निराशा का अंधेरा: आशा का उजाला

सफल एवं सार्थक जीवन जीने के लिये हमें ऐसी तैयारी करनी होगी जहां हमारा हर कर्म एवं सोच हमें नया आयाम दे, नया वेग दे और नया क्षितिज दे। यूं कहा जा सकता है कि जहां जीवन में बदलाव का ऐसा प्राणवान और जीवंत पल हमारे हाथ में होगा, जिससे हम एक दिव्य, भव्य और … Read more

विदेशों में ही क्यों बढ़ रही है हिन्दी की ताकत

भारत एक है, संविधान एक है। लोकसभा एक है। सेना एक है। मुद्रा एक है। राष्ट्रीय ध्वज एक है। लेकिन इन सबके अतिरिक्त बहुत कुछ और है जो भी एक होना चाहिए। बात चाहे राष्ट्र भाषा हो या राष्ट्र गान या राष्ट्र गीत- इन सबको भी समूचे राष्ट्र में सम्मान एवं स्वीकार्यता मिलनी चाहिए। राष्ट्र … Read more

सावन की पुकार…!!

कांवड़ यात्रा पर विवाद से दुखी है खांटी खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा बुलाते हैं धतुरे के वो फूल धागों की डोर बाबा धाम को जाने वाले रास्ते गंगा तट पर कांवरियों का कोलाहल बोल – बम का उद्गघोष मदद को बढ़ने वाले स्वयंसेवियों के हाथ कांवर की घंटी व घुंघरू शिविरों में मिलने वाली शिकंजी … Read more

क्या आप अपने जिद्धी और अडियल बच्चे से परेशान है ?

जानिये जिद्दी-अडियल बच्चे को समझदार बनाने के कारगार तरीके—–– जिद्दी और अडियल बच्चे किसी न किसी परिवार में होते ही हैं | उन्हें संभालना या उनका लालन पोषण उनके माता पिता के लिये गम्भीर चुनौती बन जाती है | ऐसे बच्चों से उनके देनिक कार्य यथा नहलाना, खाना खिलाना, सुलाना, पढ़ाना आदि भी अत्यधिक मुश्किल … Read more

निजता के किले का ध्वस्त होना

व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदत्त सबसे अनमोल और महत्वपूर्ण अधिकार है। निजता वह अधिकार है जो किसी व्यक्ति की स्वायतता और गरिमा की रक्षा के लिये जरूरी है। वास्तव में यह कई अन्य महत्त्वपूर्ण अधिकारों की आधारशिला है। लेकिन इनदिनों व्यक्तिगत स्वतंत्रता के हनन की घटनाओं से आम आदमी डरा हुआ है। बात … Read more

श्रध्दा सुमन चढ़ाएं हम

भारत माँ के ध्वज को हमने , लहू देकर फहराया है । राष्ट्रगान जन गण मन सबके , होठों पर तब आया है । जीते जी दीवार चुन गए , हँसते- हँसते फाँसी पर । अंगारों पर चलकर हमने , वंदे मातरम गाया है । सारा जीवन होम कर दिया , आज़ादी की वेदी पर … Read more

नाग पंचमी के झूले

बात शायद उस समय की होगी जब ब्लेक एंड व्हाइट टीवी की जगह सब बी.पी. एल. के कलर टीवी ले रहे थे और साथ में रिमोट जैसा नया यंत्र भी उपलब्ध हो रहा था। ” बाल्यावस्था की स्वर्णिम स्मृतियों से”। खण्डवा शहर में त्योहारों के मौसम श्रावण में कई प्रकार के मेले लगते थे जैसे … Read more

आरक्षण के ”जिन्न“ को बोतल से बाहर न निकालें

महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा आंदोलन की आग जैसे-जैसे तेज होती जा रही है, एक गंभीर संकट की स्थिति बनती जा रही है। मराठा आरक्षण आंदोलन की मांग को लेकर खुदकुशी एवं आत्मदाह करने की संख्या तो बढ़ ही रही है, मराठा समुदाय के लोग मुंबई में जेल भरो आंदोलन कर रहे … Read more

सह लिए तो सही , नहीं तो नालायक …!!

जी हां … यह हर उस संवेदनशील व्यक्ति की विडंबना है जो गलत होते देख नहीं पाता। लेकिन मुश्किल यह कि विरोध करना भी हर किसी के बूते की बात नहीं। क्योंकि समाज का सीधा नियम है कि सह लिया तो सही नहीं तो नालायक…। बाल विवाह और मृत्युभोज समेत तमाम ऐसी सामाजिक बुराइयां थी, … Read more

वास्तविक आम आदमी को ही सत्ता तक पहुंचाना होगा

वर्तमान परिप्रेक्ष्य मे जिस प्रकार की घटनाऐं राजनीतिक घरातल पर घटित हो रही है उनसे आम आदमी भ्रमित हो रहा है आम_आदमी ये नहीं समझ पा रहा कि सरकार हमारे लिए काम करने के लिए बनाई गई है या हमारे विरूध काम करने के लिए। संविधान का और सर्वोच्च न्यायालय का जिस प्रकार पिछले कुछ … Read more

सत्य प्रताड़ित हुआ पर पराजित नहीं !

भंवर मेघवंशी 10 मार्च 2007 वह मनहूस दिन था ,जब मेरे दो पत्रकार साथियों ( अब्दुल हमीद बागवान और योगेंद्र सिंह पंवार ) को भीलवाड़ा पुलिस द्वारा कईं गंभीर धाराओं में दर्ज कराए गए एक मुकदमे में गिरफ्तार कर लिया। मुझे सुबह सुबह तत्कालीन जिला कलेक्टर से यह जानकारी मिली ,यह हैरत करने वाली जानकारी … Read more

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