अरविन्द केजरीवाल का विरोध आखिर क्यो?

देश में भ्रष्टाचार, चमचागीरी, सत्ताई दलाली, चारणभाटी अब कुछ लोगों के लिए रोजी रोटी बन चुका हैं। और यह सत्य है कि कोई भी सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन रोजी रोटी पर लात पड़े तो वह कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। आज घूसखोरी, कमीशन कुछ लोगों के लिए रोजगार बन चुका है। थाने, सरकारी … Read more

विदेशों से घटिया जूता खरीद

सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए घटिया खरीद पर उच्चतम न्यायालय ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि ”हम परमाणु क्षमता रखते हैं। मंगल पर यान भेज रहे हैं, फिर जूते जैसी छोटी-छोटी चीजें विदेश से क्यो मंगा रहे हैं और वह भी खराब क्वालिटी के“। विदेशी सामग्रीयों की बिक्री, आयात और उपभोग से न … Read more

पण यो पाडो पैलां रे खूंटे नी बंध जावे

शाहपुरा: चुनावी चुहल / लोककवि स्व. श्री मोहन मण्डेला की पुण्यतिथि 29 नवम्बर पर -मूलचन्द पेसवानी. शाहपुरा- ‘‘नान्यो नेतागिरियां कर रह्यो है तो करबा दे,  जनता को लोठ्यो भर रह्यो है तो भरबा दे,  पण जदैं आपणो पाडो, भैंस पराई चूख्यावे,  ई म कइं कुळ रे दाग लागणो है, पण यो पाडो पैलां रे खंूटे नी बॅध जावे, … Read more

इस बार कोई तीसरा ही जीतेगा

चुनाव के दिनों में एक प्रमुख शहर में एक दल की लाख कोशिशों के बावजूद उनका उम्मीदवार चुनाव हार जाता था. इस बारे में पार्टी में विचार हुआ कि हम बार बार क्यों हार जाते हैं? हमने चुनाव के दिनों में खूब जातिवाद का प्रचार करके देख लिया, समाज के मंदिर में जाति की पंचायत … Read more

एक और ताजमहल

दिल्ली से 55 किलोमीटर दूर यूपी में एक जिला है बुलंदशहर. यहां के एक गांव कसेर कलां में आजकल अक्सर देशी विदेशी पत्रकार और सैलानी घूमते दिख जाते हैं. वजह है ताजमहल, वो ताजमहल जो यहां के रहने वाले रिटायर्ड पोस्टमास्टर फैज़ुल हसन कादरी ने अपनी बीवी की याद में बनवाया है. ये ताजमहल आगरा … Read more

जब महाराजा ने 1989 में त्रिपोलिया दरवाजा आमजन के लिए खोला

जयपुर। गुलाबी नगर की छोटी चौपड से बडी चौपड तक के बाजार को त्रिपोलिया बाजार कहते हैं।इसके ठीक सामने सवाई मान सिंह हाइवे है, जिसे चौड़ा रास्ता के नाम से भी जाना जाता है।गुलाबी नगर के भव्य व आकर्षक त्रिपोलिया दरवाजा जिस पर पीला रंग हो रहा है, महाराजा जय सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह … Read more

यह कैसा भारत-रत्न ?

-डॉ. वेदप्रताप वैदिक- सचिन   तेंदुलकर   को  भारत-रत्न    क्या  मिला,  अब कई अन्य  विभूतियों  के  लिए  भारत-रत्न की मांग होने लगी है।  लोग पूछ रहे हैं कि जब आपने सचिन को यह सम्मान देने  के लिए उसकी  नियमावलि में संशोधन  कर दिया  तो  फिर  जो लोग  पहले  से  इस सम्मान के योग्य हैं, उन्हें  आप  … Read more

अबला तेरी यही कहानी…

-अश्वनी कुमार- दुनिया भर में महिलाओं कि स्थिति को देखकर आज राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त द्वारा लिखी गई कविता “अबला जीवन तेरी  यही कहानी, आंचल में है दूध और आंखों में पानी” याद आ गयी कितनी प्रासंगिक लगती है ये कविता आज भी, जिस समय लिखी गयी थी उस समय कि बात तो समझ में आती है … Read more

शो मस्ट गो ऑन

-अब्दुल रशीद-  दिल्ली दरियागंज यूँ तो बेहद गतिशील इलाका जहां ठहराव का नामोनिशां तो दूर दूर तक नजर नहीं आता है. लेकिन मुझे तो वहीँ ठहराना था, मिलाना था ऐसे इंसान से जिसकी कलपना में चमक दमक भरी दुनियाँ का शोरगुल नहीं, जिसकी तपस्या में समन्दर सी गहराई तो दिखी लेकिन कोई मेनका नहीं.उसकी सोंच … Read more

नमो का विरोध आखिर क्यों?

प्रजातंत्र में जब सबकुछ जनता को ही तय करना है तब आखिर देशभर के नेता, बुद्धीजीवी, विचारक, समाजसेवी एवं अनेकों प्रकार के लोग आखिर मोदी विरोधी बयान क्यों दे रहे हैं? और यह बयानबाजी जब सात समुन्दर पार अंतर्राष्ट्रीय मीडियाओं द्वारा आने लगे वह भी एक प्रजातांत्रिक देश के लिए तो स्थिति का आंकलन स्वतः … Read more

रवीश कुमार की बात पर, मोहर नहीं हैं हाथ पर !

-निरंजन परिहार- रवीश कुमार बिहार में अपने गांव जाकर आए हैं। गांव में जो उन्होंने देखा, जाना, समझा, महसूस किया और पाया, वह पूरी बेबाक किस्म की ईमानदारी से अपनी कलम से निचोड़कर उन्होंने जस का तस पेश कर दिया। रवीश की बातों के सार को अपने शब्दों में पेश करते हुए एक लाइन में तो … Read more

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