सरकार ने सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने के संकेत दिए

सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या प्रति वर्ष और प्रति परिवार छह तक सीमित किए जाने के सरकार के फैसले का विपक्ष ने लोकसभा में कड़ा विरोध किया, जिसके बाद सरकार ने संकेत दिए कि सांसदों और जनता की मांग पर इस फैसले पर विचार किया जा रहा है।

सदन में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने एलपीजी कोटा समाप्त किए जाने की पुरजोर मांग करते हुए कहा कि सरकार ने महंगाई बढ़ाकर एक तो वैसे ही सभी उपभोक्ता वस्तुओं में आग लगा दी है और अब ऊपर से खाने पकाने के काम आने वाली गैस को ही बुझा दिया है।

तृणमूल कांग्रेस सदस्य भी एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सालाना 24 किए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। जेडीयू सदस्य भी आसन के समक्ष आए, लेकिन पार्टी नेता शरद यादव उन्हें समझा-बुझाकर वापस ले गए। उधर, बीजेपी सदस्य एलपीजी कोटे को ही समाप्त किए जाने की मांग को लेकर अपने स्थान से नारेबाजी करने लगे।

सुषमा स्वराज के सवाल के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस मुद्दे पर बड़ी संख्या में सांसदों और आम जनता की ओर से प्रतिवेदन मिले हैं तथा सरकार गंभीरता से इस संबंध में विचार-विमर्श कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वयं उन्होंने इस मसले पर वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री से बात की है।

उन्होंने हालांकि कहा कि एलपीजी सिलेंडरों पर एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है और तेल विपणन कंपनियां घाटे के चलते संकट में हैं। उन्होंने कहा कि छह सिलेंडरों की राशनिंग के बाद भी तेल विपणन कंपनियों को 36 हजार करोड़ रुपये का बोझ उठाना पड़ रहा है।

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय ने एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सालाना 24 किए जाने की मांग करते हुए कहा कि पार्टी के छह मंत्रियों ने इसी मुद्दे पर सरकार से इस्तीफा दिया। उन्होंने सरकार से इस संबंध में स्पष्ट जवाब की मांग की। बीजेपी समेत लगभग पूरा विपक्ष सरकार के इस फैसले से आक्रोशित नजर आ रहा था। उधर, सपा सदस्य भी अग्रिम पंक्तियों में आकर सरकार के इस फैसले का विरोध करते देखे गए।

पेट्रोलियम मंत्री मोइली ने अपने जवाब में कहा कि विश्वभर में एलपीजी की कुल मांग का 75 फीसदी भारत में उपभोग किया जाता है, क्योंकि विकसित देशों में बिजली और गैस का इस्तेमाल होता है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि एलपीजी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है और खाड़ी देश भी इसकी आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं।

मोइली ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम के देश में 419.22 लाख ग्रामीण घरेलू एलपीजी उपभोक्ता हैं, जो देश में कुल ग्रामीण परिवारों का 25 फीसदी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने ‘विजन 2015’ तैयार किया है, जिसके तहत वर्ष 2009 से 2015 के बीच देश में विशेषकर ग्रामीण इलाकों में एलपीजी के 5.5 करोड़ नए कनेक्शन दिए जाएंगे।

मोइली ने साथ ही बताया कि एलपीजी उपभोक्ताओं को सब्सिडी की राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित करने की योजना पर सरकार विचार कर रही है और मैसूर में आधार नंबर के जरिये प्रायोगिक आधार पर इसे शुरू भी किया गया है।

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