अजमेर, (एस. पी. मित्तल) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रविवार को हुए पहले मंत्रिमंडल के विस्तार में केन्द्रीय राज्यमंत्री बने अजमेर के सांसद प्रो.सांवरलाल जाट ने अपनी राजनीति जीवन की शुरुआत जनता दल के विधायक से की थी। जिले के भिनाय कस्बे के निवासी प्रो.जाट राजनीति में आने से पहले जयपुर के एक निजी कॉलेज में व्याख्याता के पद पर कार्यरत थे।
प्रो.जाट राजस्थान की राजनीति में तब सक्रिय हुए जब गठबंधन की गैर कांग्रेसी सरकार का दौर चला। 1990 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और जनता दल ने मिलकर चुनाव लड़ा। तब अजमेर जिले की भिनाय विधानसभा सीट को भाजपा को समझौते में छोडऩा पड़ा। इसी क्षेत्र से तब जाट ने पहली बार विधानसभा का चुनाव जनता दल के उम्मीदवार के रूप में लड़ा और विधायक बने। तब जनता दल के विधायकों के समर्थन से ही भैरूसिंह शेखावत ने गठबंधन की सरकार बनाई, लेकिन 1991 में जनता दल के केन्द्रीय नेतृत्व ने भाजपा के साथ गठबंधन को समाप्त कर दिया। जनता दल के समर्थन वापस लेने से सरकार गिरती, इससे पहले ही शेखावत ने राजस्थान में जनता दल के दो टुकड़े करवा दिए। उणियारा के जनता दल के विधायक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में 21 विधायकों ने जनता दल (दिग्विजय सिंह) बना लिया। इन्हीं 21 विधायकों में प्रो. सांवरलाल जाट भी शामिल थे। चूंकि जाट ने भाजपा की अल्पमत सरकार को टिकाए रखने में मदद की इसलिए बाद के चुनाव में प्रो.जाट को भिनाय से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया। भाजपा विधायक बनने पर प्रो.जाट शेखावत मंत्रिमंडल में तो मंत्री बने ही, बाद में वसुंधरा राजे की सरकार में भी सिंचाई एवं जल संसाधन जैसे विभाग के मंत्री रहे। जनता दल को छोडऩे के बाद जाट ने हमेशा ही भाजपा का दामन थामे रखा। सरकार शेखावत की नहीं पर वसुंधरा राजे की दोनों में ही जाट की प्रभावी भूमिका रही। प्रो. जाट भिनाय विधानसभा क्षेत्र से लगातार जीतते रहे, लेकिन विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन पर भिनाय विधानसभा क्षेत्र समाप्त हो गया, फलस्वरूप प्रो. जाट को 2008 में जिले के नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩा पड़ा, तब पहली बार जाट को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन गत चुनावों में जाट ने कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले नसीराबाद से ही कांग्रेस प्रत्याशी महेेन्द्र सिंह गुर्जर को 28 हजार मतों से पराजित कर दिया। वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बनी सरकार में प्रो. जाट को एक फिर जल संसाधन मंत्री बनाया गया, लेकिन लोकसभा चुनाव में वसुंधरा राजे के मिशन 25 को सफल बनाने के लिए प्रो. जाट को अजमेर संसदीय क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बना दिया। प्रदेश का जल संसाधन मंत्री पद छोड़ कर सिर्फ सांसद बनने में प्रो. जाट की कोई रुचि नहीं थी, लेकिन मोदी लहर में प्रो. जाट ने सचिन पायलट जैसे कांग्रेस के दिग्गज उम्मीदवार को भी करीब पौने दो लाख मतों से हरा दिया। सांसद बनने के साथ ही जाट को केन्द्र में मंत्री बनाने की मांग होने लगी थी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी चाहती थी कि जाट के केन्द्र में मंत्री बनाया जाए। अब चूंकि जाट केन्द्रीय मंत्री बन गए हैं, ऐसे में जाट के साथ-साथ मुख्यमंत्री को भी संतुष्टि मिली होगी। प्रदेश सरकार में मंत्री पद छोडऩे का गम अब प्रो. जाट को नहीं रहेगा।
अजमेर का बढ़ा राजनीतिक महत्त्व:
प्रो. जाट के केन्द्रीय मंत्री बनने से अजमेर का राजनीतिक महत्त्व और बढ़ गया है। पिछले दिनों राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार से अजमेर शहर के दोनों भाजपा विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया। इससे अजमेर के ही औंकार सिंह लखावत को राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। अजमेर के ही निवासी राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र सिंह यादव पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बने हुए हैं।
स्मार्ट सिटी को बनाने में मिलेगी मदद:
प्रो. जाट के केन्द्रीयमंत्री बनने से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी हाल ही की अमेरिका यात्रा में अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अमेरिका से समझौता किया है। राज्य सरकार में शहर के दो मंत्री तथा केन्द्रीय मंत्री आपस में मिलकर आने वाली सभी बाधाओं को हटाएंगे।