादन कम होने की स्थिति में कोल इंडिया आयातित कोयले के मिश्रण की आपूर्ति करने को तैयार है।

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